भ्रष्टाचार देश और समाज के विकास में बाधक तत्व- प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान

श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय द्वारा सोमवार को सतर्कता जागरूकता सप्ताह की शुरुआत की गई। सभी क्षेत्रों में एकता के संदेश को फैलाने के मकसद से केंद्रीय सतर्कता आयोग हर साल सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन करता है जिसके अन्तर्गत ही यह श्रृंखला शुरू की गई है। जिसमें सभी को सतर्कता सम्बन्धी जानकारी दी गई और सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में  कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान और मुख्य वक्ता करनाल जिला के अटॉर्नी जनरल डॉ. संदीप चौहान उपस्थित रहे। कुलपति ने छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों को अपने संबोधन में कहा कि भ्रष्टाचार किसी भी देश या समाज के लिए दीमक की तरह होता है, जो देश की जड़ों को तो खोखला करता ही है, इसके साथ ही लोगों की प्रगति एवं विकास के मार्ग में भी बाधा पैदा करता है। इसलिए जीवन में सतर्कता बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज देश को आजाद हुए 78 साल पुरे हो चुके है, देश को एकता के सूत्र में बांधने का कार्य देश के महान नेता और देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के द्वारा किया गया। उनकी की दूरदर्शिता के चलते आज भारत एक है। मगर ये देश का दुर्भाग्य है कि देश में भ्रष्टाचार हर कदम पर फैला हुआ है। देश में भ्रष्टाचार तभी खत्म हो सकता है जब देश का हर नागरिक अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी पालन करे। मुख्य वक्ता डॉ. संदीप चौहान ने इस अवसर पर कहा कि सतर्कता सप्ताह सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस पर मनाया जाता है। आज सरदार पटेल के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है। तभी भारत देश विकसित हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज सतर्कता जागरूकता की जरूरत क्यों महसूस हुई। क्योंकि ज्यादातर नागरिक अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते और छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त है। आज भ्रष्टाचार शासन और प्रशासन के स्तर पर ही व्याप्त नहीं है बल्कि हर कोई कदम-कदम पर भ्रष्टाचार कर रहा है। अगर आप सतर्क है तो भ्रष्टाचार रूकेगा। सतर्कता के अभाव में भ्रष्टाचार को रोक पाना बहुत मुश्किल है। कार्यक्रम के अंत में रजिस्ट्रार डॉ. कृष्ण कुमार जाटियान ने सभी का धन्यवाद प्रकट किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना, रिसर्च एंड इनोवेशन विभाग के डायरेक्टर डॉ. अनिल शर्मा, कार्यक्रम की संयोजक डॉ. शुभा कौशल, डॉ. सुधीर मलिक व अन्य मौजूद रहे।

9वीं आयुर्वेद दिवस पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का हुआ आयोजन।

श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय द्वारा सोमवार को 9वें आयुर्वेद दिवस पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का विषय विश्व स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार रखा गया। जिसमें लगभग 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता का परिणाम मौके पर ही निकाला गया। जिसमें प्रथम स्थान बीएएमएस प्रथम वर्ष की छात्रा युक्ति सिंगला, द्वितीय हिमांशी और तृतीय स्थान आरती ने प्राप्त किया। इस अवसर पर आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना ने कहा कि प्रतियोगिता खुद को चुनौती देने, लक्ष्य निर्धारित करने और सुधार के लिए प्रयास करने का जहां अवसर प्रदान करती है। वहीं प्रतिस्पर्धा के माध्यम से व्यक्ति लचीलापन, आत्मविश्वास और विकास की मानसिकता विकसित करता है। जो व्यक्तिगत और व्यावसायिक सफलता के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों को अपने अस्तित्व और प्रसार के लिए ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है अधिकांश प्रतियोगिता के लिए ज्ञान और कौशल पीढ़ी दर पीढ़ी अनुवांशिक रूप से प्रेषित होते है मगर मानव में कौशल और ज्ञान ज्यादातर शिक्षा पर निर्भर करता है। इसमें कोई संदेह नहीं की शिक्षा मानव जीवन की सफलता की कुंजी है और शिक्षा की जड़ें प्रतिस्पर्धा पर आधारित है। इस अवसर पर रोग निदान एवं विकृति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. दीप्ति पराशर, डीन ऑफ कॉलेज डॉ. विजेंद्र सिंह तोमर, योग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शीतल महाडिक, डॉ. ममता राणा, और डॉ.रुचिका मौजूद रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *