इससे पूर्व फ़कीरचंद, लेखवती, शिवप्रसाद और विनोद शर्मा को मिले थे 50 फीसदी वोट
अम्बाला शहर- 15 वीं हरियाणा विधानसभा के गठन के लिए हाल ही में सम्पन्न हुए आम चुनाव के नतीजों में जहाँ प्रदेश में गत 10 वर्ष से सत्तासीन भाजपा ने अप्रत्याशित 48 सीटें जीत सबको हैरान करते हुए स्वयं अपने दम पर 90 सदस्यीय राज्य विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल किया है और कल गुरुवार 17 अक्टूबर नायब सिंह सैनी पंचकूला में प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ केन्द्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं की उपस्थिति में दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
बहरहाल, जहाँ तक स्थानीय अम्बाला शहर वि.स. हलके का विषय है, तो यहाँ से विजयी रहे कांग्रेस के उम्मीदवार निर्मल सिंह मोहड़ा को इस बार 84 हजार 475 वोट मिले हैं जो इस चुनाव में पड़े कुल वोटों का 50.98 % प्रतिशत बनते है. दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के असीम गोयल नन्योला रहे जिनको प्राप्त वोट 73 हजार 344 वोट हैं जो 44.26 % प्रतिशत हैं. चुनाव लड़ रहे शेष सभी 10 उम्मीदवारों की ज़मानत जब्त हो गई है.
शहर के सेक्टर 7 निवासी हाईकोर्ट एडवोकेट एवं राजनीतिक विश्लेषक हेमंत कुमार (9416887788) ने चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से परत अम्बाला शहर वि.स. हलके में आज तक हुए सभी 14 विधानसभा चुनावो के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद बताया कि ताज़ा चुनाव में निर्वाचित कांग्रेस के निर्मल सिंह अब पांचवें विधायक बन गये है जिन्होंने अम्बाला शहर वि.स. सीट से 50 % प्रतिशत से ऊपर वोट प्राप्त किये है.
हेमंत ने यह भी बताया कि इस बार अम्बाला शहर से विजयी रहे कांग्रेस के निर्मल सिंह द्वारा प्राप्त 84475 वोट और दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के असीम गोयल द्वारा प्राप्त 73344 वोट दोनों द्वारा इस हलके से सबसे अधिक वोट लेने का पिछला रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
इससे पूर्व शहर हलके में वर्ष 2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते विनोद शर्मा द्वारा प्राप्त 69435 वोट इस सीट से अधिकतम वोटों का रिकॉर्ड था.
पांच वर्ष पूर्व अक्टूबर 2019 में तत्कालीन 14 वीं हरियाणा विधानसभा के लिए हुए आम चुनाव में अम्बाला शहर हलके में हुए मतदान में भाजपा के असीम गोयल नन्यौला 42.2 % प्रतिशत वोट प्राप्त कर दोबारा विधायक बने थे. उस समय कांग्रेस से तब अपना टिकट कटने कारण बागी बने एवं निर्दलयी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले निर्मल सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे जिन्हें हालांकि 36.38 % प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. तब कांग्रेस के जसबीर मल्लौर केवल 13.07 % प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाए थे एवं इस कारण उन्होंने ज़मानत राशि गँवा दी. उस चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ जब अम्बाला शहर विधानसभा हलके से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार की ज़मानत जब्त हुई.
हेमंत ने आगे बताया कि 10 वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में अम्बाला शहर वि.स. सीट से भाजपा से पहला चुनाव लड़ रहे असीम को हालांकि 37.30 % प्रतिशत ही वोट मिले थे. उन्होंने तब हरियाणा जनचेतना पार्टी के विनोद शर्मा को 23 हज़ार 252 वोटो से हराया था. शर्मा को उस चुनाव में 22.90 % प्रतिशत वोट जबकि कांग्रेस के हिम्मत सिंह को 21.47 % प्रतिशत वोट मिले थे.
हेमंत ने बताया कि 15 वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2009 में शहर से दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए कांग्रेस के विनोद शर्मा को तब 52.77 % प्रतिशत वोट मिले थे. इससे पहले जब शर्मा फरवरी, 2005 में शहर से पहली बार विधायक चुने गयें तो उन्हें हालांकि 64.52 % प्रतिशत वोट पड़े थे. फरवरी, 2000 में भाजपा की टिकट पर निर्वाचित महिला विधायक दिवंगत वीना छिब्बर को 42.84 % प्रतिशत वोट मिले थे. अप्रैल,1996 के चुनावो में भाजपा से विजयी हेडमास्टर फकीर चंद अग्रवाल को 38.18 % प्रतिशत वोट मिले थे. उनसे पहले वर्ष 1991 में कांग्रेस के सुमेर चंद भट्ट को 32 .92 % प्रतिशत वोट मिले थे.
हेमंत ने आगे बताया कि उससे पहले के लगातार तीन वि.स. चुनावो में मास्टर शिव प्रसाद ने दो बार भाजपा और एक बार जनता पार्टी से चुनाव जीता. वर्ष 1987 के चुनावो में उन्हें 45.67 % प्रतिशत वोट मिले थे. इससे पूर्व 1982 चुनावो में शिव प्रसाद को 47.38 % प्रतिशत वोट मिले थे. अम्बाला शहर में आज तक सबसे अधिक वोट प्रतिशत लेकर जीतने का रिकॉर्ड शिव प्रसाद ने वर्ष 1977 में बनाया जब उन्होंने 75 .99 % वोट लिए थे. ऐसा विशालकाय वोट प्रतिशत हासिल कर चुनाव जीतने का रिकॉर्ड आज के समय में किसी के लिए भी तोडना सहज नहीं हैं.
वर्ष 1972 में कांग्रेस की लेखवती जैन ने 50.67 % वोट लिए थे जबकि इससे पिछले 1968 चुनाव में लेखवती को 55 58 % मिले थे. हरियाणा में हुए 1967 में हुए सबसे पहले विधानसभा चुनावो में भाजपा के एडवोकेट फकीर चंद अग्रवाल ने 50 .50 % प्रतिशत हासिल किये थे.