अब विद्यार्थियों को पंचकर्म में सर्टीफिकेट कोर्स के साथ डिप्लोमा भी कराया जाएगा

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय की वीरवार को शैक्षणिक परिषद की छठी बैठक हुई। जिसमें विश्वविद्यालय में शैक्षिक स्तर को और बढ़ाने, शोध व नवाचार के माध्यम से कैसे आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति देश व दुनिया के लिए उपयोगी हो सकती है आदि विषयों पर प्रस्ताव रखे गए l इसी कड़ी में शोधार्थी वित्तीय सहायता के नियम व एक साल के पंचकर्म सहायक के कोर्स को डिप्लोमा में तब्दील करने पर प्रस्ताव पारित हुए l इसके साथ ही विभिन्न विषयों के मानक संचालन प्रक्रिया पर विचार मंथन किया गया। कुलपति प्रो. करतार सिंह धीमान की अध्यक्षता में शैक्षणिक परिषद की यह पहली बैठक थी l शैक्षणिक परिषद के सदस्य कुलसचिव डॉ. नरेश भार्गव ने कुलपति प्रो. करतार सिंह धीमान जी का अभिनंदन किया और परिषद के सदस्यों से परिचय करवाया। बैठक में कुल नौ प्रस्ताव पारित हुए। बैठक में कुलपति प्रो. धीमान ने कहा कि श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति के पथ अग्रसर है। यह सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास से ही संभव हुआ है। अगर इसी तरह सकारात्मक सोच के साथ सभी मिलकर काम करेंगे, तो निश्चित तौर पर एक अच्छा परिवर्तन संस्थान में देखने को मिलेगा और विश्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर को सही दिशा में ले जाने का और उच्चतम स्तर हासिल करने का हमारा सामूहिक प्रयास भी सफल होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रगति और विकास के लिए शैक्षणिक परिषद की बैठक अहम रोल अदा करती है, जिसमें विभिन्न विषयों पर गंभीर विचार-मंथन किया जाता है, जो भारत देश की लोकतांत्रिक भावना का ही एक स्वरूप है। इसलिए एक सकारात्मक सोच व लगन से कार्य करें। जिसका असर भविष्य में जरूर देखने को मिलेगा।

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