अम्बाला छावनी में पिछले तीन दिनों में फसल अवशेषों में आगजनी का एक भी मामला नहीं आया सामने, एसडीएम अम्बाला छावनी सतिन्द्र सिवाच ने विभिन्न गांवों का किया दौरा
अंबाला 18 अक्तूबर। जब एसडीएम सतिन्द्र सिवाच ने गांव धन्यौड़ा, धन्यौड़ी में किसानों के खेतों मे पहुंचकर फसल अवशेषों का न केवल प्रबंधन करवाया अपितु कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर पोर्टल पर पंजीकरण करवाया। अब इन किसानों को फसल अवशेष का प्रबंधन करने पर एक हजार रूपया प्रति एकड़ के हिसाब से लाभ मिलेगा। एसडीएम के इस त्वरित कार्रवाई से किसानो के चेहरे पर रौनक आ गई।
एसडीएम सतिन्द्र सिवाच ने शुक्रवार को गांव धन्यौड़ा, धन्यौड़ी, फजैलपुर सहित अन्य गांवों का दौरा किया। यहां पर एसडीएम ने किसानों के खेतों मे पहुंचकर कृषि यंत्रों के माध्यम से फसल अवशेषों का प्रबंधन करवाया और रोटावेटर के माध्यम से अवशेषों को मिट्टी मे मिक्स भी करवाया। इस दौरान राजस्व व कृषि विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर किसानों का पोर्टल पर पंजीकरण करवाया ताकि किसानों को फसल अवशेषों का प्रबंधन करने पर एक हजार रूपए प्रति एकड़ का सीधा लाभ मिल सके।
एसडीएम ने किसानों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अम्बाला छावनी में किसान लगातार प्रशासन का सहयोग कर रहे हैं और फसल अवशेषों का प्रबंधन कर रहे हैं। किसानों के सहयोग के कारण ही पिछले तीन दिनों में फसल अवशेषों में आग लगने की एक भी घटना सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसान प्रशासन का निरंतर सहयोग करते रहेंगे। इस दौरान किसानों को राज्य सरकार के फसल अवशेष प्रबंधन की तमाम योजनाओं के बारे में जानकारी दी और फसल अवशेषों मे आग लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में भी जानकारी मुहैया करवाई।
उन्होने कहा कि राजस्व विभाग, कृषि विभाग के साथ-साथ अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपायुक्त पार्थ गुप्ता के निर्देशानुसार फिल्ड में रहकर कार्य कर रहे हैं। सभी अधिकारी और कर्मचारी पूरी मेहनत और लग्न के साथ गांव-गांव में पहुंचकर जागरूकता शिविरों का आयोजन कर रहे हैं और किसानों को मित्र कीट और फसल अवशेषों में आग लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक कर रहे हैं। इस मौके पर कानूनगो रण सिंह सहित गांव धन्यौडा के सरपंच व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।