अम्बाला 27 जून: अखिल भारतीय स्वतन्त्रता सैनानी उत्तराधिकारी संगठन के 80 वर्षीय केंसर रोग से पीड़ित सदस्य शहर के स्वतन्त्रता सेनानी स्वर्गीय सरदार जोध सिंह के बेटे तरलोचन सिंह ने  स्वतन्त्रता सेनानियों की पेंशन बढ़ाने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि 1972 मंे आजादी के 25 साल पूरे होने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा था  कि देश के लाखों लागों को आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों द्वारा जिंदा जलाया गया, फांसी पर लटकाया गया तथा काले पानी की सजा दी गई। उनकी इन कुर्बानियों की बदौलत हमें आजादी मिली और हम लोग देश की सत्ता पर आसीन हुए। लेकिन हमने उन लोगों की कुर्बानियों को देखते हुए आजादी के 25 साल भी बाद उन सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों को कुछ नहीं दिया है। इसी को देखते हुए आजादी के 25 साल पूरे होने की खुशी में श्रीमती इंदिरा गांधी ने उन देशभक्तों को एक ‘फ्रीडम फाईटर’ का दर्जा दिया। हरियाणा सरकार ने भी एकाउंटेंट जनरल के माध्यम से 200 रुपये मासिक पेंशन देने का प्रावधान किया। आजादी के 50 साल बीतने पर भी तत्कालीन सरकारों ने स्वतन्त्रता सैनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों को मान सम्मान दिया तथा उनकी पेंशन में बढोत्तरी की। तरलोचन सिंह ने बड़े खेद पूर्वक आहत होते हुए कहा कि आजादी के 75 साल पूरे होने पर वर्तमान सरकार ने उनकी ओर ध्यान कोई नहीं दिया और न ही उन्हें मान-सम्मान दिया। प्रधानमंत्री अथवा प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तो इनकी कुर्बानियों का जिक्र तक नहीं किया जिस पर स्वतन्त्रता सेनानी संगठन आहत है। उन्होंने कहा कि वे स्पष्ट तौर पर बताना चाहते हैं कि स्वतंत्रता सेनानी उन्हें ही माना जाता है जिनको केन्द्र सरकार ने मान्यता दी है और वे ही पेंशन के असली हकदार हैं। लेकिन हरियाणा राज्य में अनेक व्यक्ति नकली स्वतंत्रता सेनानी बने हुए हैं तथा गलत तरीके से इसका लाभ ले रहे हैं। जिसके बारे में उन्होंने कई बार मुख्य सचिव हरियाणा को इसकी छानबीन करने के लिए पत्र लिखा परन्तु उस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया क्योंकि उस समय के मुख्यमंत्री के वारिस भी इस पेंशन का लाभ ले रहे थे। उन्होंने कहा कि अब सरकार को चाहिए कि वह इस ओर ध्यान दें तथा गलत व्यक्तियों को स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन न दी जाए।

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