किसान को प्रति एकड़ मिलेगा 1 हजार का आर्थिक लाभ, उपायुक्त ने अधिक से अधिक किसानों को पंजीकरण करवाने की अपील, 30 नवंबर तक किसान करवा सकते है पंजीकरण
कुरुक्षेत्र 9 अक्टूबर उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि कुरुक्षेत्र के 3220 किसानों ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 28475 एकड़ भूमि का पंजीकरण करवाया लिया है। इन किसानों को सरकार की तरफ से 2 करोड़ 84 लाख 75 हजार रुपए का आर्थिक लाभ दिया जाएगा। इस जिले में किसान 30 नवंबर 2023 तक फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते है। जो किसान अपना पंजीकरण करवाएगा, वह सरकार की योजनाओं का फायदा भी उठा सकेगा।
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कुरुक्षेत्र के किसानों से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अपना पंजीकरण करवाने की अपील करते हुए कहा कि पिहोवा में 864, शाहबाद में 395, लाडवा में लगभग 304, थानेसर में लगभग 1179, इस्माईलाबाद में 235 और बाबैन में 243 किसानों ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अपनी जमीन का पंजीकरण करवा लिया है। इस योजना का अधिक से अधिक किसानों को फायदा उठाने के लिए 30 नवंबर तक अधिक से अधिक किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना चाहिए। इसके लिए प्रशासन और कृषि विभाग की तरफ से गांव-गांव में जाकर किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस जिले में लगभग 898 किसानों ने खेतों में ही मशीनों के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन करने, लगभग 513 किसानों ने खेतों में ही मशीन के बिना डीकम्पोजर से फसल अवशेष प्रबंधन करने, लगभग 1844 किसानों ने खेत से बाहर फसल अवशेषों का बेलर बनाकर प्रबंधन करने लिए अपना पंजीकरण करवाया है।
उपायुक्त ने कहा कि कुरुक्षेत्र जिले में लगभग 6771 एकड़ भूमि में खेतों में मशीनों के बिना फसल प्रबंधन, लगभग 3369 एकड़ भूमि पर खेतों में बिना मशीनों के डिकम्पोजर के जरिए फसल अवशेषों का प्रबंधन करने और लगभग 18324 एकड़ भूमि पर खेतों से बाहर मशीनों के द्वारा बेलर बनाने के लिए पंजीकरण करवाया है। भारत सरकार द्वारा फसल अवशेष के एक्स-सीटू प्रबंधन की महत्ता को ध्यान में रखते हुए फसल अवशेष प्रबंधन स्कीम 2023-24 के अंतर्गत फसल अवशेष/पराली आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने हेतु पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में पराली खरीदकर उपयोग करने वाले प्रमुख उद्योगों से आवेदन आमंत्रित किये जा रहे है। इस स्कीम के तहत किसान के खेतों से पराली की बेल एकत्रित करके प्रमुख उद्योगों द्वारा खरीदी जाएगी। उद्योगपति तथा किसान/किसान समूह/ग्रामीण उद्यमी किसानों की सहकारी समिति/एफपीओ/पंचायत के मध्य स्कीम अनुसार एग्रीमेंट किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि एक सीजन में न्यूनतम 3 हजार मीट्रिक टन पराली सप्लाई के लिए 1 करोड़ रुपये तक की मशीनरी खरीदने के लिये प्रोजेक्ट तैयार करना होगा। इसी प्रकार न्यूनतम 4500 मीट्रिक टन पराली सप्लाई के लिए 1.5 करोड़ रुपये तक की मशीनरी खरीदने के लिए प्रोजेक्ट तैयार करना होगा। प्रोजेक्ट के कुल कैपिटल खर्च का 65 फीसदी खर्च सरकार द्वारा, 25 फीसदी उद्योग द्वारा एवं 10 फीसदी मशीनरी चलाने वाले किसानों की सहकारी समिति/एफपीओ द्वारा वहन किया जाएगा। पराली खरीदने की इच्छा प्रमुख इंडस्ट्री विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणा.जीओवी.इन पर एप्लीकेशन ऑफ पैडी स्ट्रा सप्लाई चैन-2023-24 के माध्यम से अपना ऑनलाइन आवेदन कर सकती है। प्रोजेक्ट के संबंध में भारत सरकार की शर्तों की जानकारी के लिए इच्छुक व्यक्ति सहायक कृषि अभियन्ता कुरुक्षेत्र कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है।

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