जिले के चारों हलकों में एक वर्ष में घट गये 30 हज़ार से ऊपर मतदाता —  एडवोकेट हेमंत
 
अम्बाला  – भारतीय चुनाव आयोग के निर्देशानुसार हरियाणा के मुख्य चुनाव अधिकारी (सी.ई.ओ.) द्वारा  प्रदेश  के सभी 22 ज़िलों में कुल रजिस्टर्ड मतदाताओं की ताज़ा संख्या को इस वर्ष 1 जनवरी 2024 की योग्यता तिथि के आधार पर अपडेट किया गया एवं फाइनल मतदाता सूचियों का प्रकाशन गत  माह  22 जनवरी 2024  को  किया गया है जिनके आधार पर  हरियाणा में अब
कुल 1 करोड़ 98 लाख 34 हजार 602 मतदाता हैं जबकि गत वर्ष  यह संख्या  1 करोड़ 96 लाख 58 हजार 234 मतदाता थी.  इस प्रकार बीते  एक वर्ष में  पूरे प्रदेश में 1 लाख 76 हजार 368 मतदाता  बढ़े हैं.
इसी बीच शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा  हाईकोर्ट के एडवोकेट  हेमंत कुमार (9416887788) ने भारतीय चुनाव आयोग से आधिकारिक आंकड़े प्राप्त कर उनका अध्ययन और विश्लेषण कर  बताया कि जहाँ तक अम्बाला जिले में मौजूदा  चार विधानसभा हलको का विषय है, तो ताज़ा जारी  आंकड़ों  अनुसार  अम्बाला ज़िले में  सबसे अधिक मतदाता संख्या अम्बाला शहर विधानसभा हलके में 2 लाख 56 हजार 80 हैं हालांकि गत वर्ष जनवरी, 2023 में यह संख्या 2 लाख 64 हजार 120 थी जबकि  दो वर्ष  पूर्व जनवरी, 2022 में यह आंकड़ा  2 लाख 67 हज़ार 917  था. इस प्रकार बीते  दो वर्षों में    अंबाला शहर विधानसभा हलके में करीब 12 हजार मतदाता घटे हैं  जबकि गत   एक वर्ष में ही  शहर हलके में 8 हज़ार मतदाता घट गए हैं .  बहरहाल, वर्तमान में  अंबाला शहर हलके में 662 सर्विस मतदाता  23 ट्रांसजेंडर (किन्नर ), 20 ओवरसीज (एनआरआई) और  1685 दिव्यांग मतदाता है.

हेमंत ने आगे बताया  कि तीन वर्ष पूर्व  दिसंबर, 2020 में अम्बाला (शहर) नगर निगम चुनावो में, जहाँ पहली बार मेयर का प्रत्यक्ष चुनाव शहर के मतदाताओं द्वारा किया गया था, उस दौरान निगम क्षेत्र  की मतदाता संख्या हालांकि  1 लाख 87 हज़ार 604 थी  क्योंकि नगर निगम के दायरे से बाहर  कई ऐसे ग्रामीण क्षेत्र (गांव) हैं जो अम्बाला शहर विधानसभा हलके में तो पड़ते हैं परन्तु  निगम क्षेत्र की सीमा में नहीं पड़ते. इस प्रकार इस आशय में अम्बाला नगर निगम और अम्बाला  शहर विधानसभा  हलके के मतदाताओं की संख्या में  अंतर आ जाता  है.

उन्होंने आगे  बताया कि ताज़ा आंकड़ों के अनुसार  अम्बाला कैंट विधानसभा सीट पर मतदाताओ की संख्या अब 1 लाख 98 हज़ार 426 जबकि गत वर्ष यह संख्या 2 लाख 8 हजार 99 है. इस प्रकार पिछले एक  वर्ष में  कैंट हलके में 9 हजार 673 मतदाता घटे हैं.  कैंट में आज की तारीख में 838 सर्विस मतदाता, 9 ट्रांसजेंडर,17 ओवरसीज जबकि  1208  दिव्यांग मतदाता है.
वहीं नारायणगढ़  हलके में अब 1 लाख 92 हजार 887 मतदाता है जबकि गत वर्ष यह संख्या 1 लाख 97 हजार 11 थी. इस प्रकार गत एक वर्ष में यहाँ 4 हजार 124 मतदाता  घटे  है. नारायणगढ़ हलके में मौजूदा तौर पर 1235  सर्विस मतदाता,  8 ट्रांसजेंडर, 4 ओवरसीज   एवं 1155  दिव्यांग मतदाता है.
वहीँ मुलाना (आरक्षित ) क्षेत्र में ताज़ा आंकड़ों अनुसार 2 लाख 22 हज़ार 386 मतदाता हैं जो संख्या गत वर्ष 2 लाख 31 हजार 236 मतदाता थी   जिस कारण गत एक वर्ष में यहाँ 8 हजार 850 मतदाता घटे  हैं. वर्तमान में मुलाना हलके में
1282  सर्विस मतदाता,  4 ट्रांसजेंडर, 4 ओवरसीज जबकि 1811  दिव्यांग मतदाता है.

हेमंत ने बताया कि इस प्रकार अम्बाला ज़िले के चारो विधानसभा  हलकों में  वर्तमान तौर पर 8 लाख 69 हजार 779 मतदाता है जो संख्या जनवरी, 2023 गत वर्ष 9  लाख 466 मतदाता थी. इस प्रकार  जिले में मतदाताओं की संख्या पिछले एक वर्ष में 30 हज़ार 687 घटी है.
उन्होंने आगे बताया कि अंबाला (आरक्षित) लोकसभा सीट में अंबाला जिले के उक्त चार विधानसभा हलकों के अलावा पंचकूला जिले के पंचकूला ( कुल मतदाता 2 लाख 26 हज़ार 803) और कालका ( 1 लाख 96 हजार 565) जबकि यमुनानगर जिले के सढौरा- आरक्षित (2 लाख 21 हज़ार 995), जगाधरी (2 लाख 28 हज़ार 497) यमुनानगर ( 2 लाख 34 हजार 639)   विधानसभा हलके  भी शामिल हैं. इस प्रकार अम्बाला लोकसभा सीट के  अंतर्गत पड़ने वाले सभी  9 विधानसभा हलकों में कुल 19 लाख 78 हज़ार 278 मतदाता है.

हेमंत ने  यह भी बताया कि   दिसम्बर, 2021 में  देश की संसद द्वारा  निर्वाचन विधि  (संशोधन) कानून, 2021 पारित किया गया था जिसे  29  दिसंबर, 2021 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति की स्वीकृति  प्राप्त हुई थी. हालांकि उक्त कानून को  1 अगस्त, 2022 से लागू किया गया. इसके द्वारा   लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 में अन्य संशोधनों के साथ ही   यह  भी  प्रावधान किया गया है कि हर वर्ष केवल 1 जनवरी को ही नहीं बल्कि  1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर को भी 18 वर्ष  की आयु पूरे करने वाले स्थानीय निवासियों  का नाम सम्बंधित क्षेत्र की मतदाता सूचियों में शामिल किया जा सकता है. इस कारण आगामी अप्रैल-मई 2024 में निर्धारित 18 वीं लोकसभा आम चुनाव के मतदान से पूर्व मतदाता संख्या में और बढ़ोतरी भी संभव हैं.

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