कार्तिक शर्मा के नाम से लड़ा और जीता था चुनाव, बाद में बदलवाया नाम — हेमंत
अम्बाला —  जून, 2022 में हरियाणा से राज्यसभा चुनाव में  एक नाटकीय अंदाज़  में विजयी एवं निर्वाचित हुए  निर्दलीय सांसद  कार्तिकेय  शर्मा, जिन्होंने हाल ही में संसद के मोजूदा मानसून सत्र में  अम्बाला में वर्षो से लंबित आई.एम.टी. निर्माण का मुद्दा उठाया, ने गत 1 अगस्त 2024 को राज्यसभा  सांसद  के तौर पर  दो  वर्ष पूरे कर लिए हैं.
शहर  निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार (9416887788)  ने इस बारे में जानकारी देते हुए  बताया कि दो  वर्ष पूर्व 2 अगस्त 2022  को  राज्य सभा  सदस्य  के तौर पर उन्होंने  कार्तिक शर्मा  के नाम से ही  संसद के ऊपरी  सदन के सदस्य के  तौर पर   शपथ   ली थी. कार्तिक का  राज्यसभा कार्यकाल  छः वर्षो अर्थात  1 अगस्त 2028 तक है.  शपथ ग्रहण करने के बाद कार्तिक शर्मा ने राज्यसभा सचिवालय से  उनका नाम सदन की कार्रवाई और आधिकारिक दस्तावेजों में   कार्तिकेय शर्मा करने का लिखित आवेदन किया था जिसे  स्वीकार कर लिया गया जिसके बाद से  कार्तिक शर्मा के स्थान पर उनका  सर्वत्र कार्तिकेय शर्मा के नाम से ही उल्लेख किया जाता है. यह जानकारी राज्यसभा सचिवालय द्वारा एक आर.टी.आई. के जवाब में प्रदान की गयी है.
हेमंत ने‌‌ एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण‌ जानकारी देते हुए‌
 बताया कि भारत के संविधान के मौजूदा प्रावधानों अनुसार कार्तिक राज्यसभा सांसद रहते केन्द्र में सत्तासीन  मोदी सरकार को‌ समर्थन‌ तो दे सकते हैं जो वह दे भी रहे हैं  हालांकि वह औपचारिक और आधिकारिक तौर पर‌ भाजपा में या किसी अन्य राजनीतिक दल‌ में शामिल‌ नहीं हो सकते हैं.  अपने  पूरे कार्यकाल के दौरान कार्तिक (कार्तिकेय)  का राज्य सभा में निर्दलीय सदस्य‌‌/ सांसद का ‌दर्जा ही रहेगा बेशक उन्हें आगामी वर्षो में केंद्र में मोदी सरकार की मंत्रिपरिषद में शामिल  किया जाता है.
कार्तिक अम्बाला नगर निगम की मौजूदा एवं पहली प्रत्यक्ष (सीधी) निर्वाचित और  महिला मेयर हरियाणा जनचेतना पार्टी – हजपा (वी) की शक्ति रानी शर्मा और अम्बाला शहर विधानसभा हलके से वर्ष 2005 और 2009 में लगातार दो बार कांग्रेस के टिकट  पर  विधायक निर्वाचित हो चुके विनोद शर्मा के‌‌ छोटे‌ सुपुत्र‌‌‌‌ हैं.  विनोद शर्मा पंजाब से एक बार कांग्रेस से  राज्य सभा सांसद (1992-98) और   उससे पूर्व पंजाब विधानसभा‌ में पटियाला जिले‌ की तत्कालीन  बनूड़ हलके से  कांग्रेस विधायक भी रह चुके हैं. वर्ष 2014 में विनोद शर्मा ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर अपनी अलग पार्टी  ह्जपा (वी ) बनाई थी  जो आज‌‌‌ भी हरियाणा में गैर मान्यता प्राप्त  रजिस्टर्ड राजनीतिक दल है.
हेमंत ने बताया कि  उनके द्वारा हरियाणा सरकार को‌‌ कई  बार लिखने बावजूद ‌23 दिसम्बर 2022 को प्रदेश के शहरी स्थानीय निकाय विभाग मार्फत जारी एक गजट नोटिफिकेशन द्वारा कार्तिक शर्मा को हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की धारा 4(3) के अंतर्गत अम्बाला नगर निगम में पदेन सदस्य बनाया गया. इस प्रकार वह मोजूदा‌ अंबाला  नगर निगम के नॉमिनेटेड सदस्य  हैं‌‌ हालांकि आज तक वह एक भी नगर निगम सदन‌ की  बैठक में शामिल नहीं  हुए‌ हैं.  बहरहाल, उन्हें निगम सदन‌ की की हर  बुलाई  जाने वाली बैठक में शामिल होने की  लिखित सूचना / नोटिस भेजा जाता है.
उन्होंने   आगे बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 की  धारा 4(3) के  अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा  स्थानीय म्युनिसिपल ( नगर निगम) क्षेत्र, जिस विधानसभा हलके एवं लोकसभा हलके के अंतर्गत पड़ता है,  वहां  से न केवल  निर्वाचित विधायक एवं लोकसभा सांसद को बल्कि निगम क्षेत्र के निवासी उस रजिस्टर्ड मतदाता (वोटर) को, जो  राज्यसभा का सदस्य (सांसद) हो, को भी उस  नगर निगम  के सदस्य के तौर पर मनोनीत किया जा सकता है. चूँकि  कार्तिक शर्मा का नाम वर्तमान तौर पर  अंबाला नगर निगम के अंतर्गत  पड़ने वाले  माडल टाऊन क्षेत्र की  मतदाता सूची में दर्ज है, इसलिए हरियाणा   सरकार द्वारा उन्हें स्थानीय नगर निगम में  नॉमिनेटेड सदस्य बनाया   गया है.
हेमंत  ने यह भी  बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 (आर) के अनुसार नगर निगम  क्षेत्र में पड़ने वाले संपूर्ण और आंशिक लोकसभा/विधानसभा क्षेत्र के  निर्वाचित  लोकसभा सांसद और  विधायक  नगर निगम के पदेन (अपने पद के कारण) सदस्य होते हैं. इसी आधार पर मार्च, 2020  में न केवल अम्बाला शहर   विधायक और वर्तमान में प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री   असीम गोयल को बल्कि अम्बाला कैंट   विधायक  और प्रदेश के पूर्व  कैबिनेट मंत्री  अनिल विज को भी अम्बाला नगर निगम का पदेन सदस्य बनाया  गया था चूंकि अंबाला नगर निगम का कुछ क्षेत्र अंबाला कैंट विधानसभा सीट के अंतर्गत भी पड़ता है. हालांकि   दो माह पूर्व अम्बाला से नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद कांग्रेस के वरुण मुलाना को नगर निगम अम्बाला का फिलहाल पदेन सदस्य  नहीं बनाया गया है.
 हेमंत ने बताया कि हालांकि अम्बाला नगर निगम में  तीनो मनोनीत  सदस्य – सुरेश सहोता, संदीप सचदेवा और पूजा चौधरी  नगर निगम की किसी भी बैठक में वोट नहीं डाल सकते परन्तु जहाँ तक स्थानीय लोकसभा सांसद और राज्यसभा सांसद कार्तिक एवं स्थानीय दोनों विधायकों का विषय है, तो कानूनन उनके  सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का  चुनाव करने सम्बन्धी और उनके हटाने बार बुलाई जाने वाली बैठकों के अलावा नगर निगम सदन की अन्य सामान्य  बैठकों में वोट डालने पर कोई रोक नहीं है.

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