वन मित्र योजना – हरियाणा में बढ़ेगा वन क्षेत्र, गरीबों को मिलेगा रोजगार
वन मित्र योजना- हरियाणा सरकार का अनूठा कदम, पर्यावरण और रोजगार दोनों का होगा फायदा
:- पहले वर्ष गड्ढे खोदने के 20, पौधे लगाने पर 30 व रखरखाव और सुरक्षा के लिए मिलेंगे 10 रुपये प्रति पेड़

करनाल, 8 जून। प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए सरकार ने वन मित्र योजना की शुरुआत की है जिसके तहत वन मित्र बनकर बेरोजगार व्यक्ति आय अर्जित करने के साथ ही प्रदेश को हरा भरा करते हुए स्वच्छ वातावरण बनाने में अपना योगदान दे सकेंगे। डीसी उत्तम सिंह ने बताया कि राज्य में पेड़ों की संख्या बढ़ाते हुए वन क्षेत्र में इजाफा करने की यह सामुदायिक सहभागिता पर आधारित नायाब योजना है। इस योजना के तहत आमजन को वन मित्र बनाकर उन्हें पेड़ लगाने पर सरकार द्वारा प्रति वृक्ष मानदेय दिया जाएगा। खास बात यह है कि पेड़ के बड़े होने तक कई चरणों में वन मित्र को मानदेय हासिल होगा।
डीसी ने कहा कि वन मित्र बनाने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी व जिन परिवारों की आय 1.80 लाख रुपये से कम है उनका चयन पीपीपी डेटाबेस से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षकता की संस्कृति और वृक्षारोपण और देखभाल के प्रति व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने की अनूठी परिकल्पना इस योजना में की गई है। डीसी ने बताया कि प्रथम वर्ष के दौरान जून के अंतिम सप्ताह तक जियो टैगिंग और मोबाइल एप पर वन मित्र द्वारा गड्ढों का फोटोग्राफ अपलोड करने पर 20 रुपये प्रति गड्ढा, जुलाई और अगस्त के अंतिम सप्ताह तक वन मित्र द्वारा लगाए गए पौधे की जियो टैगिंग के बाद 30 रुपये प्रति पौधा तथा सितंबर से महीनों के अंतिम सप्ताह तक रोपण के रखरखाव और संरक्षण के लिए 10 रुपये प्रति जीवित पौधा दिया जाएगा। इसी प्रकार से द्वितीय वर्ष में हर महीने के अंतिम सप्ताह में 8 रुपये प्रति जीवित पौधा, तीसरे वर्ष में 5 रुपये प्रति जीवित पौधा हर महीने के अंतिम सप्ताह में तथा चौथे वर्ष 3 रुपये जीवित पौधा हर महीने के अंतिम सप्ताह में वन मित्र को दिए जाएंगे।
डीसी ने बताया कि प्रथम वर्ष में फरवरी व मार्च में पंजीकरण, चयन और प्रशिक्षण दिया जाएगा। 10 जून तक वृक्षारोपण के लिए गड्ढे खोदने का काम पूरा, 1 जुलाई से 15 अगस्त तक रोपण अवधि होगी। 31 अगस्त तक वृक्षारोपण सत्यापन और जियो टैगिंग का पूरा होना तथा सितंबर से अप्रैल तक वृक्षारोपण का रखरखाव और संरक्षण का कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार से दूसरा, तीसरा और चौथा वर्ष में वृक्षारोपण का रखरखाव और संरक्षण का कार्य वन मित्र द्वारा किया जाएगा। एक व्यक्ति अधिकतम 1 हजार पेड़ों का रोपण कर सकता है। डीसी ने कहा कि वन मित्र योजना की अधिकारी जानकारी के लिए जिला वन मंडल कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

-वन मित्र एप व पोर्टल से करें आवेदन
डीसी ने बताया कि 1.8 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले पात्र परिवारों/व्यक्तियों की पहचान परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के आंकड़ों से की जाएगी और योजना में भाग लेने के लिए पात्रता की सूचना परिवारों को विभिन्न माध्यम द्वारा दी जाएगी। इस संदेश के माध्यम से हितधारकों को योजना की वन मित्र पोर्टल/मोबाइल एप पर पंजीकरण की प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया जाएगा।

-ये रहेगी वन मित्र की जिम्मेदारी
वन मित्र को रोपण के लिए आवश्यक भूमि की पहचान और व्यवस्था करनी होगी। यदि वृक्षारोपण के लिए पहचानी गई भूमि वन मित्र के स्वामित्व में नहीं है तो वह मालिक से लिखित रूप में अनुमति प्रदान करेगा, वृक्षारोपण के लिए आवश्यक गड्ढे खोदना और गड्ढे में वृक्षारोपण करना और मानक संचालन प्रक्रियाओं में निहित विनिर्देशों के अनुसार उनकी देखभाल करना तथा वृक्षारोपण की सफलता सुनिश्चित करनी होगी।

-वन विभाग देगा ट्रेनिंग
वन मित्र को रोपण के लिए स्वस्थ पौधे उपलब्ध कराना, वन मित्र को वृक्षारोपण की तकनीकों और इसके रखरखाव व संरक्षण और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) की तैयारी जैसे खरपतवार-कटाई, सिंचाई, ठंड से पौधों की सुरक्षा के उपाय पर बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करना, वन रक्षक, वन दरोगा और रेंज अधिकारी वन मित्रों को उनके अधिकार क्षेत्र के भीतर वृक्षारोपण के संबंध में जब-जब आवश्यकता होगी सलाह देंगे तथा वन मित्र द्वारा किए गए वृक्षारोपण के सफलता प्रतिशत के मूल्यांकन का दस्तावेजीकरण करना है।

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