सरस्वती बोर्ड की तरफ से सरस्वती नदी के किनारे बड़े-बड़े जलाशय बनाने की योजना पर किया जा रहा है कार्य, बोर्ड का फोकस पानी रिचार्जिंग पर, बोर्ड की तरफ से पानी प्रबंधन को लेकर आयोजित किया गया कॉन्क्लेव

डॉ. राजेश वधवा

कुरूक्षेत्र। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि सरस्वती नदी के किनारे बड़े-बड़े जलाशय बनाकर पानी का प्रबंधन किया जा रहा है। इससे कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल और अन्य जिलों में भूजल स्तर की स्थिति में सुधार होगा तथा डार्क जोन जैसी भंयकर समस्या से निजात भी मिलेगी। अहम पहलू यह है कि जो भी पंचायत जमीन देने का प्रस्ताव बोर्ड को सौंपेगी, बोर्ड की तरफ से उस पंचायत में जलाशय का निर्माण किया जाएगा।
उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच मंगलवार को पंचायत भवन के सभागार में हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से पानी प्रबंधन को लेकर आयोजित किए गए कॉन्क्लेव में बोल रहे थे। इससे पहले बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच, अधीक्षक अभियंता अरविंद कौशिक, पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, प्रोफेसर एमएम गोयल ने विधिवत रूप से वैदिक सरस्वती नदी जलाशय के विषय पर आयोजित कॉन्क्लेव का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। इस कॉन्क्लेव में सभी विषय विशेषज्ञों ने सरस्वती नदी के बहाव, जल प्रबंधन और जलाशयों का निर्माण करके डार्क जोन जैसी समस्या से निजात पाने के विषय पर अपने विचार व्यक्त किए और कॉन्क्लेव में आमंत्रित किए गए पंचों, सरपंचों, गांवों की समितियों के प्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किए गए। इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई कि पानी की कमी नहीं है, केवल पानी का उचित प्रबंधन करने की जरुरत है।
उपाध्यक्ष ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरस्वती नदी के साथ सोम नदी, धनौरा नदी, राक्षी नदी, लिंडा नाला, खांड नाला, चौतंग नाला, दावा नदी, अजीजपुर, पिंजोरा ड्रैन, बैंटन नाला को सरस्वती नदी के साथ जोड़ने का प्रयास बोर्ड की तरफ से किया जा रहा है। इन नदियों और नालों को खुलवाने के लिए बोर्ड की तरफ से कार्य किया जा रहा है। इस समय बोर्ड की तरफ से मुख्यमंत्री मनोहर लाल के जल बचाने और जल नीति के सपने को साकार करने के प्रयास किए जा रहे है। इन प्रयासों को अमलीजामा पहनाने के लिए बड़े-बड़े जलाशय बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। बोर्ड की तरफ से गांव बिहोली, रामपुरा, मरचेहड़ी और अन्य गांवों में जलाशयों का निर्माण किया जा चुका है और कई ओर गांवों में जलाशय बनाने का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा जो भी ग्राम पंचायत लिखित रुप में जलाशय के लिए जमीन देने का प्रस्ताव पास करेगी, उस ग्राम पंचायत में बोर्ड की तरफ जलाशय का निर्माण कर दिया जाएगा।

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