विद्यार्थी जीवन में भी प्रिंट का मॉडल अपनाएः प्रोफेसर एआर चौधरी
विद्यार्थियों की छह महीने की प्रैक्टिल ट्रैनिंग आवश्यक होः जसवीर सिंह
नॉर्थ जोन प्रिंटिग ओलंपियाड में अन्नू अव्वल
कुरुक्षेत्र, 04 मार्च। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान एवं केद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ और ऑफसेट प्रिंटर्स एसोसिएशन, लुधियाना के संयुक्त तत्वावधान में केयू सीनेट हॉल में सोमवार को एक दिवसीय छठे नॉर्थ जोन ओलंपियाड-2024 पर कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान की निदेशिका प्रोफेसर बिंदु शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से प्रिंटिग और ग्राफिक्स इंडस्ट्री में आ रहे नये-नये तकनीकी बदलावों को जानने का अवसर विद्यार्थियों को मौका मिलेगा। इस तकनीकी जानकारियों से विद्यार्थियों को उसी अनुरूप उनके करिअर के लिए तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जनसंचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी संस्थान का उदेश्य इस छठे ओलंपियाड-2024 के माध्यम से विद्यार्थियों को अपने कार्य में सशक्त बनाना है जिससे वे ‘सशक्त भारत 2047’ के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभा सके।
इस अवसर पर ऑफसेट प्रिंटर्स एसोसिएशन, लुधियाना के अध्यक्ष प्रोफेसर कमल चोपड़ा ने कहा कि प्रिंटिंग इंडस्ट्री मानव इतिहास के सर्वोतम आविष्कारों में एक है जिसने सबसे ज्यादा तकनीकि के रूप में स्वयं को भी आगे बढ़ाया है और दूसरे क्षेत्रों को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। उन्होंने कहा कि हम पिछले 20 वर्षो अथक निरंतर ‘प्रिंट चेतना’ से प्रिंट ओलंपियाड-2024 तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि प्रिंट ओलंपियाड-2024 का हमारा एक ही उद्देश्य है कि हम अपनी एसोसिएशन के माध्यम से प्रिंटिग एवं ग्राफिक्स इंडस्ट्री को नये-नये आइडिया उभरते हुए नौजवानों के जरिये दे और उन्हें एक मंच प्रदान करें जिससे ये दोनों ही प्रिंटिंग एवं ग्राफिक्स इंडस्ट्री आगे बढें। उन्होंने कहा कि डिजाईनिंग हर जगह मौजूद है, साथ ही प्रिंटिग प्रत्येक प्रकार की चीजों की जननी है। वर्तमान में इंटरनेट से जुड़कर प्रिंटिंग एवं ग्राफिक्स इंडस्ट्री और अधिक व्यापक हो चली है, इसलिए प्रिंटिग एवं ग्राफिक्स इंडस्ट्री क्षेत्र में स्वर्णिम रोजगार की असीम संभावनाएं है। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि कुछ अलग करने के सपने देखो, प्रिंटिग एवं ग्राफिक्स इंडस्ट्री आपको नये-नये आइडियाज देती है और उसे आइडियाज को पूर्ण करने का कार्य प्रिंट ओलंपियाड करेगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डीन एकेडमिक अफेयरर्स, प्रोफेसर एआर चौधरी ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा कि कि छठे प्रिंट ओलंपियाड-2024 के सभी मुख्यवक्ताओं, एसोसिएशन के चैयरमेन एवं अन्य तकनीकी प्रबुद्ध शिक्षकों का आभार जिन्होंने एक दिवसीय कार्यशाल का आयोजन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में किया। उन्होंने कहा कि जीवन में हम अपने आडियाज के माध्यम से प्रिंट करते रहते हैं जो उसे बाद में यथार्थ का रूप देते हैं। उन्होंने कहा कि छठे प्रिंट ओलंपियाड-2024 की कार्यशाला के माध्यम से विद्यार्थियों को अपना सुनहरा भविष्य बनाने का मार्ग मिलेगा। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का एंटरप्रन्योर सैल अपने विद्यार्थियों को र्स्टाअप लगाने के लिए भारत सरकार के सहयोग से हर संभव कोशिश कर रहा है जिससे विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनने में बल मिलेगा।
जयवीर सिंह, प्रसीडेंट प्रिटिग पैकेजिग एंड एलाइंड मैनूफेचरिंग एएसोसिएशन वर्तमान में देश की सभी प्रकार की इंडस्ट्रीज चार मुख्य इंडस्ट्री पर निर्भर करती रही जिनमें प्रिंटिग, पैन, ग्राफिक्स, और पेटिंग सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा ने प्रिंटिग के महज कोई पेज ही प्रिंट नहीं होता बल्कि यह उससे कही आगे है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया कि प्रिंटिग के शैक्षणिक संस्थानों को प्रिंटिग इंडस्ट्री की तरह ही चलना होगा जोकि दोनों का भविष्य एक-दूसरे पर निर्भर करता है। इसके लिए विद्यार्थियों की छह महीने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग आवश्यक होनी चाहिए और साथ ही प्रिंटिग, ग्राफिक्स और पैकेजिंग के शिक्षकों की ट्रेनिंग आवश्यक हो।
कार्यक्रम के दूसरे तकनीकी सत्र में पूर्व हेड, प्रिंटिंग टेक्नॉलॉजी, अविनाशिलिंगम डीम्ड यूनिवर्सिटी, कोयंबटूर, की प्रोफेसर टी.के.एस. प्रिया लक्ष्मी ने अपने ‘एपलीकेशन ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन प्रिंटिग एंड ग्राफिक्स इंडस्ट्री मुख्य वक्ता अपने विचार रखते हुए कहा कि वर्तमान में विश्व 4.0 इंडस्ट्री पर आ चुकी हैं जिनमें प्रथम हेडमैड, दूसरी मैकेनिकल, तीसरी इलेक्ट्रॉनिक और चौथी कम्प्यूटर आधारित। इन 4.0 इंडस्ट्री में ए.आई अर्थात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने भी अपना स्थान बना लिया है। उन्होंने कहा 4.0 इंडस्ट्री ए.आई के आने से सभी प्रकार कार्य अधिक सरल, तेज और अधिक उत्पादन के साथ होना संभव हो गया है जिसमें मुख्यत प्रिंट, ग्राफिक्स, पैकेजिग, पेंनट, इंक, फोटोशॉप, रचनात्मकता इत्यादि।
इसी तकनीकी सत्र के मुख्य वक्ता आशीष वसुवेदा, मैनेजर बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर, एच.पी. प्राईवेट लिमिटेड, नई दिल्ली ने अपने विचार ‘डिजीटल प्रिंटिग इंक’ विषय पर रखते हुए कहा कि डिजीटल प्रिंटिग इंक ने तमाम तरह की इंडस्ट्री को उपभोक्ताओं के अनुसार आगे बढ़ाया है क्योंकि किसी भी प्रोडक्ट पर प्रिंट किये गए मैटर की इंक महत्त्वपूर्ण योगदान देती है। अगर किसी प्रोडक्ट पर इंक अच्छे से कार्य करती है तो प्रोडक्ट अधिक रचनात्मक और बाजार भाव से उपयुक्त होता है यदि इंक ही अच्छी नहीं होगी तो कोई प्रोडक्ट उपभोक्ता को खरीदने के लिए आकर्षित नहीं करेगा। उन्होंने अपनी पीपीटी पावर पाइंट के माध्यम से इंक बनने की प्रक्रिया, इंक की प्रिंटिंग, इंक के कलर, इत्यादि पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम के संचालक कंवरदीप ने कहा कि विद्यार्थियों को इस कार्यशाला के माध्यम से प्रिंटिंग एवं ग्राफिक्स के तकनीकी पहलुओं, सॉफ्टवेयर, म्यीनी टूल्स के संबंध में विख्यात प्रिंट एवं ग्राफिक्स विशेषज्ञों के अनुभव से सीखने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने एक दिवसीय छठे ओलंपियाड-2024 नॉर्थ जोन फिनाले के सफल आयोजन की बधाई दी और विद्यार्थियों को प्रिंटिंग एवं ग्राफिक्स उद्योग में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर तकनीकी विशेषज्ञों और प्रबुद्ध शिक्षकों ने विद्यार्थियों के विभिन्न तकनीकी सवालों पर जवाब दिये।
इस अवसर पर सहायक प्रोफेसर डॉ. मधुदीप सिंह, रोमा सिंह, डॉ आबिद अली, डॉ. अभिनव, डॉ. रोशन मस्ताना, सुनीता, रीतू, अर्पणा, सचिन वर्मा, अमित जागड़ा, रा