पुरानी पेंशन सरकारी कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देती है तथा सरकारी कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है। पुरानी पेंशन को बंद करके केंद्र तथा राज्य सरकार ने कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात किया है। हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन(हसला) के राज्य उपप्रधान डॉ तरसेम कौशिक ने कहा कि पेंशन 11 फरवरी 2024 को जींद में आयोजित की जाने वाली पेंशन संकल्प महारैली में कुरुक्षेत्र से भारी संख्या में प्राध्यापक तथा अध्यापक साथी भाग लेंगे। आज पुरानी पेंशन संकल्प महारैली के लिए हसला राज्य कार्यकारिणी के सदस्य राजेश सैनी के सेक्टर 4 स्थित निवास पर एक आवश्यक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विद्यालयों के प्राध्यापक तथा अध्यापक साथियों ने भाग लिया तथा जींद संकल्प महारैली के लिए आगामी रणनीति पर चर्चा की।डॉ तरसेम कौशिक तथा राजेश सैनी ने संयुक्त रूप से सभी साथियों से आह्वान किया कि सभी साथी 11 फरवरी 2024 को पेंशन संकल्प महा रैली में परिवार सहित भाग लेंगे। उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के महासचिव महेंद्र शर्मा को आश्वस्त किया कि हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन के सभी साथी परिवार सहित पेंशन संकल्प महारैली में परिवार सहित भाग लेंगे तथा अपने सभी साथियों को भी रैली में भाग लेने के लिए प्रेरित करेंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में राजेश सैनी, बंसीलाल, अली शेर, टीका सिंह, पीबीबीएस के जिला संयोजक रविदत्त शर्मा, कृष्ण दत्त, राजेंद्र बठला, सुभाष चंद, अशोक कुमार, पवन कुमार, बलवान सिंह, राम मेहर, अमरजीत सिंह, विक्रम सिंह, रमन, सुरेश राणा, संजीव जिंदल, सुरेंद्र कुमार, डॉ विश्व बंधु, जितेंद्र, भीम सिंह, सोहन लाल, रितेश कौशिक, सोमनाथ, अनिल कुमार, इंद्रजीत, रविंद्र कुमार, वीरेंद्र, राकेश,सतीश, अतुल शर्मा, रामकुमार, रामशरण, विवेक, श्रवण सिंह, धरमबीर, विनीत गुप्ता, अनिल कुमार, नरेश कुमार, देवेंद्र, राजेश कुंडु, धनपत राय, गुरचरण सिंह, भीम सिंह सहित कई साथियों ने शिरकत की तथा अपने विचार सांझा किए। डॉ तरसेम कौशिक ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि वे कर्मचारियों के हित में ओपीएस को बहाल करें क्योंकि ओपीएस स्कीम कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देती है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम व्यवस्था की बहाली के लिए पूरे देश के कर्मचारी लामबद्ध को चुके हैं तथा देश भर में नई पेंशन स्कीम(एनपीएस) का विरोध कर रहे हैं। डॉ तरसेम कौशिक ने कहा कि हरियाणा में भी पुरानी पेंशन बहाली की सुगबुगाहट तेज हो गई है क्योंकि पिछले कुछ समय से हरियाणा की विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने कर्मचारियों की वर्षो पुरानी माँग के पक्ष में बयानबाजी तेज कर दी है। राजेश सैनी ने कहा कि एक तरफ तो सरकार माननीयों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ दे रही है तथा दूसरी तरफ कर्मचारियों को एनपीएस यानी नई पेंशन स्कीम में शामिल किया हुआ है जोकि शेयर बाजार की चाल पर आधारित है। उन्होंने कहा कि 2006 के पश्चात सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए। हसला के राज्य उपप्रधान डॉ तरसेम कौशिक ने सभी कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे एनपीएस के विरोध में एकजुटता दिखाते हुए ओपीएस के पक्ष में खड़े हों तथा 11 फरवरी 2024 को जींद में होने वाली पेंशन संकल्प महारैली में परिवार सहित भाग लें ताकि सामाजिक सुरक्षा की गारंटी ओपीएस को लागू करवाया जा सके।
पुरानी पेंशन स्कीम (ओपीएस) एनपीएस से क्यों बेहतर
डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि पुरानी पेंशन स्कीम(ओपीएस) कर्मचारियों के लिए क्यों जरूरी है तथा क्यों सभी कर्मचारी संगठन पुरानी स्कीम बहाली के लिए आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओपीएस में पेंशन के लिए कर्मचारी के वेतन से कोई कटौती नहीं होती परंतु एनपीएस में कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती होती है। ओपीएस में जीपीएफ की सुविधा है परंतु एनपीएस में जीपीएफ की सुविधा नहीं होती। ओपीएस सामाजिक सुरक्षा की गारंटी देती है तथा इसमें कोई रिस्क नहीं है परंतु एनपीएस शेयर बाजार की चाल पर आधारित होती है। ओपीएस में सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत होती है परंतु एनपीएस में पेंशन निश्चित नहीं। ओपीएस में हर छह महीने के बाद डीए बढता है परंतु एनपीएस में ऐसा कोई प्रावधान नहीं। पुरानी पेंशन स्कीम में सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन के लिए जीपीएफ फंड से किसी तरह का निवेश नहीं करना पड़ता परंतु एनपीएस फंड से 40 प्रतिशत निवेश अनिवार्य है। डॉ तरसेम कौशिक ने बताया कि ओपीएस में 40 प्रतिशत पेंशन कॉम्युटेशन का प्रावधान है परंतु एनपीएस में कॉम्युटेशन का लाभ नहीं मिलता। ओपीएस में सेवानिवृत्ति के बाद मेडिकल सुविधा मिलती है परंतु एनपीएस में ऐसा कोई प्रावधान व सुविधा नहीं मिलती।