चेयरमैन एमएम कुट्टी ने पराली के उचित प्रबंधन को लेकर वर्ष 2024 कार्य योजना की वीसी के माध्यम से की समीक्षा, अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश
कुरुक्षेत्र 20 फरवरी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व उसके साथ लगते क्षेत्र में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष एमएम कुट्टी ने हरियाणा में पराली के उचित प्रबंधन को लेकर गुरूवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि विभाग हरियाणा के निदेशक व जिला उपायुक्तों के साथ वर्ष 2024 के लिए तैयार की गई कार्य योजना की समीक्षा की।
वीसी में चेयरमैन एमएम कुट्टी ने प्रदेश के सभी उपायुक्तों व अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि हरियाणा ने पराली प्रबंधन की दिशा में बेहतर कार्य कर वायु प्रदूषण को कम करने का काम किया है, लेकिन पराली में आग लगाने की घटनाओं को शून्य पर लाना है, इसके लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस दिशा में और अधिक मेहनत करने की आवश्यकता है। इस बार शत-प्रतिशत पराली में आगजनी की घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए तथा किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध करवाएं जिससे पराली का समुचित प्रबंधन हो सके। पराली प्रबंधन के लिए आईओसीएल पानीपत में लगाए गए एथेनॉल प्लांट में आसपास के जिलों के किसानों को पराली पहुंचाने के लिए जागरूक किया जाए। पराली को जलाने की बजाए एक बिजनेस के रूप में अपनाने के लिए भी किसानों को प्रेरित करें। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों को भी पराली का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। आयोग द्वारा एनसीआर क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जाए और सभी उपायुक्त नियमित रूप से सभी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करते रहें।
किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1 हजार रुपये की दी जा रही प्रोत्साहन राशि
वीसी में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा के निदेशक राज नारायण कौशिक ने कहा कि पराली प्रबंधन को लेकर हरियाणा देश का एकमात्र ऐसा प्रदेश है जहां किसानों को प्रति एकड़ 1 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसके अलावा फसल विविधीकरण को अपनाने वाले विशेषकर धान की जगह मक्का की काश्त करने वाले किसानों को 7 हजार रूपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सीएससी सेंटरों तथा किसानों को पर्याप्त मात्रा में कृषि यंत्र उपलब्ध करवाए जाएंगे। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए माइक्रो प्लान के तहत गांव से लेकर जिला स्तर पर निगरानी कमेटियों का गठन किया जाएगा।