करनाल, 24 जून। 
 हरियाणा सरकार ने मत्स्य पालन के व्यवसाय में लगे या इसके इच्छुक अनुसूचित जाति के परिवारों की भलाई के लिए विभिन्न अनुदान योजनाएं शुरू की हैं, ताकि आजीविका बढ़ाकर उनका सामाजिक उत्थान सुनिश्चित किया जा सके।
जिला मत्स्य अधिकारी रंजना रानी ने जानकारी देते हुए बताया कि मछली पालन हेतु ग्रामीण तालाबों को पट्टïे पर लेने के लिए प्रथम वर्ष के दौरान पट्टïा राशि पर  50 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर अथवा वास्तविक पट्टïा राशि का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, अनुदान दिया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा दो लाख रुपये होगी।
उन्होंने बताया कि अधिसूचित पानियों में मछली पकडऩे के लिए स्वीकृत कुल राशि का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम पांच लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार, विभाग द्वारा स्थापित मछली उत्पाद बिक्री के लिए 60 हजार रूपये की रेहड़ी खरीद पर 60 प्रतिशत या अधिकतम 36 हजार रूपये जो भी कम हों, लाभार्थी को दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि मछली पालकों को 40 हजार रुपये के जाल की खरीद पर 60 प्रतिशत अथवा 24 हजार रुपये तक जो भी कम हो, का अनुदान दिया जाएगा।  इसी प्रकार, खाद-खुराक पर 150000 रुपये प्रति हेक्टेयर का 60 प्रतिशत की दर से या धनराशि प्रति हैक्टेयर 90,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा 4 हेक्टेयर तक सीमित हैै। उन्होंने बताया कि द्वितीय आगामी वर्षों की पट्टा राशि पर अधिकतम 40 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अथवा 40 प्रतिशत अनुदान जो भी कम हो, जिसकी अधिकतम सीमा 4 हेक्टेयर तक सीमित है, पर दिया जाएगा।
मत्स्य अधिकारी ने बताया कि यह वित्तीय सहायता अनुसूचित जाति के लिए लाभार्थियों के लिए है और इसके लिए आवेदन-पत्र के साथ अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र संलग्न होना चाहिए। उन्होंने बताया कि आवेदकों को अपना आवेदन-पत्र राज्य सरकार के सरल पोर्टल पर अपलोड करना होगा। अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस पर कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।

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