वैज्ञानिक लेखनअनुसंधान अखंडता और प्रकाशन नैतिकता पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ।

श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेद अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान एवं दिल्ली भारतीय चिकित्सा के लिए राष्ट्रीय आयोग के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को वैज्ञानिक लेखन, अनुसंधान अखंडता और प्रकाशन नैतिकता पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान द्वारा भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. देवेंद्र खुराना ने की। कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने प्रतिभागी शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक-अनुसंधान और नवाचार के साथ जोड़कर वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर आयुर्वेद को विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाने में इस तहर की कार्यशालाएं निश्चित तौर पर लाभप्रद साबित होंगी। दरअसल भारत से बाहर बहुसंख्यक देश भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को अपनाने को आतुर हैं। इसकी सार्थकता कोरोना काल में साबित भी हो चुकी है मगर भारतीय चिकित्सा पद्धति से जुड़े डॉक्टरों और अनुसंधानकर्ताओं को इस परिस्थिति को अवसर में बदलने की जरूरत है। ताकि संकल्प से सिद्धि को सार्थक किया जा सके। यह भारतीय ज्ञान परंपरा का मूल वाक्य है ताकि वसुधैव कुटुंबकम के माध्यम से भारतीय पद्धतियां विश्व भर में स्थापित हो सके। उन्होंने कहा कि आज आयुष विश्वविद्यालय का स्वरूप बदला है आयुर्वेद के साथ-साथ योग एवं नेचुरोपैथी, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा के माध्यम से रोगियों का इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही मूलभूत सुविधाओं का भी विस्तार हुआ है। अनुसंधान अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम के संयोजक डॉ. आशीष मेहता ने कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान व भारतीय चिकित्सा पद्धति के लिए राष्ट्रीय आयोग से आए हुए विषय विशेषज्ञों का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला तीन दिन तक चलेगी। जिसमें मुख्य रूप से प्रतिभागियों को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में अनुसंधान कैसे किया जाए, वैज्ञानिक लेखन,अनुसंधान अखंडता और प्रकाशन नैतिकता जैसे विषयों पर मास्टर ट्रेनर द्वारा जानकारी प्रदान की जाएगी। जिसका लाभ स्नातक और स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों के अनुसंधान कार्यों में मिल पाएगा। इस अवसर पर रिसर्च इनोवेशन विभाग के डायरेक्टर डॉ. अनिल शर्मा, डीन ऑफ कॉलेज बृजेंद्र सिंह तोमर और डॉ. सतबीर चावला उपस्थित रहे।

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