गोबिंद नगर में स्थापित हुआ बुंगा गोबिंद धाम, गुरमत सिखलाई के रूप में खुली अकेडमी,महान संत समागम में राज्य मंत्री ने की शिरकत
पिहोवा 8 दिसंबर डेरा फतेह सिंह के गोबिंद नगर में स्थित बुंगा गोबिंद धाम में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को समर्पित महान गुरमत समागम आयोजित किया गया। इसमें रागी, ढाढ़ी व कथा वाचक जत्थों ने संगत को गुरबाणी से निहाल किया। समागम में राज्य मंत्री संदीप सिंह ने भी हिस्सा लिया।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष नतमस्तक होने के उपरांत राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि धर्म एवं मातृभूमि की रक्षा के लिए सर्व वंश वारने वाले योद्धा गुरु गोबिंद सिंह जी से बड़ा वीर और दानी इस धरती पर नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि मुगलों के अत्याचार को अपने ऊपर झेलने वाले साहबजादों का बलिदान सिख कोम खासकर युवाओं में वीरता और राष्ट्र प्रेम का जज्बा पैदा करता रहेगा। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी को सिखों के गौरवमई इतिहास से जोड़े रखना हम सब का दायित्व है। खासकर विदेशों में बसी संगत से उन्होंने कहा कि अपने बच्चों को गुरु साहिबानों के इतिहास से जरूर अवगत कराएं ताकि युगों युगों तक प्रेरणा मिलती रहे। उन्होंने बताया कि सिखों के स्वाभिमान का प्रतीक खंडा चौक जल्द ही अंबाला हिसार मार्ग पर ड्रेन पुल के नजदीक स्थापित किया जाएगा। जो पूरे प्रदेश का सबसे भव्य चौक होगा। इसके लिए उन्होंने 31 लाख रुपए की पहली किश्त जारी करने की घोषणा उन्होंने मंडी के गुरमति समागम में की है। यदि फिर भी कोई कमी शेष रही तो उसे भी पूरा किया जाएगा।
राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि दिसंबर माह में गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार की शहादत भरे दिन आएंगे। जिन्हें पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। मंच संचालक तेजिंद्र सिंह स्याहपोश ने बताया कि बुंगा गोबिंद धाम में सिख बच्चों को धर्म की शिक्षाओं से सुसज्जित किया जाएगा। यहां निशुल्क रूप से बच्चों को गुरबाणी, नितनेम, शब्द कीर्तन एवं अन्य धार्मिक विषयों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। गुरमत सिखलाई का यहां विशेष केंद्र होगा।इस मौके परदरबार साहिब अमृतसर के हजूरी रागी जाते ने संगत को गुरबाणी से निहाल किया। समागम में बाबा बलबीर सिंह 96 करोड़ी ने गुरु गोबिंद सिंह व उनके साहिबजादों के अस्त्र शस्त्रों के दर्शन संगत को कराए। समागम में जत्थेदार सतपाल सिंह रामगढिय़ा, लवप्रीत सिंह खैहरा डॉ. अवनीत सिंह वड़ैच, मुख्तयार सिंह, कंवलजीत सिंह, हरजिंदर सिंह व जोगिंदर सिंह बेदी सहित सैंकड़ों की संख्या में संगत गुरु साहिब के समक्ष नतमस्तक हुई।