पिहोवा 3 अक्टूबर उपमंडल कृषि अधिकारी डा. मनीष वत्स ने बताया कि उपमंडल पिहोवा के विभिन्न गांवों में फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत चेतना रैली निकाली जा रही है। इस रैली को एक अभियान के रूप में चलाकर लोगों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
डा. मनीष वत्स ने बताया कि मंगलवार को फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर फ्लैग मार्च निकाला गया, जिसमें कृषि विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के अतिरिक्त विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया तथा आमजन तक फसल अवशेषों को न जलाने का संदेश पहुंचाया। फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर निकाली जाने वाली चेतना रैली की कड़ी में गांव मुर्तजापुर, लोटनी, जलबेड़ा, नैसी, मडाडो, शेरगढ़, थांडड़ो, इस्माईलाबाद, इस्माईलपुर तथा चम्मु कलां व ककराला गुजरान में चेतना रैली निकालकर आमजन को फसल अवशेषों का उचित प्रबंध करने वाले विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि उपमंडल अधिकारी नागरिक सोनू राम के मार्गदर्शन में मंगलवार को फ्लैग मार्च सहित विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया गया। चित्रकला प्रतियोगिता का मेन थीम फसल अवशेष प्रबंधन पर आधारित था। फसल अवशेष प्रबंधन चेतना रैली के दौरान गांव स्योंसर के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में भी चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस अभियान के तहत किसानों को जागरूक किया जा रहा है और साथ साथ फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की निगरानी की जा रही है। खंड पिहोवा में पिछले एक सप्ताह से फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है, जिसमें किसानों को सचेत भी किया जा रहा है कि जो भी किसान फसल अवशेषों का प्रबंधन न करते हुए आग लगाएगा उस किसान का तुरंत चालान किया जायेगा। इस बार प्रशासन खेतों की पराली में आग लगाने वालों पर उचित कार्यवाही करेगा।
उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा जारी की गई फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत किसी भी विधि का उपयोग करते हुए चाहे इन-सीटू या एक्स-सीटू जिसमे मशीनों के इस्तेमाल से गांठ बनाने या पराली को भूमि में मिलाने पर सरकार द्वारा प्रति एकड़ एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी। इसके लिए किसान एग्रीहरियाणा.जीओवी.इन वेबसाइट पर जा कर पंजीकरण कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर पंजीकरण शुरू हो चुका है, जिसकी अंतिम तिथि 30 नवंबर 2023 है। इसके लिए किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर पंजीकृत होना अनिवार्य है। अगर कोई भी किसान फसल अवशेषों में आग लगाता पाया गया तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी जिसके तहत प्रति एकड़ 2500 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया है तथा जुर्माना न भरने की सूरत में एफआईआर भी दर्ज करवाई जा सकती है।

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