जिला पुलिस द्वारा पति-पत्नी के विवादों को निपटाने के लिए पुलिस महकमें द्वारा चलाई गई मुहिम अब रंग लाने लगी है। सामाजिक रिश्तों और परिवारों को टूटने से बचाने के लिए महिला थाना प्रभारी कुलबीर कौर और उनकी टीम निरंतर प्रयास कर रही है। टीम के निरंतर प्रयास से 1 सितम्बर से 15 अक्तूबर तक में ही 38 परिवारों को टूटने से बचाया गया। अक्सर परिवारों में छोटी-छोटी बातों पर पति-पत्नी में हुए कलह थाने तक पहुंच जाते है। पुलिस द्वारा ऐसे दंपत्ति की काउंसलिंग की जाती है ताकि उनके परिवार को बिखरने से बचाया जा सकें। दअरसल, पुलिस अधीक्षक वरूण सिंगला के मार्गदर्शन और नेतृत्व में सामाजिक रिश्तों और परिवार को टूटने से बचाने के लिए महिला थाना प्रभारी और टीम द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। महिला थाने की टीम ने 1 सितम्बर से 15 अक्तूबर तक मिलने वाली शिकायतों पर कार्यवाही करते हुए 38 परिवार के विवाह टूटने से बचाए गए। हर केस में होती काउंसलिंग महिला थाना प्रभारी कुलबीर कौर ने बताया ने सर्वप्रथम आवेदक और अनावेदक परिवार को थाने बुलाकर समस्या को सुना जाता है और हर संभव प्रयास किया जाता है कि परिवार को बिखरने से बचाया जा सके और इसलिए पति-पत्नी और उनके परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग होती है।
इसमें ध्यान रखते है कि एक-एक सदस्य की अलग-अलग एवं एक साथ भी काउंसलिंग जी जाए, क्योंकि हम अच्छे से समझते हैं कि परिवार के बिना इंसान अधूरा होता है और परिवार के साथ उसकी खुशी दोगुनी हो जाती है। इसलिए हमारी टीम पूरे परिवार के लिए सपोर्ट सिस्टम की तरह काम करती है। महिला थाने में प्राप्त होने वाली शिकायतों में मुख्य रूप से घरेलू हिंसा, पति-पत्नी विवाद, परिवार के साथ विवाद, शोषण संबंध मामले आते हैं। ऐसे सभी मामलों के अतिरिक्त भी महिला को अगर किसी भी तरह की समस्या है तो भी हमारे द्वारा उसके निराकरण की हर संभव कोशिश की जाती है। महिला थाना प्रभारी अलग-अलग मंचों से समाज की हर महिला से यही अपील करती हैं कि जब आपके साथ कोई अपराध पहली बार ही घटित हो तभी उसका विरोध करें।
किसी को मौका देकर स्वयं का शोषण न कराएं एवं सर उठाकर स्वाभिमान से जीएं। अपने साथ हुए अपराध की शिकायत तुरंत ही दर्ज करवाएं। जिससे आपको लंबे समय तक हिंसा का शिकार न होना पड़े। महिला थाने की टीम द्वारा प्राप्त होने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अगस्त में 38 परिवारों के विवाह टूटने से बचाए गए हैं।