आज तक शहर से लेखवती जैन एवं वीना छिब्बर रहीं है महिला विधायक — हेमंत
अम्बाला – अगले माह 5 अक्टूबर को 15वी हरियाणा विधानसभा आम चुनाव के लिए निर्धारित मतदान में अम्बाला जिले में सबसे अधिक मतदाता संख्या अम्बाला शहर विधानसभा हलके में 2 लाख 62 हजार 847 है जिसमें से 2 लाख 62 हजार 199 जनरल (सामान्य) जबकि 648 सर्विस मतदाता हैं. इनमें 1 लाख 36 हजार 600 पुरुष मतदाता जबकि 1 लाख 25 हजार 579 महिला मतदाता है. शहर हलके में 20 ट्रांसजेंडर (किन्नर ), 25 ओवरसीज (एनआरआई) और 1831 दिव्यांग मतदाता है. जिले में 271 मतदान केंद्र होंगे.
अम्बाला – अगले माह 5 अक्टूबर को 15वी हरियाणा विधानसभा आम चुनाव के लिए निर्धारित मतदान में अम्बाला जिले में सबसे अधिक मतदाता संख्या अम्बाला
इसी बीच शहर निवासी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट एवं चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार ने बताया कि इस वर्ष मई, 2024 अर्थात 18वी लोकसभा आम चुनाव से ठीक पहले अम्बाला शहर सीट पर मतदाता संख्या 2 लाख 57 हजार 33 थी. वहीं इसी वर्ष 1 जनवरी 2024 की योग्यता तिथि के आधार 22 जनवरी 2024 को प्रकाशित आंकड़ों अनुसार अम्बाला शहर हलके में 2 लाख 56 हजार 80 मतदाता थे. इस प्रकार बीते आठ माह में अम्बाला शहर में 6 हजार 767 जबकि गत चार माह में 5 हजार 814 मतदाता बढ़ गए हैं.
बहरहाल, हेमंत ने बताया कि बीते सोमवार 16 सितम्बर को निर्धारित उम्मीदवारी वापसी के अंतिम दिन बीत जाने के बाद अब अम्बाला शहर विधानसभा हलके में 11 उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में रह गए हैं. इनमे भाजपा के असीम गोयल नन्योला, कांग्रेस के निर्मल सिंह मोहड़ा, बसपा-इनेलो गठबंधन के मलकीत सिंह भानोखेडी, आप के केतन शर्मा, आजाद समाज पार्टी-जजपा गठबंधन के पारुल नागपाल और निर्दलियों में भूपिंदर, मयूर नंदा, ललित वालिया, सचिन कुमार, सतनाम सिंह और सुनील दत्त शामिल हैं. इस प्रकार शहर सीट से इस बार चुनावी रेस में कोई महिला उम्मीदवार नहीं है.
हालांकि इस बार अम्बाला जिले के तीन अन्य विधानसभा हलकों – नारायणगढ़ सीट से तीन नामत: कांग्रेस की शैली चौधरी, भारतीय शक्ति सेना पार्टी की सीमा देवी एवं निर्दलीय नीतू, मुलाना (अनुसूचित जाति आरक्षित) हलके से दो नामत: कांग्रेस की पूजा चौधरी और भाजपा की संतोष चौहान सारवान और वहीं अम्बाला कैंट सीट पर आम आदमी पार्टी से राज कौर गिल जबकि कांग्रेस पार्टी की टिकट न मिलने कारण बागी बनी चित्रा सरवारा निर्दलीय के तौर पर चुनावी मैदान में हैं.
हेमंत ने बताया कि न केवल इस बार बल्कि अम्बाला शहर वि.स. हलके में पिछले दो विधानसभा चुनावों- अक्टूबर,2014 और अक्टूबर,2019 में भी कोई महिला प्रत्याशी नहीं थी. अत: गत लगातार तीन वि.स. चुनावों में अम्बाला शहर सीट से न तो किसी प्रमुख मान्यता प्राप्त अथवा रजिस्टर्ड राजनीतिक दल ने किसी महिला को पार्टी टिकट दिया और न ही कोई महिला निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में उतरी. गौरतलब है कि वर्तमान में अम्बाला नगर निगम की मेयर एक महिला शक्ति रानी शर्मा हैं जो इस बार भाजपा की टिकट पर कालका सीट से चुनाव लड़ रहीं हैं.
हेमंत ने आगे बताया कि 15 वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2009 में अम्बाला शहर हलके से इकलौती महिला बीबी चरणजीत कौर मलौर ने इनेलो और शिरोमणि अकाली दल के संयुक्त उम्मीदवार के तौर पर तराजू के चुनाव-चिन्ह पर चुनाव लड़ा था जिसमें उन्होंने करीब 34 हजार वोट प्राप्त किये थे जो 25.75 फीसद बने थे. उस चुनाव में चरणजीत कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन प्रत्याशी विनोद शर्मा (वर्तमान में हरियाणा जनचेतना पार्टी-वी सुप्रीमो) से पराजित हो गई थी.
उससे पूर्व वर्ष फरवरी, 2005 विधानसभा चुनाव में भाजपा की ओर से चुनाव में लगातार दूसरी बार महिला उम्मीदवार वीना छिब्बर को उतार गया था हालांकि वह भी कांग्रेस प्रत्याशी विनोद शर्मा से न केवल पराजित हुईं बल्कि उनकी ज़मानत राशी भी जब्त हो गई थी. उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी वीना को केवल 9 हजार 387 वोट प्राप्त हुए थे जो केवल 11.96 फीसद बनते थे. तब विजयी रहे विनोद शर्मा के बाद दूसरे स्थान पर इनेलो के सुरजीत सिंह सोंडा रहे थे जिन्हें 15 हजार से ऊपर वोट मिले थे.
हेमंत ने बताया कि सबसे रोचक चुनाव आज से साढ़े 24 वर्ष पूर्व फरवरी,2000 का था जिसमें भाजपा की महिला उम्मीदवार वीना छिब्बर और कांग्रेस की किरण बाला जैन के बीच सीधा मुकाबला हुआ था. उस चुनाव में ये दो ही महिला प्रत्याशी थे एवं चुनावी नतीजे में भाजपा की वीना ने कांग्रेस की किरण को 6 हजार वोटों से अंतर से हराया था.
उससे पूर्व वर्ष 1968 और 1972 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनावों में लगातार दो बार कांग्रेस की लेखवती जैन अम्बाला शहर वि.स. सीट से निर्वाचित होकर विधायक बनी थी. वर्ष 1968 में लेखवती ने भारतीय जन संघ के फ़कीर चंद को जबकि वर्ष 1972 में भारतीय जन संघ के लक्ष्मी नारायण को पराजित किया था. हालांकि वर्ष 1977 चुनाव में जनता पार्टी से चुनाव लड़ रहे मास्टर शिव प्रसाद ने लेखवती को हरा दिया था. उसके पश्चात वर्ष 1991 में शहर वि.स. सीट से एक निर्दलीय रोशनी देवी और 1996 में निर्दलीय निर्मला संधू ने वि.स. चुनाव लड़ा था जो दोनों न केवल हारी बल्कि दोनों की ज़मानत राशी भी जब्त हो गई.