केयू के पंजाबी विभाग 
द्वारा केयू सीनेट हॉल में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित

कुरुक्षेत्र, 21 फरवरी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि मातृभाषा के बिना किसी भी देश का विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों ने अपनी मातृभाषा में ही तरक्की की है। वे बुधवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग द्वारा केयू सीनेट हॉल में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य पंजाबी भाषा का कंप्यूटरीकरण एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर आयोजित 14वें प्रोफेसर अमरजीत सिंह कांग स्मृति व्याख्यान में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। व्याख्यान कार्यक्रम का शुभारम्भ कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, प्रो. जसपाल कौर कांग, डॉ. सीपी कंबोज, प्रो. एआर चौधरी व डॉ. कुलदीप सिंह द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर सभी अतिथियों द्वारा पंजाबी विभाग के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह की पंजाबी भाषा की दो पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।
कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि देश की संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण के लिए मातृभाषा की अहम भूमिका है इसलिए हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने विश्व में पंजाबी भाषा का महत्वपूर्ण स्थान बताते हुए पंजाबी भाषा की प्रशंसा की तथा मातृभाषा सीखने व सिखाने में संयुक्त परिवार की भूमिका पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि कुवि कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने कहा कि प्रोफेसर अमरजीत सिंह कांग पंजाबी भाषा के विकास के लिए दृढ़ संकल्पित थे। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर कांग में आत्मीयता के भाव और मानवता के कल्याण की भावना निहित थी।
पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के सहायक प्रो. डॉ. सीपी काम्बोज ने बतौर मुख्य वक्ता कहा कि भाषा समाज की संपदा एवं विरासत है तथा भाषा एक पुस्तकालय की तरह है जिससे ज्ञान, विज्ञान, इतिहास एवं संस्कृति की प्राप्ति होती है। उन्होंने पंजाबी भाषा के कम्प्यूटरीकरण व जीवित रखने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि प्रो. अमरजीत सिंह कांग ने केयू पंजाबी विभाग व हरियाणा में पंजाबी साहित्य सृजन व शैक्षणिक वातावरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रो. जसपाल कौर कांग, पूर्व अध्यक्षा गुरू नानक सिख अध्ययन विभाग पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि पंजाबी भाषा मानवता की पहचान है तथा इसे विरासत के रूप में आगे ले जाने का कार्य किया जाना चाहिए।
केयू छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी ने जीवन में मातृभाषा के महत्व व मातृभाषा दिवस के इतिहास पर भी प्रकाश डाला। केयू पंजाबी विभाग के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह कार्यक्रम में पहुंचे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए एनईपी के अनुसार पंजाबी भाषा के विकास के लिए लेंग्वेज लेब, टाइपिंग, वर्कशॉप के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. लता खेड़ा ने किया तथा डॉ. देवेन्द्र बीबीपुरीया ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।  इस अवसर पर पंजाबी विभाग के सभी शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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