दो बार सूरज भान, एक बार राम प्रकाश और एक बार अमन कुमार नागरा रहे ऐसे विपक्षी सांसद
अंबाला – गत 25 मई शनिवार को देश की 18 वीं लोकसभा के गठन हेतू आम चुनाव की कड़ी के छठे चरण में देश के विभिन्न राज्यों में फैली कुल 58 लोकसभा सीटों, जिनमें अम्बाला (अनुसूचित जाति- एस.सी. आरक्षित) सहित हरियाणा की सभी 10 लो.स. सीटें भी शामिल थी. पर मतदान सम्पन्न हुआ.
जहाँ तक अम्बाला लोकसभा हलके का विषय है, तो समाचार लिखे जाने तक भारतीय निर्वाचन आयोग के वोटर टर्नआउट एप पर प्रकाशित डेटा के अनुसार इस सीट पर मतदान का प्रतिशत करीब 65.27 प्रतिशत रहा जो प्रदेश में सिरसा और रोहतक के बाद तीसरे नंबर पर रहा. प्रदेश की सभी 10 लो.स. सीटों पर मतदान का औसत प्रतिशत 63 प्रतिशत रहा. हालांकि चुनाव आयोग द्वारा इस बारे में फाइनल आधिकारिक आंकड़ा सार्वजनिक किया जाना फिलहाल शेष है.
इसी बीच शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट एडवोकेट और चुनावी विश्लेषक हेमंत कुमार ने चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों से प्राप्त जानकारी के आधार पर एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण जानकारी सांझा करते हुए बताया कि गत 72 वर्षो में अर्थात वर्ष 1952 अर्थात देश में पहले हुए लोकसभा आम चुनाव से आज से पांच वर्ष पूर्व मई,2019 तक अर्थात 17वी लोकसभा आम चुनाव तक केवल 4 बार ऐसा हुआ जब अम्बाला लोकसभा सीट से उस राजनीतिक पार्टी का सांसद निर्वाचित हुआ जिसकी पार्टी की केंद्र में सरकार नहीं बन पाई थी.
सर्वप्रथम वर्ष 1967 में जब चौथी लोकसभा आम चुनाव हुए, तब अम्बाला लोकसभा सीट से भारतीय जन संघ के उम्मीदवार सूरज भान ने कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी पी.वती. को करीब नौ हज़ार वोटों के अंतर से हराकर पहली बार इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. तब लोकसभा आम चुनाव के बाद देश में हालांकि इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी थी.
उसके बाद वर्ष 1980 में सातवीं लोकसभा आम चुनाव में भी अम्बाला संसदीय सीट से जनता पार्टी के उम्मीदवार सूरज भान ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सोमनाथ. को करीब दो हज़ार वोटों के अंतर से हराकर दूसरी बार इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. उस समय भी केंद्र में इंदिरा गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की सरकार ही बनी थी.
तत्पश्चात वर्ष 1989 में नौवीं लोकसभा आम चुनाव अम्बाला लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार राम प्रकाश ने भाजपा के सूरज भान को करीब 23 हज़ार वोटों के अंतर से हराकर तीसरी बार इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए थे. उस समय भी केंद्र में वीपी सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा-वाम मोर्चा की सरकार बनी थी जिसे भाजपा के बाहर से समर्थन दिया था.
चौथी बार वर्ष 1998 बाहरवी लोकसभा आम चुनाव में बसपा के अमन कुमार नागरा ने भाजपा के सूरज भान को मात्र 2864 वोटो से पराजित कर पहली बार अम्बाला लोकसभा सीट सांसद बने थे . उस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में और भाजपा की अगुआई में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनी थी जो हालांकि केवल 13 महीने ही चल पायी थी.