लोक पारम्परिक खेलों का आनंद लेंगे सांझी उत्सव का अवलोकन करने वाले प्रतिभागी
कुरुक्षेत्र: वर्तमान दौर में लोक सांस्कृतिक परम्पराएं धीरे-धीरे समाप्ति की ओर अग्रसर हैं। इस दौर में विरासत हेरिटेज विलेज लोक सांस्कृतिक परम्पराओं को जीवंत करने और युवा पीढ़ी से जोडऩे के लिए विशेष प्रयास कर रहा है। इसी कडी में 2 से 11 अक्टूबर 2024 विरासत में जहां सांझी उत्सव का आयोजन किया जायेगा, वहीं पर लोक सांस्कृतिक विषय-वस्तुओं की प्रदर्शनी छात्र-छात्राओं एवं भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बनेगी। यह जानकारी कार्यक्रम के संयोजक डॉ. महासिंह पूनिया ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में खेती-बाड़ी की पुरातन वस्तुएं, हरियाणा के परिवहन के साधनों में बैलगाडिय़ां, रेहडू, ठोकर, बैलड़ी के साथ-साथ पुरातन रियासतों के बाट भी प्रदर्शित किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्सव में भाग लेने वाले एवं प्रदर्शनी का अवलोकन करने वाले विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए लोक पारम्परिक खेलों का आयोजन भी किया जायेगा। इन खेलों में गुल्ली-डंडा, कंचा खेलना, पीठो, मटका दौड़ आदि विशेष रूप से शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि हर रोज प्रदर्शनी का अवलोकन करने वाले छात्रों को जहां लोक सांस्कृतिक परम्पराओं से जोडऩे के लिए सांझी से संबंधित जानकारी दी जाएगी वहीं पर दूसरी ओर पुरातन विषय-वस्तुओं की लोक सांस्कृतिक प्रदर्शनी उनके लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी। हर रोज छात्रों के लिए चित्तण-मांडणा प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जायेगा। इसके अतिरिक्त हरियाणवी खान-पान भी अवलोककर्ताओं के लिए विशेष रूप से उपलब्ध होगा। डॉ. पूनिया ने बताया कि सांझी उत्सव के प्रति महिलाओं में विशेष उत्साह है। विश्व की सबसे बड़ी सांझी इस उत्सव का विशेष आकर्षण का केन्द्र बनेगी, जिसकी ऊंचाई 25 फुट व चौड़ाई 20 फुट रहेगी। अभी तक कहीं पर भी इतनी बड़ी सांझी नहीं लगी है। डॉ. पूनिया ने कहा कि 2 से 11 अक्टूबर तक हर रोज सुबह सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जायेगा। पुरस्कार वितरण समारोह 11 अक्टूबर को सांय 4.00 बजे किया जायेगा।