अम्बाला/नारायणगढ़, 22 जुलाई। महिला एवं बाल विकास विभाग हरियाणा द्वारा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एवं मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना के लाभार्थियों के लिए जिला स्तरीय संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नारायणगढ़ में किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि हरियाणा के महिला एवं बाल विकास व परिवहन राज्य मंत्री असीम गोयल तथा विशिष्ट अतिथि सीएम श्री नायब सिंह की धर्म श्रीमती सुमन सैनी थे। इस कार्यक्रम के दौरान विभागीय आयुक्त व सचिव अमनीत पी. कुमार (आई.ए.एस.), निदेशक मोनिका मालिक, एसडीएम यश जालुका, सीटीएम विश्वजीत व अन्य अधिकारीगण तथा भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यअतिथि व वशिष्ठ अतिथि को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंटकर उनका भव्य अभिन्नदन किया गया।
मुख्यतिथि व विशिष्ट अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कालेज प्रांगण में एक पेड़ मां के नाम के अन्तर्गत पौधारोपण भी किया।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास व परिवहन राज्य मंत्री श्री असीम गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में किसी भी परिवार में पहली बार गर्भवती हुई महिला तथा दूसरी बार लडक़ी के जन्म पर लाभ मिलता है जबकि मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना में दूसरी संतान बेटा होने पर योग्य महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से 5 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने यह योजना शुरू की है।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत प्रदेश की आठ हजार लाभार्थी महिलाओं के खाते में 4 करोड़ 30 लाख रूपये की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में एक बटन दबाकर डाली गई। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना व मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना के अन्तर्गत 650 हैल्थ एण्ड हाइजिन किट का वितरण भी किया गया। महिला विकास निगम के माध्यम से शिक्षा ऋण योजना के तहत 70 महिलाओं को 45 लाख रूपये के चैक दिये गये, विधवा ऋण योजना के तहत 7 महिलाओं को 16 लाख रूपये के ऋणकी सबसिडी के चैक लाभार्थीयों को वितरित किये गये। हरियाणा मातृ शक्ति उद्यमिता योजना में 12 महिलाओं को 19 लाख रूपये के ऋण पर 1.25 लाख की सब्सिडी के चैक दिये गये है तथा किशोरी बालिका पुरस्कार योजना में 21 किशोरियों को दशवीं कक्षा में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने पर क्रमश: आठ हजार, छ: हजार व चार हजार तथा बारहवीं कक्षा की 22 किशोरियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाली किशोरियों को क्रमश:- बारह हजार, दस हजार और आठ हजार रूपये की राशि के चैक दिये गये।
मंत्री असीम गोयल ने कहा कि ईश्वर के बाद मां ही है जो मां के नाते नया सृजन करती है। शास्त्रों में नारी को नारायणी की संज्ञा दी गई है। उन्होंने भगवान विष्णु के वामन स्वरूप व दैत्य राज बलि के बलिदान के प्रसंग के बारे में भी विस्तार से बताते हुए कहा कि नारायणगढ़ का धार्मिक तौर पर भी अपना एक विशेष महत्व रहा है। उन्होंने नारायणगढ़ को भगवान नारायण की धरती बताया। उन्होने कहा कि हरियाणा प्रदेश का महिला एवं बाल विकास विभाग केन्द्र सरकार की योजनाओं को लागू करने के साथ-साथ अपनी ऐसी योजनाएं भी बना रहा है कि अधिक से अधिक महिलाओं को लाभ मिले।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि श्रीमति सुमन सैनी ने कहा कि सरकार द्वारा महिलाओं की उन्नति को प्राथमिकता दी गई है। हरियाणा की महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में शानदार काम करके समाज और प्रदेश की उन्नति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है इसी प्रकार मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह द्वारा भी महिलाओं के उत्थान एवं सशक्तिरण के लिए काम किया जा रहा है और योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र लाभार्थी तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना व मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना से पात्र महिलाओं को लाभ मिला है।
सरकार ने राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए विभिन्न कार्य किए हैं। जहां एक तरफ सरकार राज्य के विकास के लिए आधारभूत सरंचना के महत्व को समझती है वहीं विकास में महिलाओं की भागीदारी को लेकर पूर्णतया सजग है। किसी भी सभ्य समाज का मूल्यांकन करने के लिए वहां पर विकास के सामाजिक सूचकांको का विशेष महत्व है। महिलाएं हमारे समाज की धुरी हैं तथा समाज बिना महिलाओं के चल ही नहीं सकता। इसके लिए उनके योगदान को देखते हुए तथा उन्हें विकास की प्रथम पंक्ति में लाने के लिए सरकार ने विभिन्न महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। ये कदम महिलाओं के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
मंत्री असीम गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अनुसरण में भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का शुभारम्भ 1 जनवरी 2017 किया गया। मजदूरी की क्षति के बदले में नकद राशि को प्रोत्साहन के रूप में आंशिक क्षतिपूर्ति प्रदान करना ताकि महिलाएं पहले जीवित बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त विश्राम कर सकें। प्रदान किए गए नकद प्रोत्साहन राशि से गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं में स्वस्थ्य रहने के आचरण में सुधार होगा।
भारत सरकार द्वारा इस स्कीम को संशोधित किया गया है जिसके अंतर्गत गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं को पहले दो जीवित बच्चों के लिए लाभ दिया जाएगा बशर्ते कि दूसरी संतान एक लडक़ी हो। पहले बच्चे के जन्म पर 5000/- रू0 की राशि दो किश्तों में और दूसरे बच्चे (लडक़ी) 6000/-रू0 की राशि जन्म के बाद एक किश्त में दी जायेगी। दूसरे बच्चे के लिए लाभ प्राप्त करने के लिए गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण अनिवार्य होगा। इससे जन्म के समय लिंग अनुपात में सुधार और कन्या भ्रूण हत्या को रोकने में मदद मिलेगी। जिसके लिए भारत सरकार द्वारा नया पोर्टल बनाया गया है। जिसमें योजना के लक्षित लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में हरियाण महिला विकास निगम के अंतर्गत विभिन्न योजनओं के लाभार्थियों को चैक वितरित किये गये:-
शिक्षा ऋण योजना:- इस योजना के तहत जिन परिवारों के पास सीमित साधनों एवं अत्यधिक फीस व बैंकों के शिक्षा ऋण पर अधिक ब्याज दर के कारण महिलाओं / लड़कियों को शिक्षा से वंचित रखा जाता है, उनके लिए निगम द्वारा बैंकों के माध्यम से महिलाओं / लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण पर 5 प्रतिशत ब्याज दर से सब्सिडी दी जा रही है। सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आय, जाति का कोई मापदंड नहीं है। यह सुविधा हरियाणा अधिवासी महिलाओं / लड़कियों के लिए उपलब्ध है।
विधवाओं के लिए ऋण योजना:- इस योजना के अंतर्गत हरियाणा निवासी विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए व्यक्तिगत कारोबार जैसे कि सिलाई कढाई, किरयाना, मनियारी, रेडीमेड गारमेंट्स, कपडे की दुकान, स्टेशनरी, बुटिक, ऑटो, ई-रिक्शा, मसाला आचार इकाइयाँ, खाद्य प्रसस्करण, कैरी बैग का निर्माण, बेकरी व जनरल स्टोर इत्यादि स्थापित करने हेतु बैंकों के माध्यम से 3.00 लाख रूपये तक के ऋण दिलवाने की योजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत जिन महिलाओं की वार्षिक आय 3.00 लाख रूपये तथा आयु 18 से 60 वर्ष है, इस योजना के लाभ के लिए पात्र होंगी। ऋण का 10 प्रतिशत लाभार्थी को स्वयं वहन करना पड़ता है। शेष राशि की व्यवस्था राष्ट्रीयकृत / सहकारी बैंकों से करवाई जाती है। समय पर बैंक की किस्तो का भुगतान करने पर बैंक ऋण के ऊपर लगे ब्याज की प्रतिपूर्ति निगम द्वारा 100 प्रतिशत सब्सिडी ब्याज के रूप में दी जाती है जिसकी अधिकतम सीमा 50,000 रूपये व अवधि 3 वर्ष, जो भी पहले होगी।
हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता योजना:- इस योजना के अंतर्गत हरियाणा निवासी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके आर्थिक व सामाजिक स्थिति में सुधार लाने हेतु बैंकों के माध्यम से 3 लाख रूपये तक के ऋण दिलवाने की योजना चलाई जा रही है। इस योजना के अंतर्गत जिन महिलाओं की वार्षिक आय 5.00 लाख रूपये से कम तथा आयु 18-60 वर्ष के बीच हो, इस योजना के लाभ की पात्र होंगी। आवेदक पहले से ऋण का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। इस योजना में समय पर किश्त का भुगतान करने पर 3 वर्षों तक 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान राशि दी जाती है। इन गतिविधियों में यातायात वाहन के तहत ऑटो रिक्शा, छोटा समान ढोने के लिए वाहन, श्री व्हीलर इत्यादि का अपना काम शुरू कर सकती हैं।
इसके अतिरिक्त बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए शहरी व ग्रामीण किशोरी बालिकाओं को पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जिन्होंने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की मैट्रिक तथा 10+2 कक्षा की परीक्षा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर प्रत्येक ग्रामीण खण्ड की तीन बालिकाओं को पुरस्कार में दिए जाते हैं। अब (दिनांक 08 फरवरी 2019 से) यह पुरस्कार शहरी क्षेत्रीय की किशोरी बालिकों को भी कवर किया गया है।
आयुक्त व सचिव श्रीमती अमनीत पी. कुमार (आई.ए.एस.) के द्वारा विभाग की महिलाओं व बच्चों की विभिन्न महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में अवगत करवाया गया। महिलाओं एंव बच्चों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वे हिंसा एंव भेदभाव मुक्त वातावरण में विकास प्रक्रिया में बराबरी का योगदान देते हुये शान से रह सकें तथा बच्चों की अच्छी देखभाल के साथ एक सुरक्षित वातावरण में विकास की पूर्ण सुविधाओं में पले बढें, जिसके लिये अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। निदेशक श्रीमती मोनिका मलिक द्वारा अतिथि और विशिष्ट अतिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया गया।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एवं मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना के लाभार्थियों ने योजना के बारे में अपने अनुभव भी सांझा किये और महिलाओं के लिए लाभकारी बताया। इन योजनाओं पर आधारित जागो तभी सवेरा नाटक प्रस्तुत किया गया। आंगनवाड़ी वर्करों ने विभाग की स्कीमों पर बोलियां व गिद्धा प्रस्तुत किया। जिला कैथल डीएवी स्कूल पुण्डरी के छात्रों ने समूह नृत्य सावन आया री गीत पर प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में विभाग की विभिन्न स्कीमों को प्रदर्शित करते हुए स्टाल भी लगाये गये थे।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की संयुक्त निदेशक राजबाला कटारिया, जिला कार्यक्रम अधिकारी कविता रानी, कालेज प्रिंसीपल अजीत सिंह, सीडीपीओ मीक्षा रंगा, सीडीपीओ सुमन, नगरपालिका चेयरपर्सन रिंकी वालिया, भाजपा जिला महामंत्री विवेक गुप्ता, भाजपा नेता जगपाल सैनी, अश्वनी अग्रवाल, मण्डल प्रधान रणधीर सिंह, मंगू राम कंजाला, गुरनाम सिंह गुर्जर, युवा जिला प्रधान संदीप सैनी, डीएनटी बोर्ड के सदस्य अशोक पाल, पूर्व चेयरमैन अमित वालिया, नरेन्द्र राणा कुराली, मनीष मितल, बलदेव सलौला, संजीव कौशिक, जगदीप कौर, प्रीतपाल कौर मक्कड, मंजू कौशिक व जिला की सुपरवाइजर सहित लाभार्थी महिलाएं और गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।