अंबाला, 15 नवंबर।     उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के परिवारों को कन्यादान के तौर पर अब 71 हजार रुपए की राशि दी जाती है। इस योजना के तहत शगुन के तौर पर 66 हजार रुपए की राशि शादी के अवसर पर तथा 5 हजार रुपए की राशि शादी के छ: माह के अन्दर-अन्दर शादी रजिस्ट्रेशन कार्यालय में आवेदन जमा करवाने के उपरान्त दी जाती है।
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि समाज के सभी वर्गों, जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम हो उन विधवा, तलाकशुदा, अनाथ, बेसहारा औरतों तथा बेसहारा बच्चों और उनकी शादी के लिए 51 हजार रूपए की राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि सामान्य एवं पिछड़े वर्ग से सम्बन्धित गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले, जिनकी वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है, उन व्यक्तियों की लडक़ी की शादी के लिए 31 हजार रुपए की राशि दी जाती है। इसके अतिरिक्त जिन अनुसूचित जाति के व्यक्तियों का बीपीएल कार्ड नहीं है तथा वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपए से कम है तो ऐसे व्यक्तियों की लड़कियों की शादी में 31 हजार रूपए की राशि दी जाती हैं। दोनों ही परिस्थितियों में 28 हजार रुपए शादी के समय तथा 3 हजार रुपए की राशि शादी के 6 माह के अन्दर-अन्दर शादी रजिस्ट्रेशन कार्यालय में आवेदन जमा करवाने के उपरान्त पात्र व्यक्ति के खाते में डाल दी जाती है।
्र उन्होंने बताया कि आवेदक को अपनी लडक़ी की शादी से 2 महीने पहले आवेदन करना होगा और शादी के 3 महीने बाद तक प्रार्थी के को किसी देरी के ठोस कारण सहित आवेदन कर सकता है। उन्होंने सभी पात्र आवेदकों से अपील की है कि शादी से 2 माह पहले ही आवेदन करें। देरी से प्राप्त आवेदनों को महानिदेशक, पंचकूला द्वारा अनुमति उपरान्त ही लाभ दिया जाएगा।

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