नई दिल्ली: जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने रविवार को नए सेनाध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया। वह 30वें सेना प्रमुख हैं और इसी वर्ष 19 फरवरी को वाइस चीफ आफ आर्मी स्टाफ बने थे। सेनाध्यक्ष बनने पर द्विवेदी लेफ्टिनेंट जनरल से जनरल रैंक पर प्रमोट हुए हैं। केंद्र सरकार ने 11 जून को जनरल द्विवेदी को सेनाध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था। इससे पहले वे सेना के वाइस चीफ, नॉर्दर्न आर्मी कमांडर, डीजी इन्फेंट्री और सेना में कई अन्य कमांड के प्रमुख के रूप में काम कर चुके हैं।

जनरल मनोज पांडे की जगह ली

जनरल द्विवेदी ने बतौर सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे की जगह ली है। जनरल मनोज पांडे आज ही रिटायर हुए हैं। लास्ट वर्किंग डे पर सेना की ओर से उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। वे 26 महीने तक सेनाध्यक्ष रहे। रिटायर्ड जनरल मनोज पांडे 31 मई को रिटायर होने वाले थे। हालांकि, सरकार ने पिछले महीने उनका कार्यकाल एक महीने तक बढ़ा दिया था। 25 मई को उन्हें एक्सटेंशन देने की घोषणा हुई थी। आम तौर पर सेना में इस तरह के फैसले नहीं लिए जाते।

जनरल द्विवेदी के बाद ये हैं सबसे सीनियर अफसर

जनरल द्विवेदी को सेनाध्यक्ष बनाने में सरकार ने सीनियरिटी कॉन्सेप्ट फोटो किया। इस समय सेना में जनरल द्विवेदी के बाद सबसे सीनियर अफसर दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं। जनरल द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह, दोनों को 30 जून को रिटायर होना था।

इतनी उम्र तक सेवा दे सकते हैं तीनों सेनाओं के प्रमुख

तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 साल की उम्र तक या तीन साल, इनमें से जो भी पहले हो, तब तक सेवा दे सकते हैं। हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की रिटायरमेंट की उम्र 60 साल है, जब तक कि अधिकारी को फोर स्टार रैंक के लिए अप्रूव नहीं किया जाता है।

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