राकेश शर्मा
सरकार ना जाने कितनी योजनाएं आमजन के लिए बनाती है ताकि आमजन उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सके। लेकिन कभी कभी ये योजनाएं उनके लिए भी बना दी जाती है जिनको इसकी असल में शायद कोई जरूरत भी नहीं होती। और ये योजनाओं शुरू होने से पहले सरकारी बाबुओं की अनदेखी का शिकार हो जाती है और बर्बाद हो जाती है।
कुछ ऐसी ही अनदेखी का शिकार हो रहा मथाना में बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र। सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले उन चिकित्सकों के लिए बनाई गई थी जो इन आवास का लाभ उठा सके। लेकिन ना तो कोई चिकित्सक ही इन सरकारी आवास का लाभ उठा सका और ना ही कोई कर्मचारी जिसकी वजह से ये सरकारी आवास खंडहर में तब्दील हो चुके हैं। और अपनी बदहाल स्थिति में मूक दर्शक बना खड़ा हुआ है और आलम ये है अब ना तो कोई दरवाजा बचा और ना ही कोई खिड़की और गन्दगी के ढेर सो अलग
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चौटाला ने किया शिलान्यास, हुड्डा ने किया उद्घाटन
मथाना का स्वास्थ्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोकि 7 एकड़ में फैला हुआ है ग्राम पंचायत के द्वारा जमीन दी गई तो मथाना का शिलान्यास हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने 27 अगस्त 2000 को किया और जब बन कर तैयार हो गया तब इसका उद्घाटन हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 16 जुलाई 2006 को जनता को समर्पित कर दिया
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55 गांव का केंद्र मथाना का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
मथाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के आसपास के तकरीबन 55 गांव का केंद्र है जहां हर रोज तकरीबन 100 से 200 लोग अपने स्वाथ्या की जांच करवाने के लिए पहुंचते है। और पिपली, खानपुर कोलियां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी इसके अधीन आते है।
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क्या कहते है वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी
जब इस विषय को लेकर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुदेश सहोता ने बताया की जो सरकारी आवास बनाया गया था। शुरुआत में चिकित्सकों ने इन आवास का लाभ उठाया था। लेकिन उन्होंने वे सभी अपने घर के आसपास चले गए जिसके बाद किसी को इनकी कोई जरूरत नहीं पड़ी।और जो अब कार्यरत चिकित्सक व कर्मचारी कार्य कर रहे है वो सभी नजदीक के क्षेत्र होने के कारण अपने अपने घर चले जाते है। जिसके कारण इसकी जरूरत महसूस नहीं की गई।