करनाल, 13 जून। कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘टाबर उत्सव’ बन रहा है अनूठी पहल। कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला)हृदय कौशल ने बताया कि जिला के सरकारी स्कूलों के  9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थी टाबर उत्सव के तहत किताबी ज्ञान के साथ-साथ मूर्तिकला का हुनर सीखेंगे। यह कार्यक्रम 30 जून तक सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान आयोजित किया जायेगा। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दरड़ में उत्सव के तहत बच्चों को मूर्तिकला का हुनर शुरू कर दिया है।

यह प्रशिक्षण आधुनिक मूर्तिशिल्प क्ले मॉडलिंग, रिलीफ एवं 3 डी स्कल्पचर आर्ट में हरियाणवी संस्कृति पर दिया जा रहा है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छात्र-छात्राओं का रचनात्मक/कलात्मक विकास करवाने के लिए यह प्रशिक्षण बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में कारगर सिद्ध होगा। इससे विद्यार्थी भविष्य में कला प्रतियोगिताओं में बढ़-चढक़र भाग लेने के साथ राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मूर्ति शिल्प प्रतियोगिताओं के बारे में भी जानेंगे। इस शिविर में राज्य के निपुण कलाकारों एवं सह कलाकारों द्वारा विद्यार्थियों को मूर्तिकला में पारंगत किया जाएगा। साथ ही प्रयोग होने वाली सामग्री जैसे क्ले, पीओपी आदि से लघु मूर्तिशिल्पों को बना कर रंगों से हुनर भी सिखाए जाएंगे। इससे भविष्य में उन्हें में शिक्षा के साथ मूर्तिकला के क्षेत्र में प्रतियोगिता, रोजगार एवं मूर्तिकला के क्षेत्र में करियर बनाने का जानकारी प्राप्त होगी। प्रशिक्षण देने वाले कलाकारों द्वारा कला संस्कृति तथा मूर्तिकला के उत्थान संरक्षण, संवर्धन एवं विकास के लिए कला को निखारा जाएगा।   उम्मीद है कि जिला में आधुनिक मूर्तिकला के प्रचार-प्रसार के लिए यह शिविर सार्थक सिद्ध होगा। इस शिविर/समर कैम्प में विद्यार्थियों को रोजाना अल्पहार भी दी जाएगा। विद्यार्थी शिविर में एक महीने तक नि:शुल्क भाग ले सकते हैं।

टाबर उत्सव कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. उमा शंकर, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ जी. अनुपमा तथा सूचना जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक मनदीप सिंह बराड़ एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक जितेन्द्र कुमार तथा विभाग के अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक अमृता सिंह के मार्गदर्शन में कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) हृदय कौशल तथा कार्यक्रम अधिकारी (कल्चर) अमनप्रीत कौर के मार्गदर्शन में जिला में आयोजित किया जा रहा है।

काबिलेजिक्र है कि मूर्तिशिल्प एकमात्र ऐसा विषय है जिसमें सभी विषयों का अध्ययन एक साथ हो जाता है। शारिरिक, मानसिक एवं बौद्धिक ज्ञान को नवीनता प्रदान करता है। हरियाणा राज्य में लुप्त होती मूर्तिकला का विकास एवं विभिन्न माध्यमों में जैसे धातु लकड़ी, पत्थर, पीओपी, टैराकोटा, कांच, वैल्डिंग, सिरामिक, असेम्बलेज आदि माध्यमों से भी अवगत करवाया जाएगा। कक्षाओं को प्रयोगात्मक व रोचक बनाने के लिए लाइव मॉडल डेमो से भी कार्य करवाया जाएगा। जिला के लगभग 40 से 50 विद्यार्थी इन 30 दिनों में तकनीकी व कलात्मक दृष्टिकोण से लाभान्वित होंगे।

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