इसके बगैर कमिश्नर के हर आदेश-निर्देश  को  कोर्ट में  दी जा सकती‌ है चुनौती — हेमंत 
 
अम्बाला   – आज से  10 दिन पहले 3 नवम्बर 2024 को हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव  के अंतर्गत पड़ने वाले  कार्मिक विभाग द्वारा  जारी एक  आदेश  मार्फत   2018 बैच  के आई.ए.एस.  अधिकारी  सचिन गुप्ता   को मुख्य तौर पर अम्बाला
के  अतिरिक्त उपायुक्त (ए.डी.सी.) और जिला नागरिक संसाधन सूचना अधिकारी के पद पर तैनात किया गया और इसके  साथ साथ  उन्हें जिला  नगर आयुक्त  और  नगर निगम, अम्बाला के कमिश्नर के पद का भी अतिरिक्त कार्यभार प्रदान किया गया. उपरोक्त सरकार आदेश जारी होने के बाद  उन्होंने   उक्त सभी पदों का कार्यभार  भी संभाल लिया.
इसी बीच शहर निवासी  पंजाब एवं हरियाणा  हाई कोर्ट के  एडवोकेट एवं कानूनी विशेषज्ञ  हेमंत कुमार   ने  बताया कि सचिन गुप्ता  के  अम्बाला नगर निगम कमिश्नर के तौर पर तैनाती  आदेश जारी होने  के आज 10   दिनों बाद भी  राज्य  सरकार द्वारा उनकी उक्त पद पर  नियुक्ति के  संबंध में प्रदेश के  शासकीय गजट में वैधानिक  नोटिफिकेशन  प्रकाशित नहीं की गई है जो हालांकि   हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 अनुसार  कानूनन आवश्यक है.
इस सम्बन्ध में हेमंत ने आज प्रदेश के मुख्य सचिव कार्यालय में तैनात विशेष सचिव कार्मिक विभाग आदित्य  दहिया, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कमिश्नर एवं सचिव विकास गुप्ता, निदेशक यश पाल, अंबाला मंडल की कमिश्नर गीता भारती  और डीसी पार्थ गुप्ता  को लिखकर यह मामला प्रदेश सरकार के साथ टेकअप को कहा  है. उन्होंने अम्बाला नगर निगम  कमिश्नर सचिन गुप्ता  को भी उक्त पत्र की कॉपी भेजी है.
हेमंत  आगे बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994   की मौजूदा  धारा 45(1)  में स्पष्ट तौर पर उल्लेख   है कि राज्य सरकार द्वारा राजपत्र (गजट) में अधिसूचना द्वारा  किसी उपयुक्त अधिकारी की नगर निगम कमिश्नर के रूप में नियुक्ति की जाएगी. परन्तु यह अत्यंत आश्चर्यजनक  है कि आज तक प्रदेश सरकार के  शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा किसी भी नगर निगम कमिश्नर  की नियुक्ति/तैनाती  सम्बन्धी  ऐसी गजट अधिसूचना जारी ही नहीं की जाती है. उन्होंने  बताया कि इस आधार पर  हर नगर निगम कमिश्नर की नियुक्ति पर कानूनी  प्रश्न चिन्ह भी उठता  है हालांकि आज तक किसी ने भी इस और ध्यान नहीं दिया है. गजट नोटिफिकेशन में कमिश्नर की नियुक्ति अधिसूचित न होने के कारण उसके द्वारा पारित आदेशो/निर्देशों को अदालत में चुनौती भी दी जा सकती है.

हेमंत ने बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून  के मूल  धारा 45(1)  में हालांकि यह प्रावधान  था कि केवल 5 वर्ष की सेवा वाला आईएएस अधिकारी ही नगर निगम कमिश्नर  तैनात किया जा  सकता है परन्तु अगस्त, 2015 में  इस धारा में कानूनी संशोधन कर नगर निगम कमिश्नर पद  के लिए उपरोक्त   अनिवार्यता समाप्त कर दी गई थी   एवं यह प्रावधान कर दिया गया कि नगर निगम कमिश्नर पद पर राज्य सरकार  उपयुक्त अधिकारी को नियुक्त कर सकती है.  इसका अर्थ है कि आज की तारीख में न केवल आईएएस या एचसीएस अधिकारी, बल्कि प्रदेश सरकार किसी भी राजपत्रित अधिकारी को कानूनन नगर निगम कमिश्नर तैनात कर सकती है.
हेमंत ने यह भी बताया कि हरियाणा शहरी निकाय विभाग द्वारा   अगस्त, 2020 में  जारी एक गजट नोटिफिकेशन द्वारा   प्रदेश के  ज़िलों  में स्थित  नगर परिषदों  और नगर पालिकाओं पर  हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973  के अंतर्गत  प्रशासनिक नियंत्रण आदि रखने के लिए  डिस्ट्रिक्ट म्युनिसिपल कमिश्नर (डीएमसी)  अर्थात जिला नगर/पालिका  आयुक्त  के  पद सृजित किये गए जिन पर आईएएस और एचसीएस अधिकारी तैनात किये जाते हैं. इन पदों को वर्ष  2021 में  हरियाणा म्युनिसिपल कानून, 1973 में परिभाषित कर कानूनी मान्यता  भी प्रदान की गई. हालांकि हेमंत ने बताया कि इस पद पर नियुक्ति और तैनाती के लिए  गजट नोटिफिकेशन जारी करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसके लिए उक्त कानून में उल्लेख नहीं किया गया है.

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