मेरे जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव आए, माँ ने बचपन से ही गीता सीखाई थी इसलिए कभी जीवन में निराशा व दुख नहीं आए- अमित शाह
कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान आयोजित संत सम्मेलन में श्री अमित शाह ने की शिरकत, अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से आज देश-विदेश में पहुंच रहा गीता का संदेश, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2016 से गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की पहल की, उसके लिए उनका साधुवाद
कुरुक्षेत्र 22 दिसंबर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि व्यक्ति, समाज, राष्ट्र व विश्व की समस्याओं का समाधान श्रीमद्भागवद् गीता में समाहित है। कुरुक्षेत्र में मनाये जा रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से आज देश-विदेश में गीता का शास्वत संदेश पहुंच रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस संत सम्मेलन के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उनकी धर्मपत्नी सोनल शाह, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शक्तिपीठ मां भद्रकाली मंदिर में परंपरा अनुसार पूजा अर्चना की और शक्तिपीठ के पीठाधीश सतपाल शर्मा महाराज ने पूजा अर्चना करवाई। केंद्रीय गृह मंत्री ने संत सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि लगभग 5000 साल से ज्यादा समय पहले कुरुक्षेत्र की धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपने श्रीमुख से गीता का  संदेश दिया था। उस संदेश को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के माध्यम से पूरे विश्व में स्थापित करने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि एक विद्वान ने कहा था कि गीता का ज्ञान, हर जगह फैलाने में सफल हों और इसकी स्वीकृति हो, तो विश्व में कभी युद्ध नहीं हो सकता। लेकिन असल मायने में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के लिए प्रेरित करने और उनकी शंकाओं का समाधान करने के लिए यह ज्ञान दिया था। मगर वह युद्ध अपने लिए नहीं, बल्कि पृथ्वी पर धर्म की स्थापना और सर्वसमाज के कल्याण के लिए था। केंद्रीय गृह मंत्री ने गीता के शास्वत संदेश का जीवन में महत्व समझाते हुए बताया कि मेरे जीवन में बहुत उतार चढ़ाव आए, लेकिन बचपन से ही माँ ने गीता सिखाई, इसलिए जीवन में कभी निराशा व दुख: का अनुभव नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल साधुवाद के पात्र, जिन्होंने गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव में आए थे, उस समय उन्होंने संकल्पना की थी कि गीता के संदेश को विश्व में प्रसारित करने के लिए इसका स्वरूप बढ़ाया जाना चाहिए। हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल साधुवाद के पात्र हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री की संकल्पना को मूर्तरूप दिया और वर्ष 2016 से गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 आने वाला है और वर्ष 2014 से 2024 तक के इन 10 सालों में भारत के स्वत: को जगाने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की मान्यता है कि इस देश की महान संस्कृति को हमेशा आगे बढ़ाना चाहिए। महान संस्कृति से मार्गदर्शन लेकर ही देश की नीतियों का निर्धारण व कानून बनने चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इन 10 सालों में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है और 22 जनवरी को श्रीरामलला अपने घर में प्रस्थापित हो जाएंगे। इसके अलावा, धारा 370 समाप्त हो चुकी है। साथ ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, केदार धाम और बदरीधाम को विकसित करना, कश्मीर में शारदा पीठ का पुर्नस्थापन और संसद के अंदर सनातन परंपरा का प्रतीक सेंगोल को स्थापित करना, ये सभी काम श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हुए हैं। उन्होंने कहा कि संत-महात्माओं ने सदैव समाज को राह दिखाने का कार्य किया है। मेरा विश्वास है कि इस प्रकार के कार्यक्रम से गीता के उपदेश व उसके ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ विश्व में गीता को पुर्नस्थापित करने का काम होगा।
लौह पुरुष की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ले रहे हैं देश की एकता के लिए निर्णय:मुख्यमंत्री मनोहर लाल
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर आगमन करने के लिए प्रदेश की 2.80 करोड़ लोगों की ओर से स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्ष 2014 से भारत सरकार का संचालन भारतीय संस्कृति के अनुसार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री श्री अमित शाह आसान तरीके से जटिल मुद्दों को सुलझा लेते हैं। जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने, अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का निर्माण, ट्रिपल तलाक जैसे ऐतिहासिक फैसले लिए हैं।
उन्होंने कहा कि वीरवार को ही लोकसभा व राज्यसभा में सीआरपीसी और आईपीसी से संबंधित तीन नए कानून पास हुए हैं, जोकि आज अध्यादेश बन गए हैं। आजादी के बाद 75 वर्षों से प्रचलित गुलामी के चिन्हों को एक-एक करके हटाकर देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को लौह पुरुष की संज्ञा देते हुए शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्ष पहले महाभारत के युद्ध में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया गीता का संदेश केवल पुस्तक का वाचन नहीं है बल्कि यह शास्वत:, सार्वभौमिक, सार्वकालिक है।
उन्होंने स्मरण कराया कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कुरुक्षेत्र आए थे तो उन्होंने कहा था कि गीता की धरा होने के नाते कुरुक्षेत्र का विशेष महत्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए वर्ष 2016 से गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानने की शुरुआत की है। आज विश्व का हर देश चाहता है कि उनके यहां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन हो। मॉरिशस, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया में गीता महोत्सव का आयोजन हो चुका है। कल ही श्रीलंका के संस्कृति मंत्री ने श्रीलंका में भी गीता महोत्सव का आयोजन करवाने के लिए उनसे बातचीत की है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने संतों का स्वागत भी किया और उन्हें गीता के प्रचार-प्रसार को गति देने का आगृह किया। संत-सम्मेलन को योग ऋषि बाबा रामेदव, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर स्वामी अवधेशानंद, स्वामी परमात्मानंद, स्वामी राजेंदर दास, स्वामी ब्रम्हानंद, स्वामी ब्रह्मसरूप, बाबा भूपेन्द्र, स्वामी शाश्वतानंद, राज्यमंत्री संदीप सिंह, विधायक सुभाष सुधा, पूर्व मंत्री कृष्ण बेदी, भाजपा के प्रदेश महामंत्री डा. पवन सैनी, चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, जिला परिषद की चेयरमैन कंवलजीत कौर, भाजपा जिलाध्यक्ष रवि बतान, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह, पिहोवा नप चेयरमैन आशीष चक्रपाणी, जिप वाईस चेयरमैन डीपी चौधरी सहित कई प्रख्यात संत-महात्मा व बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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पूरे विश्व में प्रेरणा प्रेरक के रुप में पहचाल बना चुका है अंतर्राष्टï्रीय गीता महोत्सव:स्वामी ज्ञानानंद
गीता मनीषी स्वामी ज्ञाननंद महाराज ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के संत सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि गीता महोत्सव कुरुक्षेत्र, हरियाणा या पूरे भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रेरणा प्रेरक बन अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहचान बन चुका है। जिसकी गूंज पूरे विश्व में हो रही है। उन्होंने कहा कि 23 दिसंबर शनिवार को गीता जयंती का दिन सभी के लिए महत्वपूर्ण है। गीता महोत्सव में आगंतुकों की संख्या हजारों से लाखों की संख्या में हुई है। भागवत गीता पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र का गौरव बन चुकी है। पूरे विश्व में कुरुक्षेत्र की पहचान बनी है। समाज की गीता के प्रति सोच बदली है क्योंकि गीता हिंदुओं का ही ग्रंथ नहीं है बल्कि पूरे समाज का ग्रंथ बना है। समाज में अराजकता, तनाव, दबाव इत्यादि वैश्विक समाधान को ढूंढने में गीता उत्सुक प्रेरणा और जागरूकता पैदा कर रही है। स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के कारण ऐसे ऐसे संकल्प सिद्ध हुए हैं जिन्हें हम सोच भी नहीं सकते थे। कभी लोग सोचते थे कि का धारा 370 हटेगी और 370 धारा हटी। राम मंदिर बनना भी सबके लिए सपना था और इस राम मंदिर के सपने को साकार करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 22 जनवरी को पूरे देश में अपनी सनातनी सोच को पूरा करने और उल्लास के अवसर का दिन रहेगा क्योंकि इस दिन अयोध्या में रामलला सम्मानजनक स्थान लेंगे।
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कुरुक्षेत्र ही पूरे विश्व में पावन और पवित्र धरा:परमानंद
स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि विश्व के सभी देशों ने भारत को ही धर्म की भूमिका है क्योंकि यहां धर्म का क्षेत्र है और धर्म का संबंध आस्था, किसी देवता किसी तालाब, किसी मंत्र विशेष से नहीं है यह सीधे तौर पर फर्ज़ से जुड़ा हुआ होता है। हम सब आज अपने स्वार्थ परायण में लगे हुए हैं और कर्तव्य परायणता से हट गए हैं। विश्व में शांति तभी होगी जब हम स्वार्थ परायणता की जगह कर्तव्य परायणता को स्थान देंगे। उन्होंने कहा कि स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने भागवत गीता की जागरूकता के लिए जो मुहिम चलाई है इससे सुख और आनंद की अनुभूति होती है।
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जीवन और आचरण में बसी हुई है गीता:रामदेव
योग ऋषि स्वामी बाबा रामदेव ने संत सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि हमारे जीवन और आचरण में गीता बसी हुई है। गीता में सब की गहरी निष्ठा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र प्रथम की कर्तव्य परायणता के साथ 365 दिन राष्ट्र के लिए जीते हैं। पूरे भारत को इस पर गर्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 140 करोड़ लोगों की ऊर्जा, आशा विश्वास के साथ विकसित भारत के संकल्प को आगे बढ़ाकर देश की समृद्धि को आगे बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को देश के गृहमंत्री अमित शाह ने मूर्त रूप देने का काम किया है। उन्होंने जिस विनयशीलता शौर्य, वीरता और पराक्रम के साथ हिंदुत्व होने, सनातनी और राष्ट्र प्रेम के प्रति अपार श्रद्धा व्यक्त की है वह देश और हम सबके लिए गौरव की बात है। उन्होंने देश के लिए कठोर निर्णय लेने का संकल्प लिया है और कभी अपने मूल्य और सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया। वह दिन दूर नहीं जब गीता महोत्सव का प्रवाह ऐसे ही निरंतर आगे बढ़ता रहेगा।
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22 जनवरी 2024 को अयोध्या में होगी श्रीराम लाल की प्राण प्रतिष्ठïा:दिनेश
विश्व हिंदू परिषद के दिनेश कुमार ने कहा कि आगामी 22 जनवरी को 12 बजकर 20 मिनट पर अयोध्या में श्री राम लाल की प्राण प्रतिष्ठा होगी। जो की 500 वर्षों का संघर्ष रहा है। उन्होंने सभी से अपील करते हुए कहा कि वह इस दिन अपने घर के बाहर पांच दीपक जरूर लगाए और गांव-गांव घर-घर इस आनंद के उत्सव को लाइव जरूर देखें।

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