जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्रशेखर ने एमडीडी बाल भवन अनाथालय का किया औचक निरीक्षण, सेशन जज ने बच्चों से की बातचीत

करनाल, 2 जुलाई।  जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन चंद्रशेखर ने कहा कि वंचित अनाथ बच्चों के जीवन में निखार लाना अनाथालय का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बच्चों को नियमानुसार तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। इसके साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्रशेखर गत दिवस एमडीडी बाल भवन करनाल का औचक निरीक्षण करने के उपरांत बच्चों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर, सीजेएम एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव डॉ सविता कुमारी मुख्य दंडाधिकारी सुधीर कुमार ने फूसगढ़ रोड पर स्थित एमडीडी बाल भवन का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान बच्चों को संस्थान की तरफ से उपलब्ध करवाई जा रही तमाम सुविधाओं के बारे में संस्थान के अधिकारी एवं संरक्षक पीआर नाथ से फीडबैक ली और बच्चों की समस्याओं को सुना और उनका समाधान करने के लिए कुछ आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए हैं।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर ने कहा कि समाज के जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है और जो माता-पिता अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में सक्षम नहीं है। उन बच्चों की देखभाल एमडीडी ऑफ इंडिया चाइल्ड केयर संस्थान द्वारा की जा रही है। इस संस्थान में जो लड़कियां रह रही है वे सभी विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रही है। इसके अलावा संस्थान की तरफ से बच्चों को एक अच्छा माहौल देने के साथ-साथ तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा बच्चों का व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से साक्षात्कार किया गया और उनसे उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा कुछ बच्चों से कविताएं सुनकर उनका मनोबल भी बढ़ाया गया एवं उनको प्रेरणा भी दी गई और उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा बच्चों को नियमानुसार तमाम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके बाद सेशन जज ने संस्थान के पुस्तकालय और अन्य कक्षाओं का अवलोकन भी किया। इस दौरान संरक्षक पीआर नाथ ने संस्थान की तरफ से उपलब्ध करवाई जा रही तमाम सुविधाओं के बारे में रिपोर्ट दी।

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