धार्मिक यात्रांए  भिन्न-भिन्न विचारों के लोगो को एक सूत्र में पिरोती हैं इसलिए वे अंबाला में भजन गायक कन्हैया मित्तल की इस यात्रा का स्वागत करते है – अनिल विज

पुलिस महानिदेशक को निर्देश, कन्हैया मित्तल की आगामी यात्रा में पुलिस सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था सुनिश्चित हो – विज

भजन गायक कन्हैया मित्तल की ये धार्मिक यात्रा 3 अगस्त से चंडीगढ़ से शुरू हुई

अंबाला, 5 अगस्त- हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री श्री अनिल विज ने आज अंबाला में चंडीगढ़ से अग्रोहा धाम तक श्री श्याम  धार्मिक पदयात्रा के जरिये लोगो में आध्यात्मिक अलख जगाने वाले भजन सम्राट गायक कन्हैया मित्तल का फूलों का गुलदस्ता देकर उनका बैंड बाजों के साथ भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व गृहमंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि वह कन्हैया मित्तल की आगामी यात्रा में पुलिस सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था भी सुनिश्चित करें।

इस मौके पर विज ने कहा कि धार्मिक यात्राएं सभी को एक सूत्र में पिरोने का काम करती है और धार्मिक यात्रांए  भिन्न-भिन्न विचारों के लोगो को एक सूत्र में पिरोती हैं इसलिए वे अंबाला में इस यात्रा का स्वागत करते है।

धार्मिक यात्रा 3 अगस्त से चंडीगढ़ से शुरू होकर 14 अगस्त को अग्रोहा में समाप्त होंगी

इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कन्हैया मित्तल के धार्मिक भजनों पर सारा देश नाचता है और यह यात्रा निकालने का निर्णय लिया है जो सराहनीय है। उल्लेखनीय है कि भजन गायक कन्हैया मित्तल की ये धार्मिक यात्रा 3 अगस्त से चंडीगढ़ से शुरू हुई थी और 14 अगस्त को अग्रोहा में समाप्त होंगी। ये यात्रा चंडीगढ़ से शुरू हुई थी और आज अंबाला पहुंची है जहाँ पर पूर्व गृह मंत्री अनिल विज ने स्वागत किया।

सनातन धर्म सारी 36 बिरादरी मिलकर बनाती है – कन्हैया मित्तल

कन्हैया मित्तल ने कहा कि 278 किलोमीटर पदयात्रा करेंगे और वे आज अंबाला पहुंचे है जहाँ अनिल विज जी ने उनका स्वागत किया है वे दिल से उनका धन्यवाद करते है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के तीन कारण है एक तो जो लोग खासकर जो रेहड़ी वाले है जो के शाम बाबा तक नहीं जा सकते ,बाबा रथ में सवार होकर उनके पास पहुँच रहे है, दूसरा वे छोटे-छोटे गांव में जाकर रात्रि पड़ाव कर रहे है ताकि लोग लोग खाटू श्याम बाबा से जुड़ सके और तीसरा और बड़ा कारण ये है कि जो लोग सनातनी को बाँटने की बात करते है जातिगत जनगणना की बात करते है उनके मुँह पर तमाचा है कि कार्यक्रम तो अग्रवाल करवाता है रात्रि विश्राम सैनी करवाता है और साथ में बाल्मीकि चलता है, जिस प्रकार से सारी नदियां मिलकर महासागर बनाती है वैसे ही सनातन धर्म सारी 36 बिरादरी मिलकर बनाती है।

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