महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया नवरात्र पूजा में पवित्र और एकाग्र मन होना चाहिए
कुरुक्षेत्र, 13 अप्रैल : मारकंडा नदी के तट पर अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी निरंतर संत महापुरुषों के साथ सर्वकल्याण की कामना से नवरात्र पूजन कर रहे हैं। श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में नवरात्रों के पांचवें दिन मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप और भगवान कार्तिकेय की विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजा हुई। साथ ही हवन यज्ञ में श्रद्धालुओं द्वारा आहुतियां दी गई। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि मां भगवती का 5वां स्वरूप स्कंदमाता है। स्कंदमाता को सृष्टि की पहली प्रसूता स्त्री माना जाता है। उन्होंने बताया कि भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इन्हें स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। उसके अलावा ये शक्ति की भी दाता हैं। सफलता के लिए शक्ति का संचय और सृजन की क्षमता दोनों का होना जरूरी है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि स्कंदमाता शेर पर सवार रहती हैं। उनकी चार भुजाएं हैं। ये दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में पकड़े हुए हैं। नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प है। उन्होंने इस दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया और बताया कि स्कंदमाता और भगवान कार्तिकेय की पूजा विनम्रता के साथ करनी चाहिए।