कुरुक्षेत्र, 14 जून : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी पिछले करीब तीन दशकों से भारतीय संस्कृति व संस्कारों के साथ संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के मार्गदर्शन में ही देश के विभिन्न राज्यों में संस्कृत महाविद्यालयों एवं संस्कृत विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। कुरुक्षेत्र में संचालित श्री जयराम संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रणबीर भारद्वाज ने बताया कि श्री जयराम शिक्षण संस्थानों में हजारों विद्यार्थी संस्कृत की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। हजारों विद्यार्थी यहां शिक्षा ग्रहण कर देश विदेश में उच्च पदों पर पहुंच चुके हैं। कई विद्यार्थी तो सरकार में उच्च प्रशासनिक पदों पर भी आसीन हैं। डा. भारद्वाज ने बताया कि बहुत से विद्यार्थी संस्कृत में वेदों एवं शास्त्रों में उच्च शिक्षा ग्रहण कर देश के विभिन्न राज्यों में शिक्षक के तौर पर संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षा सत्र 2024 -25 में विभिन्न कक्षाओं के लिए श्री जयराम विद्यापीठ में पंजीकरण प्रारम्भ किया गया है। डा. भारद्वाज ने बताया कि जो विद्यार्थी उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष (11 वीं), उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष (12 वीं) एवं शास्त्री प्रथम वर्ष (बी.ए.) में प्रवेश लेना चाहते हैं वे इच्छुक विद्यार्थी अपना पंजीकरण श्री जयराम विद्यापीठ कुरुक्षेत्र में करवा सकते हैं।

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