-एफपीओ से जुडे किसानों ने अपने उत्पाद को लेकर किए अनुभव सांझा।
अम्बाला, 29 जून-
नाबार्ड द्वारा पंचायत भवन अम्बाला शहर में आयोजित तीन दिवसीय तरंग मेले में अपने उत्पाद लेकर पहुंचे एफपीओ से जुड़े किसानों ने अपने अनुभव सांझा करते हुए अपने उत्पाद की जानकारी दी और कहा कि तरंग मेले में आकर उन्हे लाभ मिला है। उन्होंने इसके लिए नाबार्ड का धन्यवाद भी किया।
जिला यमुनानगर के रणजीतपुर/राणीपुर से तरंग मेले में पहुंचे बिलासपुर कौशल डेयरी फार्म प्रोडयूसर कंपनी लिमिटड यमुनानगर के अमरपाल आर्य ने बताया कि उनके एफपीओ से लगभग 200 किसान जुडे हुए हैं तथा 10 डायरैक्टर हैं। उन्होंने बताया कि उनके एफपीओ को नाबार्ड से आर्थिक मदद मिलने के साथ-साथ ट्रेनिंग भी दिलवाई गई है। वे ओर्गेनिक तरीके से गुड, शक्कर, देशी गाय का देशी घी जैसे उत्पाद तैयार कर लोगों को उचित दाम पर उपलब्ध करवा रहे हैं। उनके उत्पाद को देखने और खरीदने में लोग भी रूचि ले रहे हैं।
राजस्थान से आए पुष्कर किसान समृद्धि प्रोडयूसर कंपनी लिमिटड से जुडे किसान प्रदीप कुमार ने बताया कि उनके एफपीओ के साथ लगभग 500 किसान जुडे हुए हैं और वे लोग गुलकंद, आंवला कैंडी, शरबत, मेथी, पुदिना जैसे उत्पाद तैयार कर बिक्री कर रहे हैं। उन्होने बताया कि लगभग तीन साल से उनका एफपीओ काम कर रहा है। आंवला की चटपटी कैंडी जोकि प्रोसैस करके बनाई जाती है उसकी सबसे अधिक डिमांड है।
नाबार्ड द्वारा प्रमोटिड सतनाली एग्रो किसान उत्पादक संघ से जुडे संजय ने बताया कि उनके एफपीओ से लगभग 500 किसान जुडे हैं जोकि ओर्गेनिक तरीके से दालें, हल्दी, जीरा, धनिया जैसे उत्पाद तैयार करते हैं। लोगों में भी उनकी डिमांड है।
सतुदर बीकीपर्स प्रोडयूसर कंपनी लिमिटड फतेहगढ साहिब के डायरैक्टर भगवंत सिंह ने बताया कि उनके एफपीओ से 300 किसान जुडे हैं और यह लगभग डेढ साल से काम कर रहा है। उन्होने बताया कि नाबार्ड द्वारा उन्हें ग्रांट देने के साथ-साथ ट्रेनिंग भी दी गई है। उनके एफपीओ के साथ जुडे किसान हल्दी, मुंग तथा शहद और नैचुरल तरीके से बीपूलन मधुमक्कखी के माध्यम तैयार होता है, उसकी बेहद डिमांड है। उन्होंने कहा कि बीपूलन स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ शुगर और कलस्ट्रोल कम करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने में काफी कारगर है। उन्होने बताया कि बी-पूलन की 100 ग्राम की कीमत 200 रूपये रखी गई है।
श्री श्याम स्वयं सहायता समूह सीकर राजस्थान से जुडी महिलाएं भी मोटे अनाज जैसे बाजरा, जौं, रागी से तैयार उत्पाद को लेकर तंगर मेले में पहुंची है। इस समूह से जुडी महिला रिंकू ने बताया कि बाजरे की नमकीन, बाजरे के बिस्कुट, कुकीज, लडडू, जौं की कुकीज, बिस्कुट, रागी की कुकीज जैसे स्वादिष्ट व्यंजन उनकी समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए जाते है। उन्होने बताया कि बाजरे की नमकीन की कीमत 120 रूपये की 250 ग्राम है। एफपीओ से जुड़े किसानों तथा स्वयं सहायता समूह के सदस्यों ने तरंग मेला आयोजित करने के लिए नाबार्ड का धन्यवाद किया है।