कुरुक्षेत्र में नशे के विरुद्ध 333 वें जागरूकता कार्यक्रम में 107 प्रशिक्षुओं ने नशा न करने की शपथ ली
जो खाते है नशे की गोलियां वे सहते है जग की बोलियां- डॉ. अशोक कुमार
कुरुक्षेत्र। हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो प्रमुख श्री ओपी सिंह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साहब के दिशानिर्देशों एवं पुलिस अधीक्षक श्रीमती पंखुरी कुमार के मार्गदर्शन में प्रतिदिन नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस कड़ी में आज हरियाणा राज्य परिवहन कुरुक्षेत्र के तत्वाधान में बस चालक प्रशिक्षण पर आये 107 प्रशिक्षुओं को जागरूक किया गया। यह कुरुक्षेत्र में 333 वां नशे के विरुद्ध जागरूकता कार्यक्रम था जो ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/ उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने उच्चाधिकारियों के दिशानिर्देशों से आयोजित किया। ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/ उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने उपस्थित प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि पुलिस जनता की सेवा सुरक्षा और सहयोग के लिए है। लेकिन यहाँ एक अपवाद है। कोई व्यक्ति जब असामान्य रूप से संविधान अथवा विधि का उल्लंघन करता है तब यही पुलिस ऐसे व्यक्ति को विधि अनुसार दंड दिलवाने की कार्रवाई करते हुए अपने कर्तव्य का पालन करती है। उन्होंने अनेक प्रकार से नैतिक मूल्यों पर भी चर्चा करते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम दो पौधे रोपित करने के लिए प्रेरित किया। नशे पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए डॉ. वर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा राज्य को ड्रग मुक्त करने के लिए विशेष रूप से हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो का गठन किया है। ब्यूरो के पास केवल दो ही कार्य है और वो है हरियाणा में नशा तस्करों को सलाखों के पीछे भेजना तथा दूसरा कोई व्यक्ति अशिक्षा, अज्ञानता, लोभ, भ्रष्टाचार, देशद्रोह, कर्तव्य विमुखता अथवा अन्य कारण से नशे के कार्य में संलिप्त न हो जाए उन्हें सचेत करना। विशेष रूप से युवा पीढ़ी को नशे से दूर रखने के उद्देश्य से विद्यालय, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, गली, मोहल्ले, नुक्कड़, चौराहे, सार्वजनिक स्थान पर जा जाकर लोगों को एकत्रित कर उन्हें बताना कि नशा एक बुराई है, जीवन की सच्चाई है। पोस्त भांग अफीम का नशा करता है जीवन की दुर्दशा। जो खाते है नशे की गोलियां वे सहते है जग की बोलियां। हम सबकी एक ही मांग, बंद करो भुक्की और भाग। नशा छोड़ो आएगी बढ़ो। नशा छोडो जीवन से नाता जोड़ो। नशा होता अच्छा तो सबसे पहले माँ कहती खा ले मेरे बच्चा। नशा होता अच्छा तो पिता कहता ले थोड़ी सी पी क्यों करता है चिंता अपनी जिंदगी जी ले। उन्होंने आगे कहा कि नशा भी दो प्रकार का है। प्रथम वो जिस पर भारत सरकार द्वारा नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांस एक्ट नंबर 61 वर्ष 1985 बनाकर प्रतिबन्ध लगाया गया है जिसमे भांग, अफीम, गांजा, चरस, चुरा पोस्त, हेरोइन, स्मैक, चिट्टा, सल्फा, कोकीन, ब्राउन शुगर, एलएसडी, नशीली गोलियां और नशे के टीके आदि प्रतिबंधित नशे है। दूसरी और अप्रतिबंधित नशों में बीड़ी सिगरेट तम्बाकू शराब आदि है जिस पर सरकार द्वारा विशेष रूप से लिखा गया है कि ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। यद्यपि दोनों ही नशे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लेकिन प्रथम श्रेणी के नशे मनुष्य के मस्तिष्क को निष्क्रिय कर देते है। उन्होंने अपने व्याख्यान में विस्तार से नशे पर चर्चा करते हुए कहा कि हम चाहते है कि हमारे बच्चे नशे से दूर रहने। लेकिन कैसे यह प्रश्न हमारे सामने है। उन्होंने कहा जिस प्रकार देश को स्वतंत्र कराने के लिए स्वतंत्रता संग्राम हुआ था उसी प्रकार आज भी नशे के विरुद्ध एक संग्राम करना होगा। इसके लिए अब कोई बलिदान देने की आवश्यकता नहीं है केवल अपने भीतर बैठे शैतान से युद्ध करना है। नशे को छोड़ना है चाहे वह धूम्रपान का ही क्यों न हो। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर दृष्टिपात करते हुए कहा कि पूरे संसार में एक वर्ष में औसतन 80 लाख लोग तम्बाकू के सेवन से मरते हैं जबकि भारत में औसतन प्रतिवर्ष 19 लाख लोगों की मृत्यु तम्बाकू के कारण होती है। मदिरा अर्थात शराब के नशे में व्यक्ति अपराध करता है लेकिन सूखा नशा मनुष्य के मस्तिष्क को इतना अधिक प्रभावित करता है कि ऐसा व्यक्ति हिंसक हो जाता है। नशे के प्रभाव में वह कोई भी अपराध कर सकता है। डॉ. वर्मा ने आगे कहा कि राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि 90 प्रतिशत अपराधों की जड़ केवल और केवल नशा है। डॉ. वर्मा ने विद्यार्थियों के साथ वार्तालाप और व्याख्यान के माध्यम से अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि हरियाणा में वर्ष 2023 में 3823 अभियोग अंकित किये गए थे जिसमे 5460 अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया था। इस वर्ष अब तक 1621 अभियोग अंकित किये गए हैं जिसमें 2245 अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया है। उन्होंने एक कविता नशा मुक्त हो भारत मेरा ऐसी सोच बनानी है के गायन से उपस्थित प्रशिक्षुओं को प्रेरित किया। आगे बताया कि नशा तस्करी में संलिप्त अपराधियों की गुप्त सूचना 9050891508 पर देकर देश के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करें। डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि भारत सरकार नशा करने वाले व्यक्ति को पीड़ित मानकर उसका सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपचार करा रही है। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने शपथ ग्रहण करवाई।