पुरानी ओल्ड आबादी होगी एनडीसी मुक्त: मनीष आनंद मनी
-नगर निगम के अधिकारियों को जनता की तो सुननी पड़ेगी: सुंदर ढींगरा
-एक्सईएन व जेई से जनता थी परेशान: पार्षद
-अंबाला नगर निगम आउटसोर्सिंग के आधार पर सफाई कर्मचारी रखने की अनुमति दी जाए: पार्षद
अंबाला।हरियाणा के परिवहन मंत्री व अंबाला विधायक असीम गोयल का धन्यवाद करते है, जिन्होंने जनता की हर एक समस्याओं को पार्षदों के माध्यम से सुना है और उस समस्या का हल करवाने में हमेशा तत्पर रहे है। यह बात नगर निगम कार्यालय में भाजपा पार्षद मनीष आनंद मनी, सुंदर ढींगरा, रमेश मल, यतिन बंसल, गुरविंद्र मानकपुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। पार्षदों ने कहा कि सितंबर 2022 में भाजपा के नगर निगम के सभी पार्षदों ने यह मुद्दा हाउस की बैठक में उठाया था शहर में जो ओल्ड आबादी (पुरानी लिमिट) की एनडीसी को रोका गया था, जब भी कोई एनडीसी को लेने जाता था तो खसरा नंबर का खेल खेला जाता था, जिसको लेकर एक प्रोसिडिंग लिखी गई थी और पास होकर सरकार के पास गई थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते वह पास नहीं हो पाई थी। आज हम अपने मंत्री असीम गोयल के आदेशानुसार निकाय मंत्री सुभाष सुधा से मिले तो उन्होंने पूरी बात को सुना और आश्वासन दिया कि शहर के अंदर जो भी ओल्ड आबादी है और जिस एरिया में 7 ए के प्रावधान नही लगते है उस एरिया को एनडीसी मुक्त किया जाएगा और उस एरिया में कोई भी खसरा नंबर का खेल खेला नहीं जाएगा।
नगर निगम ने पुरानी लिमिट एरिया को कर दिया था अनअप्रूव्ड:मनीष आनंद मनी
पार्षद मनीष आनंद मनी ने कहा कि वर्ष 1974 से तत्कालीन नगर पालिका द्वारा नक्शे पास किए गए है ओर जहां धारा 7ए लागू ही नहीं होती है उस एरिया को अनअप्रूव्ड कर दिया गया था। जबकि यह क्षेत्र आबादी वाला क्षेत्र है। जिसके चलते अंबाला की जनता परेशान थी। जिसको लेकर भाजपा पार्षद लगातार प्रयासरत थे कि इस ओल्ड आबादी (पुरानी लिमिट) को एनडीसी मुक्त किया जाए और आज निकाय मंत्री द्वारा इसे मंजूरी दे दी गई है। जिसके लिए हम सभी भाजपा पार्षद निकाय मंत्री सुभाष सुधा व परिवहन मंत्री व विधायक असीम गोयल का दिल से धन्यवाद करते है।
नगर निगम के अधिकारियों को जनता की तो सुनी पड़ेगी: सुंदर ढींगरा
वरिष्ठ भाजपा नेता सुंदर ढींगरा ने कहा कि भाजपा के पार्षदों ने जो भी मुद्दा व जनता की जो भी आवाज उठाई गई है उस पर कार्रवाई जरूर हुई है ओर आगे भी ऐसे कार्रवाई होगी। आज जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने बड़ी कार्रवाई की है, क्योंकि नगर निगम के एक्सईएन व जेई से जनता परेशान थी ओर आज निकायमंत्री ने इनको सस्पेंड कर दिया है। शहर में अवैध अतिक्रमण का मुद्दा चल रहा है जल्द ही वह भी मीडिया के सामने लाया जाएगा। सरकार सभी की है। नगर निगम के अंदर जनता ने हमे सेवा करने का मौका दिया है ओर भाजपा के पार्षदों ने जनता की आवाज को समय-समय पर बुलंद किया है। बरसातों के दिनों में बहुत बड़े मुद्दे है ओर कुछ नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही है। मंत्री सुभाष सुधा को बताया कि जो नालों की सफाई तीन-चार महिनों के लिए टैंडर देते है। हरियाणा में दस नगर निगम में है, जिसमें नौ नगर निगमों टेंडर लगाए जाते है, लेकिन अंबाला शहर नगर निगम क्यों नहीं है काम तो अधिकारियों ने कराई है। सरकार के अधिकारी व कर्मचारी है जो काम नहीं करते उनका रिजल्ट आज सामने आ गया है, जिनको मंत्री जी ने सस्पेंड कर दिया है। सुदंर ढींगरा ने कहा कि अंबाला शहर नगर निगम में 12 महीने  नालों की सफाई का कार्य होना चाहिए ताकि सफाई अच्छे से हो सके।
एक्सईएन व जेई से जनता थी परेशान: पार्षद
भाजपा पार्षद मनीष आनंद मनी, सुंदर ढींगरा, यतिन बंसल, रमेश मल, गुरविंद्र मानकपुर ने कहा कि निकाय मंत्री सुभाष सुधा द्वारा जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में एक्सईएन महिंद्र सिंह व जेई संजीव दलाल को निलंबित किया गया है। यह होना भी जरूरी था क्योंकि एक्सईएन महिंद्र सिंह व जेई संजीव दलाल से अंबाला की जनता परेशान थी। निकाय मंत्री द्वारा इन दोनों अधिकारियों को सस्पेंड करके जनता को राहत पहुंचाने का काम किया है। जोकि सराहनीय है। पार्षदों ने कहा कि अगर नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जनता को परेशान किया या फिर उनको बार-बार बिना कार्य के चक्कर कटवाएं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई जरूर होगी।
अंबाला नगर निगम आउटसोर्स के आधार पर सफाई कर्मचारी रखने की अनुमति दी जाए: पार्षद
वरिष्ठ भाजपा नेता सुंदर ढींगरा, भाजपा पार्षद मनीष आनंद मनी, यतिन बंसल, रमेश मल, गुुरविंद्र मानकपुर ने कहा कि अंबाला शहर नगर निगम वर्ष 2010 की जनगणना के आधार पर बना था। जबकि उसके बाद नगर निगम की लिमिट को ओर बढ़ाया गया है। जिसके प्रत्येक वार्ड में 20 से 22 हजार के बीच जनसंख्या है। जिसके हिसाब से कम से कम प्रत्येक वार्ड में 50 सफाई कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन प्रत्येक वार्ड में औसतन 15 से 20 सफाई कर्मचारी ही है। जिनमें से कुछ सफाई कर्मचारियों की मृत्यु हो चुकी है और कुछ रिटायर हो चुके है। पार्षदों का कहना है कि कुल 10 नगर निगम है और बाकि निगमों में आउटसोर्सिंग के आधार पर सफाई कर्मचारी रखें हुए है। केवल अंबाला नगर निगम में इस प्रकार के कर्मचारी नहीं रखे गए है। पार्षदों ने कहा कि अंबाला नगर निगम में आउटसोर्सिंग के आधार पर सफाई कर्मचारी रखने की अनुमति प्रदान की जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *