करनाल, 02 अक्तूबर। उपनिदेशक कृषि डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि करनाल समेत हरियाणा के विभिन्न जिलों में धान की कटाई का कार्य जोर पकड़ता जा रहा है। कृषि विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन द्वारा भी हर हाल में पराली में आगजनी की घटनाओं को रोकने लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद कुछ किसान देर-सवेर पराली में आग लगाने की घटनाओं को अंजाम दे देते हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा पंजाब तथा हरियाणा के धान उत्पादक जिलों को चिन्हित करते हुए फ्लाइंग स्क्वायड टीमें गठित की गई हैं। यह फ्लाइंग स्क्वायड हरियाणा में करनाल के अलावा अम्बाला, फतेहाबाद, हिसार, जीन्द, कैथल, कुरुक्षेत्र, सिरसा, सोनीपत व यमुनानगर में एक अक्तूबर से अपनी निगरानी शुरू कर देगी तथा 30 नवंबर 2024 तक निगरानी रखेगी।
उन्होंने बताया कि सीपीसीबी की ओर से जारी आदेशों के अनुसार यह फ्लाइंग स्क्वायड संबंधित जिले के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिला नोडल अधिकारी से तालमेल करते हुए पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी तथा पराली जलाने से संबंधित मामलों के बारे में अपनी दैनिक रिपोर्ट केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को भेजेगी। गौरतलब है कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (राष्ट्रीय राजधानी और निकटवर्ती क्षेत्र) द्वारा अपने पत्र द्वारा 5 सितम्बर-2024 को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड दिल्ली के चेयरमैन को पत्र लिखकर हरियाणा तथा पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने हेतु फ्लाइंग स्क्वायड गठित करने का अनुरोध किया था जिस पर सीपीसीबी द्वारा फ्लाइंग स्क्वायड गठित कर दी गई है।
बॉक्स: करनाल पहुंचे सीपीसीबी के ऑब्जर्वर, ली जानकारी
उपनिदेशक कृषि डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जिला करनाल के लिए नियुक्त फ्लाइंग स्क्वाड के ऑब्वर्जर वैज्ञानिक नितेश कुमार तथा हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सहायक पर्यावरण अभियंता गौरव शर्मा मंगलवार को उपनिदेशक कृषि के कार्यालय में पहुंचे और जिला में पराली में आगजनी की घटनाओं पर रोक के लिए उठाए जा रहे कदमों और की जा रही कार्यवाही के बारे में आवश्यक जानकारी ली। डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि बताया कि कृषि विभाग के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों की टीमें लगातार फील्ड में निगरानी कर रही हैं तथा पराली में आगजनी को रोकने के लिए पूरी तत्परता से काम किया जा रहा है। चूंकि कुछ किसानों द्वारा अवकाश के दिन पराली में आग लगाने का प्रयास किया जाता है, इसलिए अवकाश के दिनों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गठित फ्लाइंग स्क्वायड से भी आगजनी की घटनाओं को रोकने में काफी मदद मिलेगी।