-दो विभागों ने मिलकर की स्कूली विद्याथियों हेतु टाबर उत्सव-2024 की अदभुत शुरूआत।
-हरियाणा के 22 जिलों के 22 सरकारी स्कूलों में आयोजित टाबर उत्सव में विद्यार्थी सीखेंगे मूर्तिकला के हुनर।
अम्बाला, 7 जून-
कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा एवं शिक्षा विभाग, हरियाणा के संयुक्त तत्वाधान में स्कूल स्तर के 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर टाबर उत्सव-2024 का आयोजन राज्य के 22 जिलों के 22 सरकारी विद्यालयों में किया जा रहा है। जिसमें प्रात: 8 बजे से दोपहर 11 बजे तक विद्यार्थियों को आधुनिक मूर्तिशिल्प क्ले मॉडलिंग, रिलिफ एवं 3डी स्कलप्बरल आर्ट में हरियाणा संस्कृति पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह टाबर उत्सव कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग के माननीय अतिरिक्त मुख्य सचिव वी. उमा शंकर, शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ0 जी. अनुपमा तथा इस विभाग के महानिदेशक मनदीप सिंह बरार एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक जितेन्द्र कुमार तथा विभाग के अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्रीमति अमृता सिंह के मार्गदर्शन में हृदय कौशल, कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) तथा कार्यक्रम अधिकारी (कल्चर) अमनप्रीत कौर की देखरेख में किया जा रहा है।
इस 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर टाबर उत्सव का उद्देश्य हरियाणा राज्य के होनहार छात्र-छात्राओं को मूर्तिशिल्प कला में अपनी प्रतिभा निखारने व राज्य में लुप्त हो रही मूर्तिकला के विकास के उद्देश्य के साथ-साथ राज्य में होनहार कलाकारों को सुमार्ग देने हेतु, सरकारी स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को कला के क्षेत्र में तकनीकी दृष्टिकोण प्रयोगात्मक अभ्यास के साथ लरनिंग बाय डूईंग प्रौसेस से मूर्तिशिल्प व काफट की सौंदर्यात्मक एवं विभिन्न माध्यमों में तकनीकी प्रशिक्षण भी मिलेगा। जिससे ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छात्र-छात्राओं का रचनात्मक / कलात्मक विकास होगा तथा साथ ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बालक-बालिकाओं को एक स्थान पर एकत्रित कर उस क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षण/ हॉबी क्लासस के रूप में विद्यार्थियों को मूर्तिकला का नि:शुल्क प्रशिक्षण एवं प्रतिदिन रिफ्रेशमेन्ट भी दी जाएगी इससे सभी विद्यार्थी भविष्य में कला प्रतियोगिताओं में बढ़-चढक़र भाग लेने के साथ राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मूर्तिशिल्प प्रतियोगिताओं के बारे में भी जानेंगे। इस शिविर में विभाग द्वारा हरियाणा राज्य के विभिन्न जिलों से नियुक्त किए गए कलाकारों एव सह-कलाकारों द्वारा हर्ष एवं उत्साह के साथ सभी विद्यार्थियों को मूर्तिकला विधा में प्रयोग होने वाली सामग्री जैसे क्ले, पीओपी (अन्य माध्यम) व सामग्री आदि से लघु मूर्तिशिल्पों को बना कर रंगों से हुनर भी सिखाए जाएंगे। जिससे भविष्य में उनको मूर्तिकला क्षेत्र में शिक्षा के साथ प्रतियोगिता, रोजगार एवं मूर्तिकला के क्षेत्र में कैरियर बनाने का भी ज्ञान मिलेगा। राज्य में कला संस्कृति तथा मूर्तिकला के उत्थान संरक्षण, संवर्धन एवं विकास हेतु कला को निखार कर कैरियर बना पाएंगे। हरियाणा राज्य में आधुनिक मूर्तिकला के प्रचार-प्रसार हेतु यह शिविर अत्यंत सार्थक सिद्ध होगा। इस शिविर / समर कैम्प में विद्यार्थियों को प्रतिदिन रिफैश्मेन्ट भी दी जाएगी।
किसी भी आयु वर्ग के कोई भी विद्यार्थी इस शिविर में एक महीने हेतु नि: शुल्क भाग ले सकते हैं।
मूर्तिशिल्प एक मात्र ऐसा विषय है जिसमें सभी विषयों का अध्ययन एक साथ हो जाता है। शारिरिक, मानसिक एवं बौधिक ज्ञान को नवीनता प्रदान करता है। हरियाणा राज्य में लुप्त होती मूर्तिकला का विकास एवं विभिन्न माध्यमों में जैसे धातु लकड़ी, पत्थर, पीओपी, टैराकोटा, कांच, वैल्डिंग, सिरामिक, असेम्बलेज आदि माध्यमों से भी अवगत करवाया जाएगा। कक्षाओं को प्रयोगात्मक व रोचक बनाने के लिए लाईव मोडल डेमो से भी कार्य करवाया जाएगा। राज्य के लगभग 1200 से 1500 विद्यार्थी इन 30 दिनों में तकनीकी व कलात्मक दृष्टिकोण से लाभान्वित होंगे।