करनाल, 20 जुलाई।
 चैधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल ने जैनपुर साधान  के चैधरी संत राम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा राजकीय माध्यमिक विद्यालय में वन महोत्सव मनाया गया और जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल ने वन विभाग हरियाणा के संभागीय वन अधिकारी की मदद से इस प्रोग्राम  का आयोजन किया। जिन्होंने गांव जैनपुर साधान के इन दोनों विद्यालयों में 400 से अधिक पौधे उपलब्ध करवाए। दोनों विद्यालयों में डॉ महा सिंह तथा डॉ विजय कौशिक ने अपने हाथों से दो – दो पौधो का पौधारोपण किया गया। प्रोग्राम के मुख्य अतिथि के रूप में आए सीनियर कॉर्डिनेटर, कृषि विज्ञान केन्द्र ऊचानी, डॉ महा सिंह, ने पौधे लगाकर उनकी देखभाल करने की अपील की, साथ ही उन्होंने कहा की पानी को बचाने के भरकस प्रयास किए जाने चाहिए, पानी को बचाने में लापरवाही की गई तो अंजाम बुरा हो जाने की बात कही।
कृषि विज्ञान केन्द्र ऊचानी के जिला विस्तार विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार कौशिक ने स्कूल के विद्यार्थियों को पानी बचाने और अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा की आप सब ऐसा करके खुद अपनी ही मदद नहीं करोगे बल्कि समाज हित का कार्य भी करोगे। आज की परिस्थिति के हिसाब से हमें अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर अपने पर्यावरण को बचाना होगा।
डॉ कौशिक ने बच्चों से कहा की हमारा जीवन तो निकल जायेगा पर आपका क्या होगा अर्थात आगे आने वाले 25 – 30 सालों में पानी की अत्यधिक कमी हो सकती है, इसलिए अब पानी बचाना केवल विकल्प ना होकर मजबूरी बन गया है। चैधरी संत राम वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जैनपुर साधान के प्रधानाचार्य श्री सुरेन्द्र सैनी और राजकीय माध्यमिक विद्यालय के मुख्याध्यापक श्री धर्मपाल अपने स्टाफ सदस्यों सहित प्रोग्राम में मौजूद रहे। डॉ. कौशिक ने कहा की हम सबको संकल्प लेना होगा की ना पानी को बर्बाद केरेंगे और ना किसी अन्य को करने देंगे। क्योंकि अगर इसी गति से धरती के पानी का दोहन करते रहेंगे तो वो दिन दूर नही की हरियाणा में भी राजस्थान जैसे हालात हो जायेंगे और पानी का लेवल 500 फीट से ज्यादा हो जायेगा। जहां हम 2 या 3 दिन पानी ना आने की स्थिति को मात्र सोचकर सिहर जाते है, अगर सच में ऐसी नौबत आती है तो निश्चित ही त्राहिमाम मच जाएगा। पानी की बर्बादी को रोकते हुए, प्रयोग हुए पानी को दोबारा प्रयोग में लाना, भू जल को रिचार्ज करना, पानी को व्यर्थ नालियों में ना बहने देना, इन सभी मुद्दों पर गंभीरता से सोच विचार करके समाधान की तरफ बढ़ना होगा। अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे ताकि वर्षा ज्यादा हो सके। इस धरती पर कुल उपलब्ध पानी में से मात्र 4 प्रतिशत पानी ही पीने योग्य है। इसलिए हमें जल का सरंक्षण करना ही होगा।
प्रोग्राम में सभी बच्चों को पेड़ पौधे लगाकर उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित भी किया गया। अंत में प्राचार्य ने कृषि विज्ञान केन्द्र करनाल से आए वैज्ञानिक का वन महोत्सव और जल संरक्षण के प्रोग्राम के लिए उनका धन्यवाद किया और बच्चों को पौधारोपण एवं पानी बचाने के लिए प्रेरित किया।

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