कुरुक्षेत्र की भूमि सबसे पवित्रः सरदार गुरबख्श सिंह
केयू के गुलजारी लाल नीतिशास्त्र दर्शनशास्त्र अध्ययन केन्द्र में स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान के संयुक्त तत्वावधान में स्वदेशी मेले का हुआ शुभारम्भ
कुरुक्षेत्र, 15 दिसम्बर। नौकरी मांगने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनना चाहिए क्योंकि अपना रोजगार शुरू करने के अनेक फायदे हैं जिसमें सबसे प्रमुख फायदा है कि इसे हम अपनी अगली पीढ़ी को सौंप सकते हैं। यह विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने शुक्रवार को ब्रह्म सरोवर के तट पर स्थित गुलजारी लाल नंदा दर्शन एवं अध्ययन केन्द्र में स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान के संयुक्त तत्वावधान में आरम्भ हुए स्वदेशी मेले के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने वहां पर उपस्थित जनसमुदाय व यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के छात्रों को सम्बोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के गठन व उसकी रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि स्वदेशी जागरण मंच का मुख्य उद्देश्य है भारत के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना ताकि वे स्वयं का रोजगार सृजित कर सकें और आगे बेरोजगार युवाओं को रोजगार दे सके। वर्तमान समय में पूरे देश में जो व्यवस्था है उसमें प्रत्येक व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती इसलिए जरूरत है कि हम आत्मनिर्भर बनें और नौकरी मांगने की बजाए नौकरी देने वाले बनें। यहीं नहीं दो वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर स्वावलम्बी भारत अभियान का शुभारंभ किया था जिसमें गरीबी मुक्त व रोजगार युक्त भारत का सपना साकार करने का कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सरदार गुरबख्श सिंह मनचंदा, चेयरमैन सागा म्यूजिक, माडर्न एग्रो ने कहा कि कुरुक्षेत्र भूमि सबसे पवित्र भूमि है। हमें अपनी मातृभूमि का कर्ज उतारना चाहिए और यहीं पर रहकर काम करना चाहिए न कि विदेश में जाकर। उन्होंने युवाओं को सम्बोधित करते हुए आह्वान किया कि तुम सब इस देश के भविष्य हो इसलिए सभी शपथ लें कि बड़े होकर रोजगार देने वाले बनोगे। यदि प्रत्येक बच्चा इस सोच के तहत् काम करेगा तो निश्चित तौर पर भारत बहुत आगे बढ़ेगा और विकसित भारत का सपना साकार होगा।
इससे पूर्व स्वदेशी मेले में पहुंचने पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, सरदार गुरबख्श सिंह का कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल और अश्वनी जैन, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, स्वदेशी जागरण मंच के स्टेट कोऑर्डिनेटर कपिल मदान, डॉ. अजय जांगडा, डॉ. सुखविन्द्र सैनी व डॉ. सुशील टाया ने स्वागत किया और विधिवत् रूप से भारत माता व दत्तोपन्त ठेंगड़ी व बाबू गेनू सैद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर मेले का शुभारंभ किया। स्वदेशी मेले में भिन्न-भिन्न संस्थानों ने अपने स्टाल लगाए। खासतौर पर यूनिवर्सिटी सीनियर सैकेंडरी मॉडल स्कूल द्वारा लगाया गया स्टाल सबके आकर्षण का केन्द्र बना रहा। स्कूल के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करे।कार्यक्रम में केडीबी के सदस्य डॉ. आरके मोदगिल, अशोक रोशा, डॉ. अमित कम्बोज, प्रो. कंवल सचदेवा, हरिकेश पपोसा, प्रवीण शर्मा, डॉ महासिंह पुनिया, महिमा,मंदीप,सुनीता, सोनिया,मुकेश, किरण, विरेंद्र कर्मवीर,सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
कुरुक्षेत्र, 15 दिसम्बर। नौकरी मांगने वाला नहीं नौकरी देने वाला बनना चाहिए क्योंकि अपना रोजगार शुरू करने के अनेक फायदे हैं जिसमें सबसे प्रमुख फायदा है कि इसे हम अपनी अगली पीढ़ी को सौंप सकते हैं। यह विचार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने शुक्रवार को ब्रह्म सरोवर के तट पर स्थित गुलजारी लाल नंदा दर्शन एवं अध्ययन केन्द्र में स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान के संयुक्त तत्वावधान में आरम्भ हुए स्वदेशी मेले के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने वहां पर उपस्थित जनसमुदाय व यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के छात्रों को सम्बोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के गठन व उसकी रूपरेखा के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि स्वदेशी जागरण मंच का मुख्य उद्देश्य है भारत के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना ताकि वे स्वयं का रोजगार सृजित कर सकें और आगे बेरोजगार युवाओं को रोजगार दे सके। वर्तमान समय में पूरे देश में जो व्यवस्था है उसमें प्रत्येक व्यक्ति को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती इसलिए जरूरत है कि हम आत्मनिर्भर बनें और नौकरी मांगने की बजाए नौकरी देने वाले बनें। यहीं नहीं दो वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर स्वावलम्बी भारत अभियान का शुभारंभ किया था जिसमें गरीबी मुक्त व रोजगार युक्त भारत का सपना साकार करने का कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सरदार गुरबख्श सिंह मनचंदा, चेयरमैन सागा म्यूजिक, माडर्न एग्रो ने कहा कि कुरुक्षेत्र भूमि सबसे पवित्र भूमि है। हमें अपनी मातृभूमि का कर्ज उतारना चाहिए और यहीं पर रहकर काम करना चाहिए न कि विदेश में जाकर। उन्होंने युवाओं को सम्बोधित करते हुए आह्वान किया कि तुम सब इस देश के भविष्य हो इसलिए सभी शपथ लें कि बड़े होकर रोजगार देने वाले बनोगे। यदि प्रत्येक बच्चा इस सोच के तहत् काम करेगा तो निश्चित तौर पर भारत बहुत आगे बढ़ेगा और विकसित भारत का सपना साकार होगा।
इससे पूर्व स्वदेशी मेले में पहुंचने पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, सरदार गुरबख्श सिंह का कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल और अश्वनी जैन, डॉ. अंकेश्वर प्रकाश, स्वदेशी जागरण मंच के स्टेट कोऑर्डिनेटर कपिल मदान, डॉ. अजय जांगडा, डॉ. सुखविन्द्र सैनी व डॉ. सुशील टाया ने स्वागत किया और विधिवत् रूप से भारत माता व दत्तोपन्त ठेंगड़ी व बाबू गेनू सैद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर मेले का शुभारंभ किया। स्वदेशी मेले में भिन्न-भिन्न संस्थानों ने अपने स्टाल लगाए। खासतौर पर यूनिवर्सिटी सीनियर सैकेंडरी मॉडल स्कूल द्वारा लगाया गया स्टाल सबके आकर्षण का केन्द्र बना रहा। स्कूल के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करे।कार्यक्रम में केडीबी के सदस्य डॉ. आरके मोदगिल, अशोक रोशा, डॉ. अमित कम्बोज, प्रो. कंवल सचदेवा, हरिकेश पपोसा, प्रवीण शर्मा, डॉ महासिंह पुनिया, महिमा,मंदीप,सुनीता, सोनिया,मुकेश, किरण, विरेंद्र कर्मवीर,सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।