हरियाणा में पूर्व विधायक की पेंशन भूतपूर्व सांसद की पेंशन से होती है 3 गुना अधिक — हेमंत
अम्बाला — हाल ही में 15वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए सम्पन्न हुए आम चुनाव में 29 ऐसे विधायक निर्वाचित हुए हैं जो पिछली 14वीं हरियाणा विधानसभा के भी सदस्य थे जबकि 39 व्यक्ति पहली बार ताज़ा वि.स. चुनाव में पहली बार विधायक बने हैं. वहीं 22 ऐसे भी हैं जो तत्कालीन 13वीं या उससे पूर्व की प्रदेश विधानसभाओं के सदस्य रहे थे.
बहरहाल, जहाँ तक स्थानीय अम्बाला शहर वि.स. हलके का विषय है, तो इस बार यहाँ से कांग्रेस के चौधरी निर्मल सिंह मोहड़ा विधायक निर्वाचित हुए हैं जिन्होंने इस सीट से भाजपा के असीम गोयल नन्योला को 11 हजार 131 वोटों से अंतर से पराजित किया है. असीम अक्टूबर, 2014 और अक्टूबर, 2019 लगातार दो विधानसभा आम चुनावों में अम्बाला शहर से विधायक निर्वाचित हुए थे.
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और विधायी मामलों के जानकार हेमंत कुमार (9416887788) ने बताया की हालांकि हरियाणा में हर लोकसभा सांसद का चुनावी हलका प्रदेश के विधानसभा सदस्य (विधायक ) के निर्वाचन क्षेत्र से 9 गुना बड़ा होता है अर्थात प्रदेश के हर निर्वाचित लोकसभा सांसद के क्षेत्र के अंतर्गत 9 विधानसभा हलके पड़ते हैं परंतु जहाँ तक पूर्व सांसदों को मिलने वाली पेंशन राशि का विषय है, वह हरियाणा के पूर्व विधायकों की पेंशन के एक-तिहाई ही है. उन्होंने बताया कि मौजूदा तौर पर हरियाणा के हर पूर्व विधायक, जिसने वर्ष 1 जनवरी 2016 के बाद अपना एक या एक से अधिक कार्यकाल पूरा किया है, उसके एवज में हर माह 50 हजार रूपये मूल (बेसिक) पेंशन देने का कानूनी प्रावधान है जबकि पूर्व सांसदों के लिए उनके एक कार्यकाल के संबंध में मूल पेंशन धनराशि उससे आधी अर्थात प्रतिमाह 25 हजार रुपये ही है. हालांकि एक कार्यकाल से अधिक होने पर प्रतिवर्ष दो हजार रुपये की दर से बेसिक पेंशन राशि में अतिरिक्त वृद्धि की व्यवस्था दोनों अर्थात पूर्व विधायकों और सांसदों के लिए एक समान है.
यही नहीं कि 1 जनवरी 2016 के बाद हरियाणा के हर पूर्व बने विधायक को उपरोक्त 50 हज़ार रुपये की बेसिक पेंशन राशि अथवा एक कार्यकाल से ऊपर होने पर निर्धारित होने वाली अतिरिक्त पेंशन राशि पर हर माह उस दर से महंगाई राहत — डियरनेस रिलीफ (डी.आर.) मिलता है जिस दर पर हरियाणा सरकार के पेंशनरों को मिलता है. 1 जनवरी 2024 से उक्त डीआर की दर 50 % है जो आगामी कुछ दिनों में 3% बढ़कर 53 % होने वाली है जिससे हरियाणा में हर पूर्व विधायक की पेंशन जो आज न्यूनतम 75 हज़ार रूपये प्रतिमाह बनती है, वह जल्द ही मासिक 76 हज़ार 500 हो जायेगी. यही नहीं अगर किसी पूर्व विधायक की पेंशन राशि एक लाख रुपये से कम बनती है, तो उसे प्रतिमाह 10 हजार रुपये विशेष यात्रा भत्ता भी मिलता है. इस प्रकार हरियाणा में एक पूर्व विधायक की पेंशन प्रदेश से लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य रहे चुके अर्थात भूतपूर्व सांसद की पेंशन से 3 गुना अधिक होती है. वहीं दूसरी और जहाँ तक पूर्व सांसदों का विषय है, उन्हें प्रतिमाह न्यूनतम 25 हज़ार रुपये की पेंशन राशि पर कोई डी.आर. नहीं मिलता जैसे केंद्र सरकार के पेंशनरों को मिलता है.
हेमंत ने बताया कि वर्ष 2014 और 2019 में लगातार दो बार अम्बाला शहर वि.स. से भाजपा के टिकट पर विधायक बने असीम गोयल, उन्हें 50 हज़ार रुपये पहले कार्यकाल की बेसिक पेंशन के तौर पर और दूसरे कार्यकाल के तौर पर पांच वर्ष के लिए प्रतिवर्ष 2 हज़ार की दर से कुल 10 हज़ार रुपये अतिरिक्त पेंशन अर्थात उनकी कुल पेंशन राशि 60 हजार रूपये बनेगी, उस पर मोजूदा 50 प्रतिशत की दर से डी.आर. मिलेगा जो 30 हज़ार रूपये बनेगा जिससे उनकी कुल पेंशन 90 हजार होगी. चूँकि वह एक लाख रुपये से कम बनती है, इसलिए उन्हें दस हज़ार रुपये प्रतिमाह विशेष यात्रा भत्ता भी मिलेगा जिससे उनकी पेंशन और बढ़कर एक लाख रुपये प्रतिमाह होगी.