गत 5 वर्ष में दूसरी बार कांग्रेस से 6 वर्ष के लिए निष्कासित हुई हैं चित्रा
चंडीगढ़ – गत रविवार 29 सितंबर को कांग्रेस पार्टी की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति के सदस्य सचिव और पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर द्वारा हस्ताक्षरित एक आदेश मार्फत, जिसमें कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से स्वीकृति प्राप्त किए जाने का भी उल्लेख किया गया है, द्वारा अंबाला कैंट से निर्दलीय चुनाव लड़ रही चित्रा सरवारा सहित कांग्रेस से बागी हुए 10 नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 6 वर्षों के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है.
इससे पहले बीते माह ही कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल द्वारा चित्रा सरवारा को हालांकि कांगेस पार्टी से 6 वर्ष के लिए निष्कासित न कर बल्कि उनकी कांग्रेस पार्टी की सदस्यता को 6 वर्ष के लिए सस्पेंड (निलंबित) किया गया था.
इसी बीच शहर निवासी हाईकोर्ट एडवोकेट और चुनावी-राजनीतिक विश्लेषक हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया कि गत 5 वर्षों में
चित्रा को दूसरी बार कांग्रेस से पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 6 वर्षों के लिए निष्काषित किया गया है.
अक्टूबर, 2019 में जब निवर्तमान 14 वीं हरियाणा विधानसभा के आम चुनाव हुए थे, तब कांग्रेस पार्टी के चौधरी निर्मल सिंह, जो प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री और चार बार अम्बाला की तत्कालीन नग्गल वि.स. सीट से विधायक रहे
एवं जो इस बार के विधानसभा चुनाव में
हालांकि अंबाला शहर से कांग्रेस उम्मीदवार हैं, और उनकी सुपुत्री चित्रा सरवारा दोनों को क्रमश: अम्बाला शहर और अम्बाला कैंट विधानसभा सीटों से कांग्रेस पार्टी का टिकट नहीं मिला था जिसके बावजूद उन्होंने उन दो सीटों से कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के विरूद्ध निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भर दिया था जिस कारण मतदान से दस दिन पूर्व कांग्रेस पार्टी की तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा द्वारा निर्मल और चित्रा सहित पार्टी के कुल 16 बागी नेताओं को 6 वर्षो से कांग्रेस पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
उसके बाद निर्मल और चित्रा दोनों ने पहले नवंबर, 2019 में हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट( एच.डी.एफ.) के नाम से अपनी अलग राजनीतिक पार्टी बना कर चुनाव आयोग से रजिस्टर कराई एवं उसके बाद अप्रैल, 2022 में दोनों आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो गये थे. दिसम्बर, 2023 में इन दोनों ने आप पार्टी छोड़ दी.
तत्पश्चात जनवरी,2024 में पिता-पुत्री निर्मल-चित्रा की कांग्रेस पार्टी से निष्कासन के सवा चार वर्ष बाद ही पार्टी में घर-वापसी हो गई
थी. रोचक बात है कि इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव में निर्मल सिंह को तो अम्बाला शहर सीट से कांग्रेस पार्टी का टिकट मिल गया है परन्तु उनकी सुपुत्री चित्रा सरवारा जिन्हें कांग्रेस टिकट नहीं मिली वह पुन: एक बार बागी होकर अम्बाला कैंट वि.स. सीट से कांग्रेस के आधिकारिक उम्मीदवार परविंदर परी के विरूद्ध निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं.
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हेमंत ने यह भी बताया कि अगर चित्रा सरवारा इस बार निर्दलीय के तौर पर अंबाला कैंट विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बन जाती हैं और हरियाणा में कांग्रेस सरकार बन जाती हैं, तो चित्रा विधायक रहते हुए आधिकारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल नहीं हो सकेंगी क्योंकि ऐसा करने से उनके विरूद्ध
भारतीय संविधान की दसवीं अनुसूची में दिया गया दल- बदल विरोधी कानून लागू होगा और उन्हें विधानसभा स्पीकर द्वारा विधायक पद से अयोग्य घोषित किया जा सकता है. हालांकि अगर निर्दलीय विधायक बन कर चित्रा चाहे तो हरियाणा में कांग्रेस सरकार का समर्थन कर सकती हैं और उस सरकार में मंत्रीपद या किसी सरकारी बोर्ड या निगम आदि की चेयरपर्सन भी बन सकती हैं परंतु वह निर्दलीय विधायक रहते कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं हो सकेंगी.