कुरुक्षेत्र, 11 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डॉ. बी. आर. अंबेडकर अध्ययन केंद्र, एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास हरियाणा प्रांत के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को भारतीय समाज और वैदिक संस्कार विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार का आरंभ छात्रा खुशी ने सरस्वती वंदना के पाठ से किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ प्रीतम सिंह सह-निदेशक डॉ. बी. आर. अंबेडकर अध्ययन केंद्र ने सभी अतिथियों एवं ऑनलाइन जुड़े हुए सभी छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. बी. आर. अंबेडकर अध्ययन केंद्र के निदेशक डॉ. गोपाल प्रसाद ने केंद्र की उपलब्धियों, केंद्र में चलने वाले कार्यक्रमों के साथ-साथ एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार की विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए वैदिक सभ्यता और संस्कारों को अपनाने का बल दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह आज का युवा पथ भ्रष्ट हो रहा है उसे वैदिक संस्कारों की अत्यंत आवश्यकता है।
वेबिनार में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास हरियाणा के संयोजक डॉक्टर हितेंद्र त्यागी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास की कार्यप्रणाली के बारे में विचार रखते हुए युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए वैदिक संस्कारों के महत्व को अपनाते हुए सद्मार्ग पर लाने का आग्रह किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. रामचंद्र ने बताया कि वैदिक संस्कारों में भारतीय समाज का उत्थान निहित है। जब तक आज की युवा पीढ़ी वैदिक संस्कारों को नही अपनाएगी तब तक उसका मानवीय उत्थान नही हो सकता। उन्होंने व्यक्ति के जीवन में 16 संस्कारों के महत्व को उद्धृत करते हुए कहा कि संस्कारों के बिना व्यक्ति का जीवन पशु समान है। इसलिए जन्म के पूर्व से लेकर और मृत्यु पर्यंत व्यक्ति का जीवन वैदिक संस्कारों से संचालित ही होता रहा है, लेकिन जब-जब व्यक्ति संस्कारों से दूर होता गया त्यों-त्यों उसका पतन होता गया. इसलिए उन्होंने भारतीय जीवन में वैदिक संस्कारों के महत्व पर बल दिया। कार्यक्रम के अंत में केंद्र के सह-निदेशक डॉक्टर प्रीतम सिंह ने सभी महानुभावों विशेष कर मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता, विशिष्ट अतिथि और आभासी पद्धति से जुड़े हुए विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों आभार प्रकट किया। उपनिषद के मंत्र से कार्यक्रम का समापन किया गया।