एमडीएसडी कॉलेज अंबाला सिटी द्वारा संपन्न हुई वार्षिक राष्ट्रीय प्रतियोगिता की चमन लाल अग्रवाल मेमोरियल काव्य प्रतियोगिता में तरुण और मनोरमा ने रनिंग ट्राफी पर अपने सफल हस्ताक्षर किए। प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त ने हिंदी विभाग को बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों का श्रम एवं मेहनत सदा फलदायी होती है। महाविद्यालय एवं हिंदी विभाग के लिए यह अत्यंत गौरव का क्षण है कि हर बार यह ट्रॉफी जी.एम.एन कॉलेज के हिस्से पंजीकृत होती है। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. रितु गुप्ता ने बताया कि हमारे विद्यार्थियों ने ऐसे विषयों का चुनाव किया जो ज्वलंत है और आज हिंदी विभाग उनकी ताजपोशी पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज, हिंदी विभाग संयुक्त तत्वावधान राष्ट्रभाषा विचार मंच द्वारा आज दिनांक 21 फरवरी 2024 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के उपलक्ष्य में वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने मातृभाषा और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कालेज प्राचार्य डॉ. रोहित दत्त ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में मातृभाषाएं पुनः पल्लवित एवं सुवासित हो रही हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति हमें हमारे संस्कारों, परंपराओं एवं भाषीय गौरव के साथ जोड़ती है। विद्यार्थियों ने मातृभाषा के स्वरूप को स्पष्ट करते हुए बताया की मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करना सर्वोत्तम है। ज्ञान की सशक्त पूंजी हमें मातृभाषा से ही मिल सकती है। हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. रितु गुप्ता ने बताया कि मातृभाषाएं और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आज का ज्वलंत विषय है। मातृभाषाओं का कभी लोप नहीं होता। मातृभाषाएं सदैव व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिष्कृत करती हैं। डॉ. राजेंद्र देशवाल ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कैनवास पर सभी भाषाएं पुन: खिल उठती हैं। ज्ञान- विज्ञान की भाषाएं मातृभाषा में जितनी होंगी उतना ही हम ज्ञान राशि में समृद्ध हो सकते हैं। डॉ. अनीश ने बताया कि हमें सभी मातृभाषाओं का सम्मान करना चाहिए। मातृभाषा व्यक्ति की मुख मंडल की आभा एवं तेजस्विता में वृद्धि करती है। अलग-अलग प्रांतो के विद्यार्थियों ने अपनी मातृभाषा नागालैंड, नेपाली, हरियाणवी, पंजाबी में मातृभाषा के प्रति अपने स्नेहा उद्गारों को अभिव्यक्त किया। इस वैचारिक संगोष्ठी में 45 विद्यार्थियों ने भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनाया।