आज तक शहर से 8 बार  भाजपा और 5 बार कांग्रेस विधायक हुए निर्वाचित — हेमंत

 अम्बाला — शहर विधानसभा सीट से गत 10 वर्षों से भाजपा विधायक असीम गोयल नन्यौला, जिन्हें अब तीसरी बार इस सीट से पार्टी उम्मीदवार घोषित किया गया है, के पास जीत की हैट्रिक लगाने का दुर्लभ अवसर  है.
शहर  निवासी  हाईकोर्ट एडवोकेट एवं राजनीतिक विश्लेषक  हेमंत कुमार ( 9416887788) ने बताया कि आज की  तारीख  में 44 वर्ष 10 महीने 10 दिन की आयु के असीम गोयल अगर  अगले  महीने 8 अक्तूबर 2024 को एक बार फिर अंबाला शहर से निर्वाचित होकर विधायक बनते हैं, तो इस सीट से वह स्वर्गीय मास्टर शिव  प्रसाद के बाद ऐसा करने वाले  दूसरे भाजपा नेता बन जाएंगे.

 हालांकि तीसरी बार जीतना‌ असीम के लिए कड़ी चुनौती होगी चूंकि 3 महीने पूर्व  मई- जून 2024 में ही 18 वीं लोकसभा आम चुनाव में अंबाला  ( अनुसूचित जाति आरक्षित) लोक सभा सीट के अंतर्गत पड़ने वाले कुल 9 विधानसभा हलकों में भाजपा केवल 4 — अंबाला कैंट, कालका, पंचकूला और यमुनानगर में ही कांग्रेस से अधिक वोट प्राप्त कर पाई थी जबकि अंबाला शहर‌ विधानसभा सीट से भाजपा को कांग्रेस से करीब 6 हज़ार वोट कम मिले थे. सनद रहे कि 18 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंबाला लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी बंतो कटारिया के प्रचार के लिए शहर पुलिस लाइन मैदान में आयोजित विशाल रैली में भी मुख्य अतिथि एवं वक्ता के तौर पर शामिल हुए थे. इसके बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार वरुण चौधरी ( मुलाना) ने करीब 50 हजार वोटों के अंतर से भाजपाई प्रत्याशी बंतो‌ कटारिया को पराजित कर दिया था.
बहरहाल,करीब 6 महीने महीने पूर्व
19 मार्च 2024 को हरियाणा में  नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में बनी  भाजपा सरकार के कैबिनेट (मंत्रिपरिषद) में   शहर से भाजपा विधायक असीम गोयल
को राज्य मंत्री (स्वतंत्र कार्यभार) के तौर पर
शामिल किया गया एवं  प्रदेश सरकार में  दो विभाग – ट्रांसपोर्ट (परिवहन) और महिला एवं बाल विकास आबंटित किए गए.

हेमंत ने बताया कि 5 वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2019  में मौजूदा 14 वीं  हरियाणा विधानसभा के आम चुनावो में शहर हलके से   असीम गोयल  42.2 % वोट प्राप्त कर दोबारा विधायक निर्वाचित हुए थे. उस समय शहर  मतदाताओं की संख्या 2 लाख 54 हज़ार थी जबकि तब  मतदान का प्रतिशत 60.5 % रहा था. असीम ने कांग्रेस  के बागी एवं निर्दलयी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले निर्मल सिंह मोहड़ा को 8952 वोटो के अंतर से हराया था. असीम को 64 हज़ार 896 वोट मिले थे जबकि निर्मल को 55 हजार 944 वोट मिले थे.

कांग्रेस के जसबीर मलौर मात्र 20 हजार 91 वोट अर्थात
 13.07 % वोट ही हासिल कर पाए थे एवं इस कारण उन्होंने ज़मानत राशि गँवा दी. ऐसा पहली बार हुआ जब अम्बाला शहर विधानसभा हलके से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार की ज़मानत जब्त हुई.

उससे पहले अक्टूबर, 2014 में   भाजपा के टिकट पर  असीम गोयल पहली बार   विधायक निर्वाचित हुए थे. उन्होंने उस चुनाव में राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी माने जाने वाले पंडित विनोद शर्मा, को  23 हज़ार से ऊपर वोटों से पराजित किया था. उस  चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी हिम्मत सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे. अक्टूबर, 2014 में असीम को  कुल 60  हज़ार 216 वोट मिले थे जो उस चुनाव में कुल डाले गए वैध मतों के 37.30 % बनते थे.

हेमंत का कहना है कि जहाँ तक  अंबाला शहर विधानसभा हलके का विषय है, तो यह परम्परागत तौर पर पहले भारतीय जनसंघ और फिर भाजपा का गढ़ रहा है एवं वर्ष 2019 तक यहाँ हुए कुल 13 विधानसभा आम चुनावों में से 8 बार जनसंघ- भाजपा के उम्मीदवार जबकि 5 बार कांग्रेसी प्रत्याशी  विजयी रहे.

आज तक शहर  हलके से  पहले जनसंघ और फिर  भाजपा के मास्टर शिव प्रसाद लगातार तीन बार- वर्ष 1977,  1982 और 1987 में निर्वाचित होकर  अर्थात जीत की  हैट्रिक लगा चुके है एवं आजतक सबसे अधिक रिकॉर्ड 76 प्रतिशत वोट हासिल करने का रिकॉर्ड भी शिव प्रसाद के  नाम है.

कांग्रेस की  लेखवती जैन लगातार दो बार वर्ष 1968 और 1972 में , कांग्रेस के टिकट पर विनोद शर्मा (वर्तमान में हजपा-वी सुप्रीमो) दो बार वर्ष 2005 और 2009 में, भाजपा से असीम गोयल  लगातार दो बार वर्ष 2014 और 2019 में, भाजपा से तीन नामत: एडवोकेट फकीर चंद अग्रवाल वर्ष  1967 में,  हेडमास्टर फ़क़ीर चंद वर्ष 1996 में  और   वीना छिब्बर वर्ष 2000 में एक- एक   बार  और इसी प्रकार कांग्रेस से सुमेर चंद भट्ट भी एक बार वर्ष 1991 में  विधायक  बने हैं.

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