इद्रीश फाउंडेशन की संस्थापिका नेहा परवीन और काउंसलर कीर्तिका शर्मा ने किया बालों का दान, कैंसर से पीड़ित महिलाओं और बच्चियों के विग बनाने के लिए।
बता दें कि नेहा परवीन, संस्थापिका इद्रीश फाउंडेशन और एक मानसिक स्वास्थ्य काउंसलर, 8 सालों से लगातार समाज में सेवा कर रही हैं। चाहे वह गरीब बच्चों के लिए इद्रीश फाउंडेशन के जरिए शिक्षा मुहैया करवाना हो या मुफ्त में जरूरतमंद बच्चों और लोगों को काउंसलिंग देना, कपड़ों का दान, खाने का दान या फिर बदलाव की कोई मुहिम हो। आज से 8 साल पहले ही नेहा जी ने अपनी आंखें, किडनी, दिल और शरीर दान कर चुकी हैं, लेकिन नेहा परवीन जी का मानना है कि यह तो मरने के बाद का था। जीते जी अपनी प्यारी चीज से हमें बहुत मोह होता है और खासकर लड़कियों को अपने बालों से कुछ ज्यादा ही प्यार होता है। उसके बाल सिर्फ उसके नहीं, उससे जुड़े लोगों के इमोशन्स भी उससे जुड़े होते हैं। ऐसे में बालों को दान करना एक मुश्किल फैसला भी है और हिम्मत का काम भी, जो मोह को हटाता है। तो मरने के बाद ही क्यों शरीर के अंगों को दान करना, जीते जी भी हम कुछ ऐसा कर सकते हैं जो किसी के चेहरे पर हंसी और खुशी लाए।
मद्द ट्रस्ट मुंबई की मुहिम “कोप विद कैंसर, हेयर फॉर होप” के साथ जुड़कर नेहा जी ने शुरुआत खुद के मोह भंग से की और अपने बालों को दान देकर एक चेहरे को मुस्कान से भरने का काम किया।
उनका मानना है कि वह ऐसे ही लोगों को दान के लिए प्रेरित करती रहेंगी क्योंकि इंसान न तो कुछ लेकर आया था और न कुछ लेकर जाएगा। चाहे दान शिक्षा का हो, भोजन का, कपड़ों का, अंग का या बालों का, सारे महान हैं। महात्मा बुद्ध ने कहा है, “जो अधिक है उसे किसी ऐसे को दो जिसपे कुछ भी नहीं तब ही संसार में बराबरी होगी।”
इस मुहिम में कीर्तिका जी ने भी नेहा जी का पूरा सहयोग दिया और इस मुहिम की दूसरी सदस्य अंबाला से बनीं और अपने बालों का दान दिया। बता दे कि कीर्तिका जी अभी खुद भी पढ़ रहीं है और समाज मे बदलाव और रोशनी लाने के मुहिम मे हमेशा इद्रीश फाउंडेशन का सहयोग करती रहती है। अंबाला से दूसरी बाल दानी बनकर वह बहुत ही अच्छा मेहसूस कर रहीं है ।
नेहा जी बताती हैं कि कोई भी इंसान जो कुछ भी दान नहीं कर सकता, वह भी कुछ न कुछ दान दे सकता है। दान सिर्फ पैसों से नहीं होता, उसके लिए इच्छा शक्ति होना जरूरी है। इस मुहिम में गुरमुख गुरु पटियाला से NGO मरीज़ मित्र वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन पटियाला ने मार्गदर्शन करने और प्रोत्साहित करने में काफी मदद की।