जीओ गीता का रामनवमी विशेष सत्संग-संकीर्तन आयोजन
कुरुक्षेत्र, 18 अप्रैल : महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज के सानिध्य में श्री कृष्ण कृपा जीओ गीता परिवार द्वारा रामनवमी के उपलक्ष्य में सेक्टर 13 में विशेष सत्संग-संकीर्तन का आयोजन किया गया। रामनवमी विशेष सत्संग-संकीर्तन में गीता मनीषी स्वामी ज्ञाननंद महाराज ने विशेष रूप से उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं को प्रवचनों के माध्यम से सराबोर किया। सत्संग-संकीर्तन का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में पधारे भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आत्म प्रकाश मनचंदा, पूर्व मंत्री संदीप सिंह, पूर्व पार्षद पवन वधवा, भाजपा जिला अध्यक्ष रवि बत्तान, सुरेंद्र सुधा काका, राकेश सिरसला, जितेंद्र ढींगरा एवं महेंद्र सिंगला ने दीप प्रज्वलन करके किया। संकीर्तन के दौरान वृंदावन धाम के सुप्रसिद्ध रसिक रतन झिंझाना द्वारा संकीर्तन के प्रारंभ में गाए गए भजनों से जहां पंडाल में उपस्थित हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालु भक्ति रस में झूमते दिखाई दिए, वहीं शाहाबाद मारकंडा के विख्यात रसिक जनों में शुमार सागर कोहली द्वारा भगवान राम व भगवान कृष्ण की वंदना में प्रस्तुत किए गए भजनों पर श्रद्धालु जमकर थिरके व दरबार के समक्ष खूब नृत्य किया। अपने प्रवचनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए गीता मनीषी स्वामी ज्ञाननंद महाराज ने भगवान राम की महिमा पर बात करते हुए उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित किया। गीता मनीषी ने कहा कि भगवान राम का अवतार केवल रावण वध के लिए नहीं हुआ बल्कि राम अवतार तो समाज में मर्यादाओं एवं आदर्शों की स्थापना करने के लिए हुआ। उन्होंने कहा कि राम अस्मिता हैं, राम समरसता हैं, राम सद्भावना हैं, राम परंपरा हैं और इतना ही नहीं भवन श्री राम हमारा स्वाभिमान है। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि राम केवल हिंदू अथवा सनातनियों के लिए नहीं हैं। राम केवल भारत के लिए भी नहीं हैं बल्कि राम तो पूरे विश्व की आवश्यकता हैं। रामनवमी विशेष सत्संग-संकीर्तन में मध्य उपरांत पधारे पूर्व सांसद नवीन जिंदल एवं अन्य मुख्य अतिथियों को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भगवत गीता भेंट कर सम्मानित किया। भगवान राम की आरती एवं हे योगेश्वर प्रार्थना के साथ रामनवमी विशेष संकीर्तन का समापन हुआ। इस अवसर पर चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, चेयरमैन धर्मवीर डागर, उद्योगपति संजीव सीकरी, जयसिंह पाल, अनु मल्याण, खरैती लाल सिंगला, गुरदयाल सनहेड़ी, डा. स्वदेश ललित, पार्षद राधेश्याम वधवा, पूर्व पार्षद सतीश मदान टोनी, सुशील सूद, बिट्टू कौशिक, विशाल सिंगला, विनोद गर्ग, अनिरुद्ध कौशिक, जगमोहन बंसल, पवन भारद्वाज, गुलशन ग्रोवर, राजकुमार सिक्का, मुलख राज अनेजा, रजनीश गुप्ता, सुरेंद्र बतरा एवं मुकेश कुमार सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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जय श्री कृष्ण से हो एक दूसरे का अभिवादन : मदन मोहन छाबड़ा
जीओ गीता रामनवमी विशेष सत्संग-संकीर्तन में मंच संचालन का कार्य बखूबी निभाते हुए 48 कोस तीर्थ कमेटी के चेयरमैन मदन मोहन छाबड़ा ने जहां एक ओर कुरुक्षेत्र की पावन धरा के महत्व पर प्रकाश डाला, वहीं दूसरी ओर उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि अगर हरिद्वार में जाएं तो हर हर गंगे कहा जाता है, वृंदावन में जाएं तो प्रत्येक व्यक्ति राधे-राधे कहता है और इसी तरह काशी में जाना हो तो हर किसी की जुबान पर हर हर महादेव गुंजायमान होता है। लेकिन यहां कुरुक्षेत्र भगवान कृष्ण और उनके मुखारविंद से निकली गीता की उपदेश स्थली होने के बावजूद यहां जय श्री कृष्ण नहीं अपितु नमस्ते कहा जाता है। मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि हम कुरुक्षेत्र वासियों को नमस्ते की बजाय एक दूसरे का जय श्री कृष्ण कहकर अभिवादन करना चाहिए।
18 जीओ गीता 01 : पूर्व सांसद नवीन जिंदल को श्रीमद्भगवद्गीता भेंट करते गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज।
18 जीओ गीता 02 : जीओ गीता सत्संग-संकीर्तन में श्रद्धालुओं की उपस्थिति का दृश्य।