अगर किसी सरकारी पद पर होती है असीम की नियुक्ति, तब भी नहीं होगी पेंशन राशि में कटौती — एडवोकेट हेमंत
शहर से नव-निर्वाचित विधायक निर्मल सिंह ने वर्ष 2022 में चार कार्यकाल की बजाय एक कार्यकाल की पेंशन लेने का लिया था निर्णय
शहर से दो बार विधायक रह चुके विनोद शर्मा को हरियाणा के अतिरिक्त पंजाब और संसद से भी मिलती है पेंशन
अम्बाला — हाल ही में वर्तमान 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए सम्पन्न हुए आम चुनाव में स्थानीय अम्बाला शहर वि.स. हलके से इस बार कांग्रेस के चौधरी निर्मल सिंह मोहड़ा विधायक निर्वाचित हुए जिन्होंने इस सीट से भाजपा के असीम गोयल नन्योला को 11 हजार 131 वोटों से अंतर से पराजित किया. असीम अक्टूबर, 2014 और अक्टूबर, 2019 लगातार दो विधानसभा आम चुनावों में अम्बाला शहर से विधायक निर्वाचित हुए थे.
शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और विधायी मामलों के जानकार हेमंत कुमार (9416887788) ने बताया कि 1 जनवरी 2016 के बाद हरियाणा में जिस विधायक ने एक या एक से अधिक कार्यकाल पूरा किया है, इसके एवज में उसे हर माह 50 हजार रूपये मूल (बेसिक) पेंशन देने का कानूनी प्रावधान है. एक कार्यकाल से अधिक होने पर प्रतिवर्ष दो हजार रुपये की दर से बेसिक पेंशन राशि में अतिरिक्त वृद्धि की व्यवस्था है.
यही नहीं कि 1 जनवरी 2016 के बाद हरियाणा के हर पूर्व विधायक को उपरोक्त 50 हज़ार रुपये की बेसिक पेंशन राशि अथवा एक कार्यकाल से ऊपर होने पर निर्धारित होने वाली अतिरिक्त पेंशन राशि पर हर माह उस दर से महंगाई राहत — डियरनेस रिलीफ (डी.आर.) मिलता है जिस दर पर हरियाणा सरकार के पेंशनरों को मिलता है. हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा 1 जुलाई 2024 से उक्त डीआर की दर को बढाकर 53 % किया गया है जिससे हरियाणा में हर एक कार्यकाल वाले पूर्व विधायक की पेंशन मासिक 76 हज़ार 500 हो गई है. यही नहीं अगर विधायक की पेंशन राशि एक लाख रुपये से कम बनती है, तो उसे प्रतिमाह 10 हजार रुपये विशेष यात्रा भत्ता भी मिलता है.
हेमंत ने बताया कि वर्ष 2014 और 2019 में लगातार दो बार अम्बाला शहर वि.स. से भाजपा के टिकट पर विधायक बने असीम गोयल, उन्हें 50 हज़ार रुपये पहले कार्यकाल की बेसिक पेंशन के तौर पर और दूसरे कार्यकाल के तौर पर पांच वर्ष के लिए प्रतिवर्ष 2 हज़ार की दर से कुल 10 हज़ार रुपये अतिरिक्त पेंशन अर्थात उनकी कुल पेंशन राशि 60 हजार रूपये बनेगी, उस पर मोजूदा 53 प्रतिशत की दर से डी.आर. ( डियरनेस रिलीफ – महंगाई राहत) मिलेगा जो 31 हज़ार 800 रूपये बनेगा जिससे उनकी कुल पेंशन 91 हजार 800 हजार होगी. चूँकि वह एक लाख रुपये से कम बनती है, इसलिए उन्हें आठ हजार दौ रुपये प्रतिमाह विशेष यात्रा भत्ता भी मिलेगा जिससे उनकी पेंशन और बढ़कर एक लाख रुपये प्रतिमाह होगी. बहरहाल, अगर असीम को अंबाला शहर से विधायक का चुनाव हारने के बावजूद नायब सैनी सरकार द्वारा हरियाणा के किसी सरकारी बोर्ड या निगम या आयोग आदि का चेयरमैन अथवा मुख्यमंत्री का राजनीतिक सचिव/ सलाहकार बनाया जाता है, तो उन्हें उसके एवज में जो मासिक मानदेय प्राप्त होगा, उससे असीम को प्रतिमाह मिलने वाली एक लाख रुपये की पेंशन राशि में कोई कटौती नहीं होगी.
हेमंत ने आगे बताया कि अम्बाला से नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक निर्मल सिंह जब अढ़ाई वर्ष पूर्व अप्रैल 2022 में आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए थे , तो उन्होंने पड़ोसी राज्य पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा लिए गए निर्णय का अनुसरण करते हुए हरियाणा विधानसभा के पूर्व सदस्य (विधायक) के तौर पर चार कार्यकाल की बजाए एक ही कार्यकाल की पेंशन लेने हेतु तत्कालीन हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) को लिखा था जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए विधानसभा सचिवालय द्वारा निर्मल सिंह की मासिक पेंशन को तत्कालीन 1 लाख 53 हजार रुपये से घटाकर उससे आधी हो गयी थी. हालांकि मौजूदा तौर पर अब निर्मल सिंह को विधायक निर्वाचित होने के कारण पेंशन नहीं मिलेगी बल्कि विधायक के तौर पर वेतन-भत्ते और एनी सुविधायें प्राप्त होंगी. जब उनका विधायक का कार्यकाल पूरा होगा, तब उन्हें पुन: पेंशन मिलनी प्रारंभ हो जायेगी.
वहीं अम्बाला शहर के पूर्व विधायक और वर्तमान में हरियाणा जन चेतना पार्टी (हजपा-वी) सुप्रीमो विनोद शर्मा आज की तारीख में हरियाणा विधानसभा से अम्बाला शहर वि.स. सीट से दो बार विधायक रहने कारण दो कार्यकाल की पेंशन, एक बार पंजाब के पटियाला जिले के तत्कालीन बनूड़ हलके से विधायक रहने कारण पंजाब विधानसभा से एक कार्यकाल की पेंशन एवं एक बार पंजाब से 6 वर्ष तक राज्य सभा सांसद रहने कारण संसद से एक कार्यकाल की पेंशन प्राप्त कर रहे हैं. .