हरसेक के माध्यम से 49 केस और पटवारी तथा ग्राम सचिव के माध्यम से 51 केसों में अवशेषों में आग लगाने की रिपोर्ट की दर्ज, अवशेषों को आग लगाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई के आदेश
कुरुक्षेत्र 9 अक्टूबर उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिले में फसल अवशेषों में आग लागने वाले किसानों को सेटेलाइट के साथ-साथ पटवारी, ग्राम सचिव व अन्य अधिकारियों के माध्यम से निगरानी रखी जा रही है। इन दोनों माध्यमों के जरिए जिले में अब तक 100 जगहों पर फसल अवशेषों में आग लगाने की सूचना मिली है, इनमें से हरसेक सेटेलाइट से 49 और पटवारी, ग्राम सचिव के माध्यम से 51 सूचनाएं प्राप्त हुई है। इन 100 जगहों में 84 जगहों पर आग लगाने की सूचना सही मिली है। अहम पहलू यह है कि फसल अवशेषों में आग लागने वाले 78 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई और 1 लाख 77 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी किया गया है और 4 मामलों में कार्रवाई की जा रही है।
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों को सख्त आदेश दिए गए है कि सभी अधिकारी और कर्मचारी फसल अवशेषों में आग लगाने वालों पर अपनी पैनी निगाहे रखेंगे और ऐसे लोगों के चालान कर उन पर जुर्माना लगाना भी सुनिश्चित करेंगे। इन आदेशों की अवहेलना नहीं होनी चाहिए, सभी अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी रखेंगे ताकि कोई भी व्यक्ति फसल अवशेषों में आग ना लगा सके। अगर कोई किसान या व्यक्ति फसल अवशेषों में आग लगाता है तो तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जाए। अब तक इस जिले में बासमती की 12442 एकड़ और नॉन बासमती 146778 एकड़ भूमि पर धान की फसल की कटाई का कार्य किया जा चुका है। अब तक कृषि विभाग के अधिकारियों को विभिन्न साधनों के जरिए 51 मामलों और हरसेक के माध्यम से 49 मामलों सहित 100 स्थानों पर फसल अवशेषों में आग लगाने की सूचना मिली। इन सूचनाओं के आधार पर 84 जगहों पर फसल अवशेषों में आग लगाने की सूचना सही पाई गई। इनमें से 78 जगहों पर आग लगाने वालों के खिलाफ चालान करके 2 लाख 2 हजार 500 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया और 4 मामलों में विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से फसल अवशेषों का प्रबंधन करने के लिए किसानों को आर्थिक रूप से लाभ दिया जा रहा है। किसानों को प्रति एकड़ 1 हजार रुपए की सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा रही है। इस योजना का अधिक से अधिक किसानों को फायदा उठाना चाहिए। सीआरएम स्कीम के तहत कृषि विभाग की तरफ से आईईसी एक्टिविटी का आयोजन लगातार किया जा रहा है। इन गतिविधियों के माध्यम से किसानों को फसल अवशेषों में आग ना लगाने के फायदों और नुक्सान के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है।