अम्बाला, 4 जुलाई-
महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र चांदसौली अम्बाला में बागवानी फसलों की उत्पादन तकनीक पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का आयोजन माननीय कुलपति डॉ. सुरेश मल्होत्रा के कुशल नेतृत्व में आयोजित हुआ। प्रशिक्षण शिविर में 50 से अधिक किसानों ने भाग लिया। किसानों ने एमएचयू के वैज्ञानिकों से बागवानी फसलों से सम्बधित कई प्रश्न पूछे, जिनके बारे में वैज्ञानिकों ने बखूबी जवाब दिए।
कृषि विज्ञान केंद्र एचएयू में कार्यरत डॉ. देवेंद्र चहल ने बागवानी के महत्व व क्षेत्र में होने वाली फलदार फसलों जैसे आडू, आलु बुखारा, नाशपाती आदि की उत्पादन तकनीक पर विस्तार से प्रकाश डाला। उष्ण कटिबंधीय फल केंद्र लाडवा से डॉ. शिवेंद्रु ने केंद्र पर किसानों के लिए की जाने वाली गतिविधियों व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही लाभकारी योजनाओं के बारे में किसानों को अवगत कराया। उन्होंने आम की खेती की उन्नत तकनीकों को भी किसानों के साथ सांझा किया। डॉ. विनोद कुमार ने इस मौसम में बेल वाली सब्जियों की उत्पादन तकनीकों से किसानों को अवगत कराया।
क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र पर कार्यरत डॉ. पवन कुमार ने किसानों को जलवायु परिवर्तन के अनुसार खेती करने की रणनीति बताई। अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बागवानी को अपनाकर कृषि में विविधिकरण की आवश्यकता पर बल देते हुए बागवानी फसलों में बारिश के दौरान किसानों को ध्यान रखने वाली बातों से भी अवगत कराया। केंद्र निदेशक कहा कि एमएचयू के विस्तार शिक्षा निदेशक डा. रमेश गोयल के मार्ग दर्शन में प्रशिक्षण शिविर आयोजित करवाया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए सभी आंगन्तकों व प्रतिभागियों का स्वागत किया।